Prachchh Dhatu Roop In Sanskrit - प्रच्छ् (पूछना) धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)

प्रच्छ् (पूछना) धातु के रूप – Prachchh Dhatu Roop In Sanskrit

प्रच्छ् (पूछना) धातु रूप: विशेष- गरमी के दिनों में दो दो फुट की दूरी इसके कंद गाड़े जाते हैं। इसके लिये प्रच्छी दोमट और बलुई जमीन चाहिए। यह अगस्त से फूलने लगता है और जनवरी फरवरी में हैं।

प्रच्छ् (=पूछना) – Prachchh (=Poochhana, Ask)

लट् लकार (वर्तमानकाल) – Lat Lakar (Present Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष पृच्छति पृच्छतः पृच्छन्ति
मध्यम पुरुष पृच्छसि पृच्छथः पृच्छथ
उत्तम पुरुष पृच्छामि पृच्छावः पृच्छामः

लृट् लकार (सामान्य भविष्यत्काल) – Lrit Lakar (Normal Future Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष प्रक्ष्यति प्रक्ष्यतः प्रक्ष्यन्ति
मध्यम पुरुष प्रक्ष्यसि प्रक्ष्यथः प्रक्ष्यथ
उत्तम पुरुष प्रक्ष्यामि प्रक्ष्याव: प्रक्ष्यामः

लुङ् लकार (हेतुहेतुमद् भविष्यत्काल) – Lud Lakar (Help Past Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष अप्रक्ष्यत् अप्रक्ष्यताम् अप्रक्ष्यन्
मध्यम पुरुष अप्रक्ष्यः अप्रक्ष्यतम् अप्रक्ष्यत
उत्तम पुरुष अप्रक्ष्यम् अप्रक्ष्याव अप्रक्ष्याम

लङ् लकार (अनद्यतन भूतकाल) – Lad Lakar Anadhatan (Past Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष अपृच्छत् अपृच्छताम् अपृच्छन्
मध्यम पुरुष अपृच्छः अपृच्छतम् अपृच्छत
उत्तम पुरुष अपृच्छम् अपृच्छाव अपृच्छाम

लोट् लकार (आदेशवाचक) – Lot Lakar (Commander)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष पृच्छतु पृच्छताम् पृच्छन्तु
मध्यम पुरुष पृच्छ पृच्छतम् पृच्छत
उत्तम पुरुष पृच्छानि पृच्छाव पृच्छाम

विधिलिङ् लकार (अनुज्ञावाचक) – Law Lakar (License)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष पृच्छेत् पृच्छेताम् पृच्छेयुः
माम पुरुष पृच्छेः पृच्छेतम् पृच्छेत
उत्तम पुरुष पृच्छेयम् पृच्छेव पृच्छेम

विशेष–’इष्’, ‘प्रच्छ्’ धातुओं की तरह ही निम्नांकित धातुओं की रूपावलि चलती

मिल + शप् + तिपमिल + अ + तिमिलति (मिलता है।)
सिच् + शप् + तिप्सिञ्च् + अ + तिसिञ्चति (सींचता है।)
विश + शप् + तिपविश् + अ + तिविशति (प्रवेश करता है।)
कृष् + शप् + तिप्कृष् + अ + तिकृषति (खेती करता है।)
स्पृश् + शप् + तिप्स्पृश् + अ + तिस्पृशति (छूता है।)