Kerala Plus One Hindi Previous Year Question Paper March 2018 with Answers
Board | SCERT |
Class | Plus One |
Subject | Hindi |
Category | Plus One Previous Year Question Papers |
Time Allowed: 21/2 hours
Cool off time: 15 Minutes
Maximum Marks: 80
General Instructions Candidates:
- There is a ‘cool off time’ of 15 minutes in addition to the writing time.
- Use the ‘Cool off time’ to get familiar with questions and to plan your answers.
- Read questions carefully.
- Read the questions carefully before answering.
- Calculations, figures and graphs should be shown in the answer sheet itself.
- Give equations wherever necessary.
- Electronic devices except non-programmable calculations are not allowed in the Examination Hall.
सूचना : निम्नलिखित कवितांश पढ़ें और 1 से 3 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
‘रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है।
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,
और फिर बेचैन हो जगता न सोता है।
जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ?
मैं चुका हूँ देख मनु को जनमे-मरते?
और लाखों बार तुझ-से पागलों को भी
चाँदनी में बैठ स्वप्नों पर सही करते।’
प्रश्न 1.
इस कवितांश के रचयिता कौन है? (1)
(जयशंकर प्रसाद, रामधारीसिंह ‘दिनकर’, पवन करण)
उत्तर:
रामधारी सिंह दिनकर
प्रश्न 2.
‘उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता’ – कौन? (1)
उत्तर:
मनुष्य उलझनें बनाकर उसमें फँसता है।
प्रश्न 3.
प्रगतिवाद की विशेषताओं के आधार पर कवितांश की आस्वादन टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
रामधारी सिंह दिनकर राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक कवि है। दिनकर प्रगतिशील कवि है। “चाँद और कवि” कविता में उनका प्रगतिशील विचारधारा व्यक्त हुआ है। उनकी प्रमुख रचनाएँ है रेणुका, हुँकार, रश्मिरथि आदि। आकाश में चाँद को देखने पर कवि को लगता है कि चाँद धरती के मनुष्य पर हँसी उठाता है। चाँद के अनुसार धरती के मनुष्य समस्याएँ बनाकर उसमें फँस जाता है। चाँद कवि से कहता है कि वह मनुष्य से भी पुराना है। चाँद ने मनु का जन्म और मृत्यु देखा है। स्वप्नों पर विचरण करनेवाले पागल जैसे मनुष्यों को चाँद ने देखा है। कविता की भाषा सरल है। बिंब प्रधान एवं प्रतीकात्मक भाषा में कवि ने प्रगतिशील मानव के बारे में लिखा है।
प्रश्न 4.
सही मिलान कीजिए। (8 × 1 = 8)
उत्तर:
Add account – खाता जोड़ें
Public – सार्वजनिक
Share – साझा करें
File – संचिका
Save – सहेजें
Spam – अनचाहा
Chats – बातचीत
Social – सामाजिक
सूचनाः निम्नलिखित 5 से 8 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन का एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए। (3 × 2 = 6)
प्रश्न 5.
‘पत्थर की बैंच
जिसपर अंकित हैं आँसू, थकान
विश्राम और प्रेम की स्मृतियाँ
पत्थर की बैंच पर क्या अंकित है?
उत्तर:
पत्थर की बैंच पर आँसु, थकान, विश्राम और प्रेम की स्मृतियाँ अंकित है।
प्रश्न 6.
“मैं आपको इतमीनान दिलाता हूँ कि किसी किस्म का दंगा-फसाद न होगा। हम दुकाने लुटने या मोटरें तोड़ने नहीं निकले हैं…..’
यहाँ इब्राहिम अली के चरित्र की कौनसी विशेषता प्रकट होती है?
उत्तर:
इब्राहिम अली के अहिंसा वादी मनोभाव यहाँ प्रकट होता है।
प्रश्न 7.
‘अंधकार का जलधि लाधकर
आवेंगी शशि-किरने’
शशि-किरनें कैसे आएँगी?
उत्तर:
शशि किरन अंधकार की जलधि लाँधकर आएँगी।
प्रश्न 8.
‘उसके दोनों गुर्यों में खराबी थी, डाक्टर ने रिक्शा चलाने से मना कर रखा था।’ डाक्टर द्वारा मना करने पर असलम क्यों रिक्शा चलाता रहा?
