सुप् प्रत्ययाः Sup Pratyaya In Sanskrit
सुप् प्रत्ययाः शब्द रूप के: सूप या शोरबा एक प्रकार का खाद्य पदार्थ है जो मीट और सब्जियों जैसी सामग्रियों को, स्टॉक, जूस, पानी या किसी अन्य तरल पदार्थ में मिलाकर बनाया जाता है। इसके सूप (संस्कृत : शूर्प), बांस या सींक आदि से बना हुआ अनाज फटकने का एक पात्र/औजार । इसकी सहायता से अनाज से कूड़ा-करकट या अनाज की भूसी आदि निकाली/अलग की जाती है।
सुप् प्रत्ययाः – (Sup Pratyaya) = Silent Response
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम (कर्ता) | स (स्,:) | औ | जस् (अ) |
द्वितीय (कर्म) | अम् | औट् (औ) | शस् (अ:) |
तृतीया (करण) | टा (आ) | भ्याम् | भिस् (भिः) |
चतुर्थी (सम्प्रदान) | डे (ए) | भ्याम् | भ्यस् (भ्यः) |
पञ्चमी (अपादान) | ङसि (अ:) | भ्याम् | भ्यस् (भ्यः) |
षष्ठी (सम्बन्ध) | ङस् (अः) | ओस् (ओ:) | आम् |
सप्तमी (अधिकरण) | ङि (इ) | ओस् (ओ:) | सुप् (सु) |
सम्बोधन | सु | औ | जस् (अ:) |
सुप् प्रत्ययाः प्रातिपदिक –
धातु, प्रत्यय और प्रत्ययान्त को छोड़कर सार्थक शब्द को प्रातिपदिक कहते हैं। कृत्-प्रत्ययान्त, तद्धित-प्रत्ययान्त और समास (समस्त-पद) को भी प्रातिपदिक कहते हैं। प्रतिपदिक शब्दों को अजन्त तथा हलन्त दो भागों में बाँटा जाता है।