सत्व संधि – Satv Sandhi Sanskrit
Satv Sandhi Sanskrit: सत्व – सन्धि – ‘विसर्जनीयस्य सः।’ यदि विसर्ग के सामने खर् वर्ण (वर्ग के 1. 2. श, ष, स) हो, तो विसर्ग के स्थान पर सकार हो जाता है। यथा –
सत्व संधि के उदाहरण – (Satv Sandhi Sanskrit Examples)
- विष्णुः त्राता = विष्णुस्त्राता
- रामः + च = रामश्च
- धनु: + टङ्कार = धनुष्टङ्कारः
- निः + छलः = निश्छलः
(2) विसर्ग – सन्धि – ‘वा शरि’ यदि विसर्ग के.सामने शर् वर्ण (श् ष् स्) हो, तो विसर्ग के स्थान पर विकल्प से विसर्ग आदेश होता है। यथा –
सत्व संधि के उदाहरण – (Satv Sandhi Sanskrit Examples)
- हरिः + शेते = हरिः शेते/हरिश्शेते
- निः + सन्देहः = निःसन्देह/निस्सन्देह
- नृपः + षष्ठः = नृपः षष्ठः/नृपष्षष्ठः
सम्बंधित संधि:
- उत्व सन्धि – Utv Sandhi in Sanskrit
- रुत्व सन्धि – Rutv Sandhi in Sanskrit
- लोप सन्धि – Lop Sandhi in Sanskrit