उत्तर:
अपने परिवार की बुरी हालत के कारण डाक्टरों द्वारा मना करने पर भी असलम रिक्शा चलाता था।
सूचनाः 9 से 13 तक के प्रश्नों में से किन्हीं चार का उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए। (4 × 4 = 16)
प्रश्न 9.
निम्नलिखित दोहा पढ़िए।
‘दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय ।
जौ सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होय ।।’
सुख और दुख दोनों में ईश्वर का स्मरण करना है।
दोहे का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कबीरदास विख्यात रहस्यवादी कवि है। नीति – संबंधी अनेक दोहे उन्होंने लिखा है। कबीरदास कहते हैं – कुछ लोग सुख के समय पर ईश्वर का स्मरण नहीं करते हैं और दुःख आने पर ईश्वर का स्मरण करते हैं। कबीरदास के मत में हमें दुःख और सुख दोनों में ईश्वर का स्मरण करना है। जो सुख में भी स्मरण करता है उसे दुःख कभी नहीं होता है। सुख और दुःख दोनों में ईश्वर का स्मरण करना है।
प्रश्न 10.
‘जुलूस’ नाट्यरूपांतर के बीरबल सिंह के ये कथन पढ़िए।
- मुझे यह हुक्म है कि जुलूस यहाँ से आगे न जाने पाए।
- यहाँ खड़े होने का भी हुक्म नहीं है। आप लोगों को वापस जाना पड़ेगा।
- फिर से सोच लें! बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा।
इन कथनों के आधार पर बीरबल सिंह के चरित्र पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
बीरबल सिंह दारोगा है। वह बड़ा जल्लाद है। मगर अपने अफसरों के हुकुं का पालन करने में वह निष्ठ है। अपने कर्तव्य के क्षेत्र में वह हमेशा अग्रसर है। इसीलिए ही वह कहता है – “मुझे यह हुक्म है कि जुलूस यहाँ से आगे न जाने पाए।” वह कर्तव्यनिष्ठ और धीर है।
प्रश्न 11.
जीवनवृत पढ़िए।
इस कथन के आधार पर यशपाल के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
हिन्दी कथा साहित्य में यशपाल का नाम अमर है। उनका जन्म 3 दिसंबर, 1903 को पंजाब के फिरोज़पुर छावनी में हुआ था। हिंदी कहानी क्षेत्र में उनका अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं झूठा सच, दिव्या, सिंहावलोकन आदि। वे इतना महान कथाकार है कि वे पद्मभूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार आदि से पुरस्कृत हुए हैं। उनकी कहानी साहित्य की सबसे बड़ी विशेषता उनकी रचनाओं में निहित क्रांति की भावना है। उनकी मृत्यु 26 दिसंबर, 1976 को हुई।
प्रश्न 12.
‘कहना नहीं आता’ इस कविता की पंक्तियाँ पढ़िए ।
‘जिनके पास कहने को है
जो कहना चाहते हैं,
जिन्हें कहना नहीं आता
मैं उनमें से एक हूँ।’
कवि, समाज के शोषित-पीड़ित लोगों के लिए आवाज़ उठाते हैं।
कवितांश का विश्लेषम कीजिए और अपना मत प्रकट कीजिए।
उत्तर:
समकालीन कवियों में सबसे चर्चित कवि है श्री पवन करण। ‘कहना नहीं आता’ कविता में उन्होंने यह बताने का प्रयास किया है कि समाज में आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें हाशिएकृत कहलाते हैं। समाज के शक्तिशाली वर्ग इन लोगों को कुछ बोलने का अवसर ही नहीं देते। कवि अपने को समाज के शोषित और पीड़ितों का प्रतीक मानते हैं। इसलिए कवि कहता है कि जिनके पास कहने को हैं जो कहना चाहते हैं, वह उनमें से एक है। कवि और कलाकार अपनी रचना द्वारा समाज के शोषितपीड़ित लोगों के लिए आवाज़ उठाते हैं।
प्रश्न 13.
