NEET Chemistry Chapter Wise Previous Year Question Papers कार्बनिक रसायन के कुछ आधारभूत सिद्धान्त
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1. 1, 2, 2-टेट्रोक्लोरो मेथेन तथा टेट्राक्लोरो मिथेन में Cl-C – Cl के बीच के कोण क्रमशः लगभग होंगे [1988]
(A) 120 तथा 109,5°
(B) 90° तथा 109.5°
(C) 109° तथा 90.5°
(D) 109° तथा 120°
2. निम्नलिखित में से किसकी संरचना में sp-कार्बन होता है? [1989]
(A) CH2 == CCl – CH == CH2
(B) CCl2 =CCI2
(C) CH2 =C = CH2
(D) CH2 = CH-CH = CH2
3. निम्नलिखित में से कौन सिस-ट्रांस समावयवता दर्शाता [1989]
(A) CH3-CHCI-COOH
(B) H-CH=CH-CI
(C) CICH = CHCI
(D) CICH2-CH2-Cl
4. किसी पदार्थ के समावयवियों के [1991]
(A) संरचनात्मक सूत्र समान होते हैं।
(B) भौतिक गुणधर्म-समान होते हैं।
(C) रासायनिक गुण धर्म समान होते हैं।
(D) अणु सूत्र समान होते हैं।
5. निम्नलिखित में से कौन कार्बोधनायन (कार्बोनियन आयन) सबसे अधिक स्थायी हैं? । [1991]
(A) CH3CH2+
(B) (CH3)2\(\overset { + }{ C }\) H
(C) (CH3)3\(\overset { + }{ C }\)
(D) C6H5\(\overset { + }{ C }\)H2
6. एक सरल हाइड्रोकार्बन श्रृंखला का अणुसूत्र CHI है। श्रृंखला में एक किनारे से दूसरे किनारे के कार्बन परमाणुओं के संकरण क्रमशः sp3, sp2, sp2, sp3, sp2 ,sp2 , sp तथा sp है। हाइड्रोकार्बन का संरचनात्मक सूत्र होना चाहिए। [1991]
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11. कार्बोनिल धातु का सामान्य सूत्र M(CO)x है जहाँ M = धातु तथा X = 4 हो, तब धातु किसके साथ बंधित होगा? [1993]
(A) C ≡ 0 ट्रिपल बंध
(B) कार्बन तथा आक्सीजन
(C) कार्बन
(D) ऑक्सीजन
12. जब कार्बन की संकरण अवस्था sp3 से sp2 में तथा अन्ततः sp परिवर्तित होती है तो संकरित आर्बिटल के आंबध कोण में निम्नलिखित में से क्या परिवर्तन होता [1993]
(A) धीरे-धीरे घटता है
(B) काफी घटता है।
(C) अप्रभावित रहता है
(D) लगातार बढ़ता है।
13. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं हैं। [1993]
(A) द्विआबंध एक आबंध से छोटा होता है।
(B) सिग्मा-आबंध पाइ–आबंध से कमजोर होता है।
(C) द्विआंबंध एक आबंध से शक्तिशाली होता है।
(D)सह संयोजी आबंध, हाइड्रोजन आबंध से शक्तिशाली होता है।
14. 2-ब्यूटीन में कार्बन-कार्बन के द्विआबंध का घूर्णन निम्नलिखित में से किस कारण से प्रतिबंधित होता है। [1993]
15. बेंजीन की दो केकुली संरचनाओं के बीच सम्बंध निम्नलिखित में से किस निशान द्वारा दिखाया जाता [1993]
16. दिए गए यौगिक का निम्नलिखित में से कौन सा IUPAC नाम सही है? [1994]
(A) 2-मिथाइल-3-इथाइलपेंटेन
(B) 2-इथाइल-3-मिथाइलपेंटेन
(C) 3-इथाइल-2-मिथाइलपेंटेन
(D) 3-मिथाइल-2-इथाइलपेंटेन
17. रेसेमिक मिश्रण को d तथा । – में प्रथक करने को निम्नलिखित में से क्या कहा जाता है? [1994]
(A) वियोजन
(B) विहाइड्रीकरण
(C) घूर्णन
(D) हाइड्रोहेलोजीनेशन
18. इलेक्ट्रोस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण है [1994]
(A) मिथेन का क्लोरीनीकरण
(B) मिथाइल क्लोराइड का मिथाइल एल्कोहल में परिवर्तन
(C) बेंजीन की नाइट्रीकरण
(D) इथाइल एल्कोहल से एथीलीन का निर्माण
19. C7H8O अणुसूत्र के यौगिक से सम्भावित समावयवों की संख्या कितनी है। [1995]
(A) 3
(B) 5
(C) 7
(D)9
20.
