Karm Karak in Sanskrit - कर्म कारक (को) - Karm Karak ke Udaharan - द्वितीया विभक्ति - संस्कृत, हिन्दी
कर्म कारक द्वितीया विभक्ति – Karm Karak in Sanskritकर्म कारक – द्वितीया विभक्तिः – Karm Karak in Sanskrit (1) कर्ता क्रियया यं सर्वाधिकम् इच्छति तस्य कर्मसंज्ञा भवति। (कर्तुरीप्सिततमं कर्म।) (कारक) कर्मणि च द्वितीया विभक्तिः भवति। (कर्मणि द्वितीया) यथा संजीव पास बुक्स (कर्त्ता क्…
Karak in Sanskrit - कारक प्रकरण - Karak key Udaharan - विभक्ति, भेद, चिह्न - संस्कृत व्याकरण
कारकम्। – Karak in Sanskritकारक की परिभाषा – Karak Ke ParibhashaKarak in Sanskrit: क्रिया को जो करता है अथवा क्रिया के साथ जिसका सीधा अथवा परम्परा से सम्बन्ध होता है, वह ‘कारक’ कहा जाता है। क्रिया के साथ कारकों का साक्षात् अथवा परम्परा से सम्बन्ध किस प्रकार होता है, …
Bru Dhatu Roop In Sanskrit - ब्रू (बोलना) धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
ब्रू (बोलना) धातु के रूप – Bru Dhatu Roop In Sanskritब्रू (बोलना) धातु रूप: ब्रू एक भाषा है जो दक्षिणपूर्व एशिया के ब्रू लोगों द्वारा बोली जाती है। यह मोन-ख्मेर की उपभाषा]] (dialect continuum) है। सो और खुआ इसकी उपबोलियाँ हैं। भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। अलग-अ…
Kra Dhatu Roop In Sanskrit - कृ धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
कृ धातु के रूप – Kra Dhatu Roop In Sanskritकृ धातु रूप: गुणों के उत्पादन से। संस्कार ये दोनों ही काम करते हैं। ‘सम्’ उपसर्ग पूर्वक ‘कृ’ धातु से ‘घञ्’ प्रत्यय करने पर ‘संस्कार’ शब्द बनता है। पूर्वाचार्यों ने संस्कार हैं।कृ (= करना) – Kra (= Karana) लट् लकार (वर्तमानकाल)…
Labh Dhatu Roop In Sanskrit - लभ् धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
लभ् धातु के रूप – Labh Dhatu Roop In Sanskritलभ् (=पाना) – Labh (=Paana)लट् लकार (वर्तमानकाल) – Lat Lakar (Present Tense)पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचनप्रथम पुरुष लभते लभे लभन्तेमध्यम पुरुष लभसे लभेथे लभध्वेउत्तम पुरुष लभेते लभावहे लभामहेलृट् लकार (सामान्य भविष्यत्काल) –…
Gan Dhatu Roop In Sanskrit - गण धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
गण धातु के रूप – Gan Dhatu Roop In Sanskritगण धातु रूप: गण यह मूल में वैदिक शब्द था। वहाँ ‘गणपति’ और ‘गणनांगणपति’ शब्द प्रयोग में आए हैं। इस शब्द का सीधा अर्थ समूह था। देवगण, ऋषिगण पितृगण-इन समस्त पदों में यही अर्थ अभिप्रेषित है।वैदिक मान्यता के अनुसार सृष्टि मूल …
Daa Dhatu Roop In Sanskrit - दा (देना) धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
दा (देना) धातु के रूप – Daa Dhatu Roop In Sanskritदा (देना) धातु रूप: देना बैंक की स्थापना देवकरण नानजी के परिवार द्वारा को ‘देवकरण नानजी बैंकिंग कंपनी लिमिटेड’ के के नाम से की गई थी। यह में सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित हुआ और कालांतर में इसका नाम …
Tud Dhatu Roop In Sanskrit - तुद् (कष्ट देना) धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
तुद् (कष्ट देना) धातु के रूप – Tud Dhatu Roop In Sanskritतुद् (कष्ट देना) धातु रूप: “कष्ट” नाम से एक पृष्ठ है। अन्य प्राप्त खोज परिणामों को भी देखें। कष्ट परिश्रम श्रम (को॰) कष्ट वि॰ बुरा सदोष हानिकारक जो क्रमशः बुरी हालत को पहुँचा हो बदतर कष्टकर दुखदायक चितापूर्ण।तुद् …
Dish Dhatu Roop In Sanskrit - दिश् धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
दिश् धातु के रूप – Dish Dhatu Roop In Sanskritदिश् धातु रूप: “दिश्” नाम से एक पृष्ठ है। अन्य प्राप्त खोज परिणामों को भी देखें। दिश् संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] दिशा दिक् दिश् संज्ञा पुं॰ एक देवता जो कान के अधिष्ठाता माने जाते हैं। विभाग इसके गुण हैं। पर्या॰ कुसुम काष्ठा आशा हर…
Grah Dhatu Roop In Sanskrit - ग्रह धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)
ग्रह धातु के रूप – Grah Dhatu Roop In Sanskritग्रह धातु रूप: सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और न…