Sanskrit Grmmar

Dvandva Samas in Sanskrit - द्वन्द्वसमास: - परिभाषा, उदाहरण, सूत्र, अर्थ - संस्कृत

Feb. 23, 2023

द्वन्द्वसमास: Dvandva Samas in SanskritDvandva Samas in Sanskrit: द्वन्द्व समास में आकांक्षायुक्त दो पदों के मध्य में ‘च’ (और, अथवा) आता है, है। जैसे– धर्मः च अर्थ : च – धर्मार्थो। यहाँ पूर्व पद ‘धर्मः’ और उत्तर पद ‘अर्थः’ इन दोनों की ही प्रधानता है। द्वन्द्व समास में समस्त प…

Deep Pratyay in Sanskrit - डीप् प्रत्यय: - Deep Pratyay ke Udaharan - परिभाषा, भेद, संस्कृत व्याकरण

Feb. 23, 2023

डीप् प्रत्यय: – Deep Pratyay in Sanskritडीप् प्रत्यय: की परिभाषा(i) ऋन्नेभ्यो डीप – ऋकारान्त और (स्त्री) नकारान्त शब्दों से स्त्रीलिंग में (प्रत्यय) ङीप् प्रत्यय होता है। इसका ‘ई’ शेष रहता है, जैसे – कर्तृ+ङीप् = की, धातृ – धात्री, कामिन् – कामिनी, दण्डिन् – दण्डिनी, राजन् राज्ञी आ…

Taap Pratyay in Sanskrit - टाप् प्रत्ययः - Taap Pratyay ke Udaharan - परिभाषा, भेद, संस्कृत व्याकरण

Feb. 23, 2023

टाप् प्रत्ययः – Taap Pratyay in Sanskritटाप् प्रत्ययः परिभाषाटाप् प्रत्ययः अजाद्यतष्टाप् – अजादिगण में आये अज आदि शब्दों से तथा अकारान्त शब्दों से स्त्रीप्रत्यय ‘टाप्’ होता है। (स्त्री) ‘टाप्’ का ‘आ’ शेष रहता है।संजीव पास बुक्स ‘टाप्’ प्रत्ययान्त शब्दों के रूप आकारान्त स्त्रीलिङ्ग में ‘…

Dvigu Samas in Sanskrit - द्विगु समास - परिभाषा, उदाहरण, सूत्र, अर्थ - संस्कृत

Feb. 23, 2023

द्विगुसमासः – Dvigu Samas in SanskritDvigu Samas in Sanskrit: ‘संख्यापूर्वो द्विगु’ इस पाणिनीय सूत्र के अनुसार जब कर्मधारय समास का पूर्वपद संख्यावाची तथा उत्तरपद संज्ञावाचक होता है, तब वह ‘द्विगु समास’ कहलातायह समास प्रायः समूह अर्थ में होता है।समस्त पद सामान्य रूप से …

Karmadharaya Samas in Sanskrit - कर्मधारय समास - परिभाषा, उदाहरण, सूत्र, अर्थ - संस्कृत

Feb. 23, 2023

कर्मधारय समास – Karmadharaya Samas SanskritKarmadharaya Samas Sanskrit: जब तत्पुरुष समास के दोनों पदों में एक ही विभक्ति अर्थात् समान विभक्ति होती है, तब वह समानाधिकरण तत्पुरुष समास कहा जाता है। इसी समास को कर्मधारय नाम से जाना जाता है। इस समास में साधारणतया पूर्…

Avyay In Sanskrit - अव्यय प्रकरण, परिभाषा, भेद, Avyay ke Udaharan

Feb. 23, 2023

अव्यय संस्कृत में – Avyay In Sanskrit(पाठ्यपुस्तके कथायाम्, अनुच्छेदे, संवादे, पद्ये वा अव्ययानां प्रयोगाः) अव्यय संस्कृत परिभाषासंस्कृत भाषा में दो प्रकार के शब्द होते हैं – विकारी और अविकारी। जिन शब्दों का विभक्ति प्रत्यय, उपसर्ग लगाकर रूप – परिवर्तन हो जाता है, वे विकारी…

Tatpurush Samas in Sanskrit - तत्पुरुष समास - परिभाषा, उदाहरण, सूत्र, अर्थ - संस्कृत

Feb. 23, 2023

तत्पुरुष समास – Tatpurush Samas SanskritTatpurush Samas Sanskrit: तत्पुरुष समास में प्रायः उत्तर पदार्थ की प्रधानता होती है। जैसे– राज्ञः पुरुषः – राजपुरुषः (राजा का पुरुष)। यहाँ उत्तर पद ‘पुरुषः’ है, उसी की प्रधानता है। ‘राजपुरुषम् आनय’ (राजा के पुरुष को लाओ) ऐस…

Tal Pratyay in Sanskrit - तल् प्रत्यय: - Tal Pratyay ke Udaharan - परिभाषा, भेद, संस्कृत व्याकरण

Feb. 23, 2023

तल् प्रत्यय: – Tal Pratyay in Sanskritतल् प्रत्यय: – “तस्य भावः त्व – तलौ” – विशेषणवाची शब्दों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाने के लिए त्व तथा तल प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं। त्व प्रत्ययान्त शब्द नपुंसकलिंग होते हैं तथा उनके रूप ‘फल’ शब्द के समान बनते हैं। (तद्धित) ‘तल’ प्रत्यय में शब्द…

Than Pratyay in Sanskrit - ठन् प्रत्यय: - Than Pratyay ke Udaharan - परिभाषा, भेद, संस्कृत व्याकरण

Feb. 23, 2023

ठन् प्रत्यय: – Than Pratyay in Sanskrit‘अत इनिठनौ’ – अकारान्त शब्दों ‘वाला’ या ‘युक्त’ अर्थ में ‘इनि’ और (तद्धित) ‘ठन्’ प्रत्यय होता है। इनि का ‘इन्’ और ठन् का ‘ठ’ शेष रहता है।इनि प्रत्यय अकारान्त के अतिरिक्त आकारान्त शब्दों में भी लग सकता है, यथा– मया + इनि = मायिन्, शिखा…

Samas In Sanskrit - समास प्रकरण - Samas ke Udaharan - संस्कृत व्याकरण

Feb. 23, 2023

समास-प्रकरण – Samas Sanskritसमास शब्द की व्युत्पत्ति – सम् उपसर्गपूर्वक अस् धातु से घञ् प्रत्यय करने पर ‘समास’ शब्द निष्पन्न होता है। इसका अर्थ ‘संक्षिप्तीकरण’ है। समास की परिभाषा – संक्षेप करना अथवा अनेक पदों का एक पद हो जाना समास कहलाता है। अर्थात् जब अनेक पद मिलकर एक पद …