‘आनंद की फुलझड़ियाँ’ इस निबंध का अंश पढ़िए।
‘मुझे भी बड़ी प्रसन्नता हुई कि मैं उन थोड़े-से शब्दों द्वारा उस क्लर्क के जीवन में किंचितमात्र भी क्यों न हो, सुख तो पहुँचा सका।
बैंक की घटना के आधार पर टिप्पणी लिखिए।
- लेखक का हिसाब खोलने के लिए बैंक जाना।
- क्लर्क की हस्तलिपि की तारीफ करना।
- क्लर्क का खुश हो जाना।
उत्तर:
लेखक एक दिन हिसाब खोलने के लिए बैंक गया। वहाँ क्लर्क की हस्तलिपी अच्छी देखकर लेखक ने उसकी तारीफ की। क्लर्क का चेहरा प्रसन्नता से खिल उठा। लेखक भी बड़ा प्रसन्न हुआ कि उसके शब्दों ने क्लर्क को खुश बनाया। लेखक के मतानुसार प्रत्येक मनुष्य को स्वार्थी मनोभाव छोड़कर दूसरों की खुशी और भलाई में ही ध्यान देना है।
सूचना : 14 से 17 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन का उत्तर लिखिए। (3 × 6 = 18)
प्रश्न 14.
असलम की मृत्यु की खबर सुनकर यात्री बहुत दुखी हुए। घर पहुँचकर यात्री अपनी पत्नी से इसके बारे में बातें करता है। वह बातचीत तैयार कीजिए।
- रोज़ की तरह दफ्तर की यात्रा
- असलम की मृत्यु की खबर सुनना
- अपने व्यवहार से उत्पन्न पश्चाताप
उत्तर:
पत्नी : अरे! यह क्या हुआ आपको?
यात्री : क्या होना है यार। सब बरबाद हो गया।
पत्नी : अरे! क्या हुआ? दफ्तर में कुछ मामला है?
यात्री : नहीं। वो जो असलम है न, जो रिक्शावाला हर दिन मुझे दफ्तर पहुँचाता है, वह मर गया।
पत्नी : इस पर आप इतना उदास क्यों? कोई दूसरा रिक्शा पकड़ेंगे।
यात्री : नहीं यार। उसकी मृत्यु मेरी वजह से
पत्नी : आप यह कैसी बातें करते हैं?
यात्री : कल रिक्शा चलाते समय वह दर्द के मारे कराह रहा था। तब भी मैं रिक्शा से नहीं उतरा था।
पत्नी : क्या हुआ उसको?
यात्री : उसके दोनों गुर्दै खराब थे। इसलिए ही वह कराह रहा था। मुझे दफ्तर छोड़कर वापस की यात्रा में ही उसकी मृत्यु हुई।
पत्नी : जो होना था, सो गया। अब पछताने से क्या फायदा?
यात्री : हाँ अब तो कोई फायदा नहीं है। लेकिन ऐसी गलती मुझसे कभी नहीं होगी। मनुष्य को अपनी स्वार्थ को छोड़कर सहजीवियों से हमदर्दी जताना है।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित अंग्रेज़ी संवाद का हिंदी में अनुवाद कीजिए।
Vishal : Do you have the habit of reading?
Roopak : Yes. I do have.
Vishal : Where from you get books for reading?
Roopak : Iget books from my school library.
Vishal : What types of books you read?
Roopak : Mostly I read short stories.
उत्तर:
विशाल : तुम्हें कुछ पढ़ने का आदत है?
रूपक : हाँ, ज़रूर।
विशाल : तुम्हें इसके लिए पुस्तक कहाँ से मिलता है?
रूपक : मुझे अपने स्कूल के पुस्तकालय से किताबें मिलता है।
विशाल : तुम किस प्रकार के पुस्तक पढ़ते हो?
रूपक : ज़्यादात्तर मैं कहानी ही पढ़ता हूँ।
प्रश्न 16.
