sambodhan karak - सम्बोधन कारक - परिभाषा, चिन्ह, उदाहरण - हिन्दी

Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.

संबोधन कारक

“जिस संज्ञापद से किसी को पुकारने, सावधान करने अथवा संबोधित करने का बोध हो, ‘संबोधन’ कारक कहते हैं।”

संबोधन प्रायः कर्ता का ही होता है, इसीलिए संस्कृत में स्वतंत्र कारक नहीं माना गया है। संबोधित संज्ञाओं में बहुवचन का नियम लागू नहीं होता और सर्वनामों का कोई संबोधन नहीं होता, सिर्फ संज्ञा पदों का ही होता है।

नीचे लिखे वाक्यों को देखें–
भाइयो एवं बहनो! इस सभा में पधारे मेरे सहयोगियो ! मेरा अभिवादन स्वीकार करें। हे भगवान् ! इस सड़ी गर्मी में भी लोग कैसे जी रहे हैं।
बच्चो ! बिजली के तार को मत छूना।
देवियो और सज्जनो ! इस गाँव में आपका स्वागत है।

नोट : सिर्फ संबोधन कारक का चिह्न संबोधित संज्ञा के पहले आता है।
संज्ञा एवं सर्वनाम पदों की रूप रचना

उल्लेखनीय है कि संज्ञा और सर्वनाम विकारी होते हैं और इसके रूप लिंग–वचन तथा कारक – के कारण परिवर्तित होते रहते हैं। नीचे कुछ संज्ञाओं एवं सर्वनामों के रूप दिए जा रहे हैं

1. अकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा : ‘फूल’
कारक (परसर्ग) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – फूल/फूल ने – फूल/फूलों ने
(०/को) कर्म – फूल/फूल को – फूलों को
(से/द्वारा) करण – फूल/फूल से/ के द्वारा – फूलों से/ के द्वारा
(को के लिए) सम्प्रदान – फूल को/ के लिए – फूलों को/ के लिए
(से) अपादान – फूल से – फूलों से
(का–के–की) संबंध – फूल का/के/की – फूलों का/ के की
(में पर) अधिकरण – फूल में/पर – फूलों में/ पर
(हे/हो अरे) संबोधन – हे फूल ! – हे फूलो !

2. अकारान्त स्त्री० संज्ञा : ‘बहन’
कारक (परसगी – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – बहन/बहन ने – बहनें/बहनों ने
(०/को) कर्म – बहन/बहन को – बहनों को
(से/द्वारा) करण – बहन से/के द्वारा – बहनों से/ के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – बहन को/ के लिए – बहनों को/के लिए
(से) अपादान – बहन से – बहनों से
(का–के–की) संबंध – बहन का/ केकी – बहनों का/ केकी
(में/पर) अधिकरण – बहन में/ पर – बहनों में पर
(हे/हो…) संबोधन – हे बहन ! – हे बहनो !

3. अकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा : ‘लड़का’
कारक (परसर्ग) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – लड़का/लड़के ने – लड़के/लड़कों ने
(०/को) कर्म – लड़के को – लड़कों को
(से/द्वारा) करण – लड़के से/के द्वारा – लड़कों से/के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – लड़के को/के लिए – लड़कों को/ के लिए
(से) अपादान – लड़के से – लड़कों से
(का–के–की) संबंध – लड़के का/के की – लड़कों का/ केकी
(में/पर) अधिकरण – लड़के में/पर – लड़कों में/पर
(हे/हो/…) संबोधन – हे लड़के ! – हे लड़को !

4. अकारान्त स्त्री० संज्ञा : ‘माता’
कारक (परसर्ग) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – माता/माता ने – माताएँ/माताओं ने
(०/को) कर्म – माता/माता को – माताओं को
(से/द्वारा) करण – माता से/के द्वारा – माताओं से/के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – माता को/के लिए – माताओं को के लिए
(से) अपादान – माता से – माताओं से
(का–के–की) संबंध – माता का/के/की – माताओं का/के की
(में/पर) अधिकरण – माता में/पर – माताओं में/पर
(हे/हो/…) संबोधन – हे माता ! – हे माताओ !

5. इकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा : ‘कवि’
कारक (परसर्ग) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – कवि/कवि ने – कवि/कवि ने
(०/क) कर्म – कवि/कवियों ने कवि/कवि को – कवि/कवियों ने कवि/कवि को
(से/द्वारा) करण – कवि/कवियों को कवि से/के द्वारा – कवि/कवियों को कवि से/के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – कवियों से/के द्वारा कवि को/के लिए – कवियों से/के द्वारा कवि को/के लिए
(से) अपादान – कवियों को/के लिए कवि से – कवियों को/के लिए कवि से
(का–के–की) संबंध – कवियों से कवि का/के की – कवियों से कवि का/के की
(में/पर) अधिकरण – कवियों का/के/की कवि में/पर – कवियों का/के/की कवि में/पर
(हे/हो/…) संबोधन – – कवियों में/पर हे कवि ! – हे कवियो !

