Kerala Plus Two Hindi Textbook Answers Unit 4 बुझा दीपक जला दो
बुझा दीपक जला दो इकाई परिचय :
चोथी इकाई है ‘बुझा दीपक जला दो’ दूसरों का उपकार करते हुए हमें पूरा सुख तक मिलता है जब हमारा कर्म स्वार्थता से परे हो। हम सब दूसरों का उपकार करना तो चाहते हैं, पर साहस के अभाव में हम कुछ नहीं कर पाते। मलयालम के विख्यात कवि ओ. एन.वी. कुरुप की कविता का हिंदी अनुवाद ‘कुमुद फूल बेचनेवाली लड़की’ इकाई का पहला पाठ है। इसमें भगवान पर फूल चढ़ाने का पैसा फूल बेचनेवाली लड़की की भूख मिटाने को देनेवाला भक्त मानवता का अनोखा रूप प्रस्तुत करता है। अपनी गाड़ी में दिल्ली के रास्ते पर प्यासे-तड़पे लोगों को अपने ही खर्च से पानी पिलानेवाला गाडीचालक दूसरे पाठ में हमें आश्चर्य में डाल देता है। इकाई का तीसरा पाठ ‘आदमी का चेहरा’ नामक कविता है। अपने सामान उठानेवाले कुली को लंबे अरसे के बाद इनसान के रूप में पहचाननेवाला व्यक्ति एक अनमोल संदेश दे रहा है। अंतिम पाठ एक व्यंग्य है जो जीवन की अस्थिरता की याद दिलाता है। संक्षेप में इकाई परोपकार और मानवता का संदेश देती है।
बुझा दीपक जला दो इकाई परिचय : (Malayalam)
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