‘अपराध’ इस कहानी के बड़े भाई को पिताजी से सज़ा मिली थी। उसने कोई अपराध नहीं किया था। फिर भी पिताजी ने उसे सज़ा दी। उस दिन की डायरी में बड़े भाई ने क्या-क्या लिखा होगा? 60 – 80 शब्दों में वह डायरी तैयार कीजिए।
- छोटे भाई द्वारा सच्चाई छुपाना
- बार बार कहने पर भी पिताजी का न मानना
- मानसिक संघर्ष
उत्तर:
22
फरवरी
2017
बुधवार
बनारस,
रात नौ बजे।
जीवन में पहली बार पिताजी ने मुझे दंड दिया है। पता नहीं मैं ने क्या गलती की है। काश मेरा छोटा भाई सच बालते…….. बार बार मैं ने पिताजी से कहा, मैं ने कोई गलती नहीं की। मेरी बात मानने के लिए भी वे तैयार नहीं थे। दर्द शरीर को नहीं मन को है। मेरा मानसिक संघर्ष किसी को भी मालूम नहीं है। छोटे भाई से मुझे कोई घृणा नहीं है। फिर भी उसी के कारण मुझे मार खाना पड़ा, यह चिंता सताती रहती है।
एक झूठ-दिल को बहुत चोट पहूँचाती है। ज़िंदगी में मैं कभी भी झूठ नहीं बोलूँगा।
प्रश्न 17.
गाँधी जयंती के अवसर पर सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल, पालक्कड के छात्र आसपास के जलस्रोतों की सफाई कर रहे हैं। इसका उदघाटन सुबह 10 बजे स्कूल के प्रांगण में जिलाधीश करेंगे। इसके लिए एक पोस्टर कीजिए।
(जलस्रोत – water resources, प्रांगण – court yard)
उत्तर:
सूचना : निम्नलिखित खण्ड पढ़िए और 18 और 19 प्रश्नों का उत्तर लिखिए।
‘एक बूढ़ा आदमी, जिसके बाल सफेद हो गए थे, ज़मीन खोद रहा था। एक नौजवान ने, जो वहाँ से गुज़र रहा था, उस बुजुर्ग को परिश्रम करते देख पूछा, “बाबा, यह क्या कर रहे हो?”
“आम की गुठलियाँ बो रहा हूँ।” बूढ़े ने कहा।
“इस उम्र में? इसके फल कब खाओगे बाबा?”
“मैं फल नहीं खा सकता तो क्या हुआ बेटा, तुम तो खा सकोगे? मेरे तुम्हारे नाती-पोते तो खाएँगे ना? देखो, वह अमराई मेरे दादा ने लगाई थी, तो उसके फल मैंने खाए। इसके फल मेरे नाती-पोते खाएँगे।”
हमारे पूर्वजों की इसी मनोवृत्ति का फल है, जो हम जगह-जगह अमराई देखते हैं। अपने स्वार्थी जीवन से ऊँचे उठकर दूसरों को सुख और आनंद पहूँचाने का यह कैसा सुंदर स्वभाव है।
प्रश्न 18.
नौजवान के सवाल का बूढ़े ने क्या जवाब दिया? (2)
उत्तर:
नौजवान के सवाल का बूढ़े ने उत्तर दिया “मैं फल नहीं खा सकता तो क्या हुआ बेटा, तुम तो खा सकोगे? मेरे तुम्हारे नाती-पोते तो खाएँगे ना?”
प्रश्न 19.
खंड का संक्षेपण कीजिए और शीर्षक दीजिए। (6)
उत्तर:
निस्वार्थ बूढ़ा
एक बूढ़ा आदमी ज़मीन खोदकर आम का बीज बो रहा था। एक नौजवान यह देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है। उसके पूछने पर बूढ़े ने बताया कि ये बीज जब आम का पेड़ बन जाएँगे तब इसके फल आनेवाली पीढ़ी के लिए लाभदायक होंगे।
सूचनाः 20 से 22 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो का उत्तर लिखिए। (Scores : 2 × 8 = 16)
प्रश्न 20.
ये सुर्खियाँ पढ़िए।
केरल के स्कूलों में रुबल्ला टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है। अभी तक 80% के आसपास छात्रों का टीकाकरण हुआ है। टीकाकरण को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या कारवाईयाँ की गई है, यह जानने के लिए अभिजित कुमार, सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल तृशूर की ओर से सार्वजनिक सूचना अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय, केरल सरकार के नाम पर एक सूचना अधिकार पत्र लिखा जा रहा है। वह पत्र तैयार कीजिए।
(टीकाकरण – vaccination, दुष्प्रभाव – side effect)
उत्तर:
10
दस रुपए
10
प्रेषक
अभिजित कुमार,
सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल,
तृशूर।
सेवा में
सार्वजनिक सूचना अधिकारी,
स्वास्थ्य मंत्रालय,
केरल सरकार।
महोदय,
विषयः रुबल्ला टीकाकरण के सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार द्वारा की गई कार्यवाइयों की जानकारी के लिए।
संदर्भः सूचना अधिकार अधिनियम – 2005 – निम्नलिखित बातों पर अधिक जानकारी प्रदान करने की प्रयास करें –
- रूबल्ला संक्रामक रोग है क्या?