21. हकल नियम के अनुसार एक संयुग्मी चक्रीय यौगिक एरोमेटिक होगा यदि इसमें । [1996]
(A) (4n + 2) π इलेक्ट्रॉन हो
(B) 4π इलेक्ट्रान हो।
(C) (4n + 2n) इलेक्ट्रान हो
(D) (4n + 2) इलेक्ट्राम हो
22. (CH3)2 CH-CH2-CH2-Br का IUPAC नाम है। [1996]
(A) 1-ब्रोमोपेन्टेन
(B) 2-मेथिल-4-ब्रोभोव्यूटेन
(C) 1-ब्रोमो-3-मेथिल ब्यूटेन
(D) 2-मेथिल-3 ब्रोमो प्रोपेन
23. निम्न में से कौनसा चलावयता (Tautomerism) दर्शायेगा? [1996]
24. साइक्लोपेन्टेनॉन, 3-पेन्टेनॉन तथा n-पेन्टेनल में कार्बोनाइल समूह पर नाभिकस्नेही संयोजन के लिए सक्रियता का घटता हुआ क्रम है, [1996]
(A) 3 – पेन्टेनॉन, साइक्लोपेन्टेनॉन, n-पेन्टेनल
(B) n-पेन्टेनल, 3- पेन्टेनॉन, साइक्लोपेन्टेनॉन
(C) n-पेन्टेनल, साइक्लोपेन्टेनॉन, 3-पेन्टेनॉन
(D) साइक्लोपेन्टेनॉन 3- पेन्टेनॉन, n-पेन्टेनल
25. निम्नलिखित में से किरेलता दर्शायेगा? [1996]
(A) 2-मिथाइल हेक्सेन
(B) 3-मिथाइल हेक्सेन
(C) नियोपेंटेन
(D) आइसोपेंटेन
26. निम्न में से कौनसा जोड़ा सिस-ट्रॉस समावयवता नहीं दर्शाता है? [1996]
27.
28. क्लोरोबेन्जिन की क्लोरीन का द्विविस्थापन आवश्यक ड्रास्टिक प्रतिबंध, फिनाल देता है। लेकिन 2, 4 – डाइनाइट्रोक्लोरो बेन्जिन की क्लोरिन शीघ्रता से पुनविस्थापित [1996]
(A) नाइट्र ग्रुप आर्थों/पेरा स्थिति पर एरोमेटिक वलय / रिच इलेक्ट्रान बनाता है।
(B) नाइट्रो ग्रुप ऐरोमेटिक वलय की धातु स्थिति से इलेक्ट्रान निकालता है।
(C) नाइट्रो ग्रुप, मेटा स्थिति पर इलेक्ट्रान दान करता है।
(D) नाइट्रो ग्रुप एरोमेटिक वलय की आर्थोपेरा स्थिति से इलेक्ट्रान निकालता है।
29. अभिक्रिया की व्याख्या निम्नलिखित में से किसके द्वारा की जा सकती है? [1997]
30.
31.
