राम पुंल्लिग शब्द के रूप – Ram Pulling Shabd Roop In Sanskrit
राम पुंल्लिग शब्द रूप: ‘दशरथ’ शब्द का भी प्रयोग हुआ है। परन्तु उनके राम से सम्बद्ध होने का कोई संकेत नहीं मिल पाता है। ब्राह्मण साहित्य में ‘राम’ शब्द का प्रयोग ऐतरेय (बहुविकल्पी शब्द)वर्णों] से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ईकाई ही’शब्द’कहलाते है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता है।
अकारान्त पुंल्लिग ‘राम’ शब्द – Akaaraant Punllig Raam Shabd
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | रामः | रामौ | रामाः |
द्वितीया | रामम् | रामौ | रामान् |
तृतीया | रामेण | रामाभ्याम् | रामैः |
चतुर्थी | रामाय | रामाभ्याम् | रामेभ्यः |
पंचमी | रामात् | रामाभ्याम् | रामेभ्यः |
षष्ठी | रामस्य | रामयोः | रामाणाम् |
सप्तमी | रामे | रामयोः | रामेषु |
सम्बोधन | हे राम! | हे रामौ! | हे रामाः! |
राम पुंल्लिग शब्द रूप के नोट- इसी प्रकार अकारान्त पुल्लिग शब्द अध्यापक, मनुष्य, शुक, जनक, छात्र, अश्व, घट, गज, मृग, वृक्ष, शिक्षक, विद्यालय, कृषक, हिमालय, ग्राम, बालक, कृष्ण, शिव आदि के रूप भी चलेंगे।