Kerala Plus Two Hindi Textbook Answers Unit 4 Chapter 1 कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी (कविता)
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(Text Book Page No. 84-88)
प्रश्न 1.
कविता के निम्नलिखित वाक्यांश किससे संबंधित हैं? कुमुद फूल या लड़की से?
उत्तरः
1. ईश्वर का इष्ट नैवेद्य – कुमुद फूल
2. लंबे डंठलों के छोरों पर खिले – कुमुद फूल
3. मुरझाये फूल की डंठल-ज्यो – लड़की
4. दीन स्वर में प्रार्थना करती – लड़की
प्रश्न 2.
लटकते हुए लंबे डेठलों की तुलना किससे की गई हैं?
उत्तरः
मृत जल-साँप से किया गया हैं।
प्रश्न 3.
हाय! मुरझा रहे दो सुकोमल रूप’ – कौन-कौन-से हैं?
उत्तरः
कुमुद फूल और फूल बेचनेवाली लड़की – दोनों मुरझाया गया हैं।
अनुवर्ती कार्य
प्रश्न 1.
कविता की आस्वादन टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
श्री ओ.एन.वी. कुरुप मलयालम् के लोकप्रिय कवि हैं। भूमिक्कोरु चरमगीत उनके प्रसिद्ध कविता-संग्रह हैं।
‘कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी कविता में फूल बेचनेवाली एक लड़की की बेबसी का चित्रण है, मंदिर में आराधना के लिए आनेवाला भक्त कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी को देखता है और लड़की की बुरी हालत देखता है। वह लड़की की फूल का पैसा देता हैं फूल नहीं लेते हैं। उसे लगता है कि फूल और लड़की मुरझाया गया है। भक्त को लगता है कि भगवान को फूल देने से अच्छा है एक गरीब लड़की की सहायता करना।
आज के समाज में प्रासंगिकता रखनेवाली कविता है यह। मानवता की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य हैं। सरल भाषा में गरीबों की हालत को सुधारने के कर्तव्य को कवि
व्यक्त किया है।
प्रश्न 2.
वर्तमान सामाजिक परिस्थिति में उपर्युक्त कविता की प्रासंगिकता पर चर्चा करके, टिप्पणी तैयार करें।
उत्तरः
कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी’ श्री. ओ.एन.वी.कुरुप की प्रसिद्ध कविता हैं। वर्तमान सामाजिक जीवन के एक मार्मिक चित्र यहाँ पेश किया है। मंदिरों और मस्जितों में प्रार्थना के लिए कई लोग जाते हैं। कई गरीह लोग भी आजीविका के लिए ऐसी जगहों में आते हैं, भारत में गरीबों के संख्या कम नहीं है, लड़की होने के बाबजूद भी. पढने के लिए न जाकर फूल बेचने के लिए विवश लड़की का चित्रण यहाँ किया गया हैं। कविता में वर्णित व्यक्ति नैवेद्य फूल के दाम लड़की को देता है, यहाँ मनुष्यता प्रकट करने की आवश्यकता को दिखाया हैं, मानवता मनुष्य को अन्य जीवियों से अलगां करते हैं। दूसरों केलिए हमें कुछ न कुछ करना ही चाहिए। मानवता कम होते इस समाज में इसी प्रकार का विचार आवश्यक हैं।
Plus Two Hindi कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी (कविता) Important Questions and Answers
पुराना देवालय
उसके निकट है कुमुद-सरोवर
रास्ते में पूजा-द्रव्य
बेचनेवालों के कितने ही दल;
‘इधर इष्टदेव का
इष्ट नैवेद्य है कुमुद फूल
मार्गदर्शी ज्यों
यों कहकर किसी कोने में,
मृत जल-साँप ज्यों
लटके लंबे डंठलों के
छोरों पर खिले
श्वेत कुमुद फूल बेचनेवालियाँ,
‘मेरे हाथ से, मेरे हाथ से।’
प्रश्न 1.
यह कवितांश किस कविता’ का है?
(सपने का भी हक नहीं, कुमुद फूल बेचनेवाली लड़की, आदमी का चेहरा)
उत्तरः
कुमुद फूल बेचनेवाली लड़की।
प्रश्न 2.
कुमुद सरोवर कहाँ है? |
उत्तरः
प्र कुमुद सरोवर पुराना देवालय के निकट है।
प्रश्न 3.
इष्टदेव का इष्टनैवेद्य क्या है?
उत्तरः
प्रय इष्टदेव का इष्टनैवेद्य है कुमुद फूल ।
प्रश्न 4.
कवि ने लटके लंबे डंठलों की तुलना किससे की है?
उत्तरः
कवि ने लटके लंबे डंठलों की तुलना मृत जल-साँव से की है।
प्रश्न 5.