32. निम्नलिखित में से कौन सा क्रम प्रतिस्थापियों के-I प्रभाव के हिसाब से सही है? [1998]
33. निम्न में क्या एरीन के लिए ठीक नहीं है? [1998]
(A) अधिक स्थायित्व
(B) अनुनाद
(C) π-इलेक्ट्रॉन का विकेन्द्रीकरण
(D) इलेक्ट्रोफिलिक योग ।
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39. एक यौगिक का संरचनात्मक सूत्र CH3-CH = C = CH2 है। बाए से दाए और चार कार्बन पर संकरण का प्रकार हैं [2003]
(A) sp2, sp2, sp2, sp2.sp3
(B) sp2, sp3, sp2, sp2
(C) sp3, sp2, sp, sp2
(D) sp3, sp2, sp2, sp2
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42. कौनसे यौगिक में SNI क्रियाविधी द्वारा नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन होता है [2005]
(A) बेन्जिल क्लोराइड
(B) आइसो प्रोपिल क्लोराइड
(C) क्लोरो बेन्जिन
(D) एथिल क्लोराइड
43.
44. नाभिक स्नेही योगात्मक अभिक्रिया मुख्यतयाः होती है। [2006]
45.
46. इस अणु CH3CH = CHCH2CHBrCH3 के कितने त्रिविम समावयवी होंगे? [2008]
(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 8
47. निम्न कोर्बनायनों का स्थायित्व
48.
49. सूत्र CH ≡ C-CH=CH2 वाले यौगिक का IUPAC नाम है [2009]
(A) 1-ब्यूटिन-3-आइन
(B) 3-ब्यूटेन-1-आइन
(C) 1-ब्यूटिन-3-इन
(D) ब्यूट-1-आइन-3-इन
50. निम्न यौगिकों में कौन सिस-ट्रान्स (ज्यामितीय) समावयवता प्रदर्शित करेगा? [2009]
(A) 1-ब्यूटेनॉल
(B) 2-ब्यूटाइन
(C) 2-ब्यूटीनॉल
(D) 2-ब्यूटीन
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65. निम्न में से कौनसे यौगिक की आसानी से फ्रिड्ल क्राफ्ट अभिक्रिया नहीं होगी [2013]
(A) क्यूमीन
(B) जीलन
(C) नाइट्रोबेन्जीन
(D) टालुईन
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78. एक नाभिक स्नेही के लिए निम्न में से कौनसा कथन सही नहीं है। [2015]
(A) नाभिक स्नेही कम इलेक्ट्रॉन घनत्व वाले भाग पर आक्रमण करता है।
(B) नामिक स्नेही इलेक्ट्रॉन खोजते नहीं है।
(C) नाभिक स्नेही लुईस अम्ल होते है ।
(D) अमोनिया एक नाभिक स्नेहीं है।
79. CH3CHOH.COOH को दो संभावित त्रिविम संरचनायें जो कि ध्रुवण घूर्णक हैं, कहलाती हैं [2015]
(A) प्रतिबिम्ब समावयवी
(B) मेसोमर
(C) विवरीम समावयवी
(D) एट्रिपआइसोमर
80. काइरल केन्द्र पर S2l अभिक्रिया में होता है [2015]
(A) 100% प्रतिलोमन
(B) 100% धारण
(C) 100% रेसिमीकरण
(D) धारण से ज्यादा प्रतिलोमन के द्वारा आंशिक रेसिमीकरण
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94. इलेक्ट्रोस्नेही के सन्र्दभ में सही कथन है [2017]
(A) इलेक्ट्रोस्नेही उदासीन या धनात्मक आवेशित स्पीशीज हो सकते है तथा नाभिकस्नेही से इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करके बंध बना सकते है।
(B) इलेक्ट्रोस्नेही एक एक ऋणात्मक आवेशित स्पीशीज है तथा एक नाभिकस्नेही से इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करके एक बंध बना सकते है।
