सखि शब्द के रूप – Sakhi Shabd Roop In Sanskrit
सखि शब्द रूप: असर ना करिते जाड॥ फागुन ए सखि फगुआ मचतु है, सब सखि खेलत फाग। खेलत होली लोग करेला बोली , दगधत सकल शरीर॥ चैत मास उदास सखि हो एहि मासे हरि मोरे जाई।
सखि (सखा, मित्र) इकारान्त पुंल्लिंग
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सुधीः | सुधियौ | सुधियः |
द्वितीया | सुधियम् | सुधियौ | सुधियः |
तृतीया | सुधिया | सुधीभ्याम् | सुधीभिः |
चतुर्थी | सुधिये | सुधीभ्याम् | सुधीभ्यः |
पंचमी | सुधियः | सुधीभ्याम् | सुधीभ्यः |
षष्ठी | सुधिय: | सुधियोः | सुधियाम् |
सप्तमी | सुधियि | सुधियोः | सुधीषु |
सम्बोधन | हे सुधीः ! | हे सुधियौ ! | हे सुधियः ! |
सखि शब्द रूप के विशेष – तत्पुरुष समास वाले शब्द के अन्त में ‘सखि’ शब्द रहने पर समासान्त ‘टच’ (अ) प्रत्यय होने पर ‘सखि’ का ‘सख’ बन जाने से उसका रूप अकारान्त पुंल्लिंग शब्द के समान चलता है। जैसे – प्रियसखः, देवसखः, बालसखः इत्यादि।