- संक्रामक रोगों की रोकधाम के लिए सरकार को क्या-क्या करना चाहिए?
- रूबल्ला टीकाकरण का कोई दुष्प्रभाव है क्या?
- रूबल्ला टीकाकरण सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या कार्यवाइयाँ की गयी है?
भवदीय,
हस्ताक्षर
अभिजित कुमार
तृशूर
13.03.2018
प्रश्न 21.
सूचकों की सहायता से किसी मनपसंद फिल्म की समीक्षा कीजिए।
- फिल्म का कथासार
- पात्रों का अभिनय
- पटकथा, संवाद, छायांकन, संपादन
- निदेशक की भूमिका
- फिल्म के प्रति अपना दृष्टिकोन
उत्तर:
तारे ज़मीन पर
मेरा मनपसंद फिल्म है तारे ज़मीन पर | आठ साल का बालक ईशान अवस्थी और उसका अध्यापक रामशंकर निकुंभ की कहानी है यह। बालक ईशान जब बोर्डिंग स्कूल पहूँचता है तब से मुरझा जाता है। अनुशासन पर उसके माँ-बाप जितना ज़ोर देता है बालक एकदम विमुख बन जाता है। स्कूल में रामशंकर निकुंभ नामक अध्यापक जब उससे मिलता है उसके आदत बदलने लगता है। छात्र के प्रत्येक खूबियों को अध्यापक पहचानता है और उसे प्रेरणा भी देता है।
ईशान की भूमिका में दर्शील सफारी और अध्यापक की भूमिका में आमिर खान ने अपनी अपनी भूमिका अच्छी तरह निभाई है। टिस्का चोपड़ा, विपिन शर्मा और अन्य अध्यापक लोगों ने भी अपनी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। फिल्म का निदेशन, छायांकन, पटकथा, संवाद, गीत और पात्रों का अभिनय सब एक से बढ़कर एक रहा है।
प्रश्न 22.
‘विश्व मधुमेह दिन’ (World Diabetes Day) पर स्कूल के हेल्थ क्लब द्वारा ‘व्यायाम का महत्व’ इस विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी में प्रस्तुत करने के लिए एक आलेख तैयार कीजिए।
- आधुनिक जीवन शैली
- व्यायाम का अभाव
- बीमारी से पीड़ित नई पीढ़ी
- व्यायाम स्वास्थ्य के लिए उत्तम
उत्तर:
मित्रों,
आप सब जानते हैं, हम यहाँ आज क्यों इकट्टा हुए है। ‘मधुमेह’ एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों से लेकर बूढ़े तक इसका शिकार बनते जा रहे हैं। मधुमेह ही नहीं बहुत सारे अन्य रोग भी है जो समाज के हर व्यक्त को जानना एवं पहचानना है।
आधुनिक जीवन शैली ही हर बीमारी का कारण बन गए हैं। हमें यह जानना चाहिए कि एक स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन रहता है। शरीर की स्वास्थ्य के लिए हमें अच्छे भोजन चुनना है।
केवल खाने से हम स्वस्थ नहीं बन सकते। इसके लिए हमें अपनी जीवन चर्या में पर्याप्त बदलाव लाना है। हर दिन हमें व्यायाम करना है। व्यायाम का हमारी जीवन चर्या में एक अंग बनाना है। व्यायाम से ही शरीर स्वस्थ रह सकता है। व्यायाम के साथ-साथ पौष्ठिक भोजन भी लेने से हर व्यक्ति स्वस्थ बन जाता है।
आज की नई पीढ़ी बीमारियों से पीडित है। वे धन कमाने के लिए ही जी रहे हैं। अच्छे खाने और नियमित व्यायाम प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ बनाता है। यह हमें समझना चाहिए कि व्यायाम स्वास्थ्य केलिए उत्तम है। व्यायामनिष्ठा से करना ही चाहिए। अगर हम व्यायाम और शुद्ध खाना हमारे जीवन का अंग बनाएँगे तो हमारी जिंदगी भी चमत्कारपूर्ण बन जाएगी।