6. इकारान्त स्त्री संज्ञा : ‘शक्ति’
कारक (परसम) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – शक्ति/शक्ति ने – शक्तियों ने/शक्तियाँ
(०/को) कर्म – शक्ति/शक्ति को – शक्तियों को/शक्तियाँ
(से/द्वारा) करण – शक्ति से/के द्वारा – शक्तियों से/के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – शक्ति को/के लिए – शक्तियों को/के लिए
(से) अपादान – शक्ति से – शक्तियों से
(का–के–की) संबंध – शक्ति का/के की – शक्तियों का/के की
(में/पर) अधिकरण – शक्ति में/पर – शक्तियों में/पर
(हे/हो…) संबोधन – हे शक्ति ! – हे शक्तियो !

7. ईकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा : ‘धोबी’
एकवचन में सभी रूप : धोबी ने / को से / के द्वारा को के लिए / से / का के। की / में पर हे धोबी !
बहुवचन में सभी रूप : धोबियों ने को / से के द्वारा / को के लिए से का के की / में पर हे धोबियो !

8. ईकारान्त स्त्री संज्ञा : ‘बेटी’
एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – बेटी ने/बेटी – बेटियाँ/बेटियों ने
(०/को) कर्म बेटी को – बेटियों को
(से/द्वारा) करण – बेटी से/के द्वारा– बेटियों से/के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – बेटी को/के लिए – बेटियों को/के लिए
(से) अपादान – बेटी से – बेटियों से
(का–के–की) संबंध – बेटी का/के/की – बेटियों का/के/की
(में/पर) अधिकरण – बेटी में/पर – बेटियों में पर
(हे/अरी) संबोधन – अरी बेटी ! – अरी बेटियो !

9. उकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा : ‘साधु’ एकवचन में सभी रूप : साधु ने / को से के द्वारा को के लिए से का के की में पर / हे साधु !
बहुवचन में सभी रूप : साधुओं ने / को से के द्वारा को के लिए / से का के। की। में पर हे साधुओ!

10. उकारान्त स्त्री संज्ञा : ‘वस्तु’
कारक (परसग) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – वस्तु/वस्तु ने – वस्तुएँ/वस्तुओं ने
(०/को) कर्म – वस्तु/वस्तु को – वस्तुओं को
(से/द्वारा) करण – वस्तु से/के द्वारा – वस्तुओं को/के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – वस्तु को/के लिए– वस्तुओं को/के लिए
(से) अपादान – वस्तु से – वस्तुओं से
(का–के–की) संबंध – वस्तु का/के/की – वस्तुओं का/के/की
(में/पर) अधिकरण – वस्तु में/पर – वस्तुओं में/पर
(हे/हो/अरी) संबोधन – अरी वस्तु !– अरी वस्तुओ !

11. ऊकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा : ‘भालू’ एकवचन में सभी : भालू ने / को / से / के द्वारा / को के लिए / से का / के की। में पर हे भालू !
बहुवचन में सभी : साधुओं ने को / से के द्वारा को के लिए से का / के की / में पर हे साधुओ !

12. ऊकारान्त स्त्री संज्ञा : ‘बहू’
कारक (परसगी) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – बहू ने/बहू – बहुएँ/बहुओं ने
(०/को) कर्म – बहू को बहू – बहुएँ/बहुओं को
(से/द्वारा) करण – बहू से/के द्वारा – बहुओं से के द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – बहू को/के लिए – बहुओं को/के लिए
(से) अपादान – बहू से – बहुओं से
(का–के–की) संबंध – बहू का/के की – बहुओं का/के/की
(में/पर) अधिकरण – बहू में/पर – बहुओं में/पर
(अरी/हे…) संबोधन – हे बहू ! – हे बहुओ !

13. ‘मैं’ सर्वनाम का रूप
कारक (परसर्ग) – एकवचन – बहुवचन
(०/ने) कर्ता – मैं/मैंने – हम/हमने
(०/को) कर्म – मुझे/मुझको – हमें हमको
(से/द्वारा) करण – मुझसे/मेरे द्वारा – हमें हमारे द्वारा
(को/के लिए) सम्प्रदान – मुझको/मेरे लिए – हमको/हमारे लिए
(से) अपादान – मुझसे – हमसे
(का–के–की) संबंध – मेरा/मेरे/मेरी – हमारा/हमारे हमारी
(में/पर) अधिकरण – मुझ में/मुझ पर – हम में/हम पर
(हे/हो/अरे) संबोधन – x – x

इसी तरह अन्य सर्वनामों के रूप देखें :

तू + ने – :तूने – वह + ने – :उसने/उन्होंने
तू + को – :तुझको – यह + को – :इसको/इसे/इनको
तू + रा/रे/री – :तेरा/तेरे/तेरी – यह + में – :इसमें इनमें
तू + में – :तुझमें – कोई – :सभी कारक–चिह्ण के साथ किसी
तुम + ने – :तुमने – कुछ – :सभी चिह्नों के साथ अपरिवर्तित
तु + को – :तुमको/तुम्हें – कौन + ने – :किसने
तुम + रा/रे/री – :तुम्हारा/तुम्हारे तुम्हारी – कौन + को – :किसे/किसको
वह + ने – :उसने/उन्होंने – जो – :जिस/’जिन’ के रूप में परिवर्तित
वह + का/के की – :उसका/उसके उसकी/उनका/उनमें उनकी
वह + में – :उसमें/उनमें