तल् प्रत्यय: – Tal Pratyay in Sanskrit
तल् प्रत्यय: – “तस्य भावः त्व – तलौ” – विशेषणवाची शब्दों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाने के लिए त्व तथा तल प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं। त्व प्रत्ययान्त शब्द नपुंसकलिंग होते हैं तथा उनके रूप ‘फल’ शब्द के समान बनते हैं। (तद्धित) ‘तल’ प्रत्यय में शब्द के अन्त में ‘ता’ लगता है तथा वे स्त्रीलिङ्ग होते हैं एवं उनके रूप ‘लता’ के समान चलते हैं। यथा–
तल् प्रत्यय: – Tal Pratyay in Sanskrit ke Udaharan