अनूदित कविताओं की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कवितांश की आस्वादन-टिप्पणी लिखें।
उत्तरः
ओ.एन.वी.कुरुप मलयालम् के लोकप्रिय कवि है। उनकी विख्यात कविता है “आंबलपूवु विलकुन्न पेणकुट्टी।” इस कविता का अनुवाद डॉ.एस.तंकमणी अम्मा द्वारा की गयी है जिसका नाम है कुमुद फूल बेचनेवाली लड़की। इसमें कुमुद फूल बेचनेवाली एक लड़की की माध्यम से एक सामाजिक सच्चाई की ओर इशारा की है।
पुराना देवालय के पास रास्ते में कुमुद फूल बेचनेवाली अनेक लड़कियाँ हैं। मंदिर में आनेवाले प्रत्येक लोगों के पास जाकर वे फूल बेचने की कोशिश कर रही हैं। अपनी गरीबी, बेबसी और भूख के कारण ही ये लोग ऐसा कर रही है।
कुमुद फूल बेचनेवाली लड़कियों के माध्यम से कवि ने एक सामाजिक सच्चाई को यहाँ दिखाया है। आज के समाज में प्रासंगिकता रखनेवाली कविता है यह। इस कविता के माध्यम से कवि ने यह बताया है कि गरीबों की भूख मिटाने से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है।
“हे फूल, तू अन्न है इस छोटी बहन के लिए
इससे बढ़कर पुण्य भला क्या है!
तुझे चढ़ाकर भला अब
क्या पाऊँ मैं…..!’
खाली हाथ,
आगे बढ़ जाता हूँ मैं
‘मेरे हाथ से, मेरे हाथ से’
का दीन स्वर धीमा होता जाता है…..।
प्रश्न 6.
यह कैसा काव्य हैं?
(अनूदित काव्य, खंड काव्य, विलाप काव्य, महाकाव्य)
उत्तरः
अनूदित काव्य
प्रश्न 7.
‘तुझे चढ़ाकर भला आब
क्या पाऊँ मैं……!’ किसे चढ़ाकर?
उत्तरः
म कुमुद फूल को चढ़ाकर
प्रश्न 8.
‘हे फूल, तू अन्न है इस छोटी बहन के लिए…..’ कवि ऐसा क्यों कहता है?
उत्तरः
फूल के दाम के रूप में उसके साथ में जो सिक्का मिलता है, वही सिक्के से वह अन्न खरीदता है। इसलिए कवि ऐसा कहता है।
प्रश्न 9.
कवितांश की आस्वादन-टिप्पणी लिखें।
उत्तरः
ओ.एन.वी.कुरुप मलयालम के लोकप्रिय कवि है। उनकी विख्यात कविता है “आंबलपूवु विलकुन्न पेणकुट्टी।” इस कविता का अनुवाद डॉ. एस.तंकमणी अम्मा द्वारा की गयी है जिसका नाम है कुमुद फूल बेचनेवाली लड़की। इसमें कुमुद फूल बेचनेवाली एक लड़की के माध्यम से एक सामाजिक सच्चाई की ओर इशारा की है।
कुमुद फूल बेचनेवाली लड़की के लिए यह फूल उसका अन्न है। फूल के दाम के रूप में जो पैसा उसे मिलता है, वही पैसा इकट्ठा करके वह अपने लिए अन्न खरीदती है। कवि को लगता है इस छोटी लड़की को अन्न के लिए पैसा देने से बढ़कर पुण्य और कुछ भी नहीं है। इसलिए मंदिर में फूल चढ़ाए बिना कवि वापस चला जाता है।
कुमुद फूल बेचनेवाली लड़कियों के माध्यम से कवि ने एक सामाजिक सच्चाई को यहाँ दिखाया है। आज के समाज में प्रासंगिकता रखनेवाली कविता है यह। इस कविता के माध्यम से कवि ने यह बताया है कि गरीबों की भूख मिटाने से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है।
कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी Profile
ओ. एन. वी कुरुप मलयालम के लोकप्रिय कवि है। उनका जन्म 1931 को केरल प्रांत के कोल्लम के चवरा नामक गाँव में हुआ। ‘ताहिक्कुन्न पानपात्रं, ‘माटुविन चट्टले’, ‘भूमिक्कु ओरु चरमगीत’ आदि उनके प्रसिद्ध कवितासंग्रह है। 2007 के ज्ञानपीठ पुरस्कार और 2011 के पद्मविभूषण पुरस्कार से वे सम्मानित है।
अनुवादिका – डॉ. एस. तंकमणि अम्मा
हिन्दी मौलिक लेखन तथा अनुवाद के क्षेत्र में डॉ. एस. तंकमणि अम्मा की अलग पहचान है। उनका जन्म 1950 को तिरुवनंतपुरम में हुआ था। ‘गोत्रयान’, ‘स्वयंवर’, ‘लीला’, ‘एक धरती एक आस्मान एक सूरज’ आदि उनकी अनूदित काव्य रचनाएँ हैं। राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, सौहार्द पुरस्कार, द्विवागीश पुरस्कार आदि से वे सम्मानित है।
कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी Summary in Malayalam
कुमुद फूल बेचनेवाली लडकी शब्दार्थ