Than Pratyay in Sanskrit - ठन् प्रत्यय: - Than Pratyay ke Udaharan - परिभाषा, भेद, संस्कृत व्याकरण

ठन् प्रत्यय: – Than Pratyay in Sanskrit

‘अत इनिठनौ’ – अकारान्त शब्दों ‘वाला’ या ‘युक्त’ अर्थ में ‘इनि’ और (तद्धित) ‘ठन्’ प्रत्यय होता है। इनि का ‘इन्’ और ठन् का ‘ठ’ शेष रहता है।

  • इनि प्रत्यय अकारान्त के अतिरिक्त आकारान्त शब्दों में भी लग सकता है, यथा– मया + इनि = मायिन्, शिखा + इनि = शिखिन्, वीणा + इनि = वीणिन् इत्यादि।
  • इनि प्रत्ययान्त शब्द के रूप पुल्लिङ्ग में ‘करिन्’ के समान, स्त्रीलिंग में ‘ई’ लगाकर ‘नदी’ के समान और नपुंसकलिंग में ‘मनोहारिन्’ शब्द के समान चलते हैं।
  • ठन् प्रत्यय के ‘ठ’ को ‘इक्’ हो जाता है, यथा–
    • दण्ड+ठन् – दण्ड + इक् = दण्डिकः (दण्ड वाला)
    • धन+ठन् – धन + इक् = धनिकः (धन वाला)

कतिपय इनि और ठन् प्रत्ययान्त रूप इस प्रकार हैं –
Pratyay in Sanskrit 6
Pratyay in Sanskrit 7