(C) इलेक्ट्रोस्नेही एक ऋणात्मक आवेशित स्पीशीज़ है। तथा अन्य इलेक्ट्रोस्नेही से इलेक्ट्रो युग्म ग्रहण करके एक बंध बना सकते है।
(D) इलेक्ट्रोस्नेही सामान्यतया उदासीन स्पीशीज होते है तथा एक नाभिकस्नेही से एक इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करके एक बंध बना सकते है।
ANSWERS
SOLUTIONS
1. ट्रेट्राक्लोरोएथेन में sp2 संकरण उपस्थित होता है। अतः Cl – C – Cl के मध्य कोण 120° होगा जबकि ट्रेट्राक्लोरोमेथेन में sp3 संकरण होगा Cl-C-Cl के मध्य कोण 109.5° होगा।
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4. समावयवीयों का समान अणु सुत्र है, लेकिन संरचनात्मक सूत्र निम्न है।
5. (CH3)3C+ अपवाद स्थिति है।
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11. धातु में कारबोनिल धातु कार्बन परमाणु से जुड़ी रहती है।
12. जब कार्बन परमाणु की संक्ररण अवस्था sp3 से sp2 तथा sp में परिवर्तित होती है। संकरित कक्षकों के मध्य कोण धीरे-धीरे बढ़ता है। संकरित बन्ध कोण
13. सिग्मा बन्ध π बंध से मजबूत होता है। क्योंकि सिग्मा बन्ध में शीर्ष अतिव्यापन उपस्थित होता है। परिणामस्वरूप अतिव्यापन का प्रसार अधिकतम पाया जाता है, जबकि π बन्ध पार्विक अतिव्यापन में उपस्थित होता है।
14. दो π-कक्षकों के पाश्विक अतिव्यापन के कारण 2-ब्यूटीन में C = C द्विबन्ध के परितः घूर्णन प्रतिबंधित होता है।
15. अनुनादी संरचनाएँ द्वि हेडडेड तीर द्वारा प्रदर्शित होती है। (⇔).
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17. d तथा l एथेनटीमरस में रेसेमिक मोडीफिकेशन के अलग करने का प्रक्रम रिजोल्युशन कहलाता है।
18. अब इलेक्ट्रोस्नेही द्वारा अलग करने का प्रक्रम होता है। इसे इलेक्ट्रोस्नेही प्रतिस्थापन कहलाता है। बेन्जिन के नाइट्रेशन में NO2+ इलेक्ट्रोस्नेही का कार्य करता ।
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21. हकल नियम के अनुसार एक संयुग्मी चक्रीय यौगिक एरोमेटिक होगा यदि इसमें (4n + 2)π का इलेक्ट्रान
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25. जब कोई भी कार्बन परमाणु चार भिन्न-भिन्न वर्ग से जुड़ा होता है, तब इसे किरेल कार्बन परमाणु कहते है।
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28. -NO2 समूह इलेक्ट्रॉन निष्कासन समूह होता है। इसलिए यह बेंजिन वलयं को निष्क्रिय कर देता है।
29. इस अभिक्रिया में वालडन रूपान्तरण होता है। अतः । यह SN2-अभिक्रिया का उदाहरण है।
30. -OCH3 इलेक्ट्रान मुक्त समूह होता है। जबकि -NO2 समूह इलेक्ट्रॉन निष्कासन समूह होता है। अतः नाइट्रो समूह बेन्जिन वलय को निष्क्रिय करता है। अतः इलेक्ट्रॉन स्नेही के साथ अभिक्रिया की स्थिति में (इलेक्ट्रान क्षुद्र स्पीशीज) 0CH,
31. D-CH2-CH2-CH2-CI यौगिक, असममित कार्बन परमाणु की अनुपस्थिति के कारण किरेल नहीं है।
32. -1 प्रभाव का क्रम
N2 < -OR <- E.
33. एरिना इलेकट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया दर्शाता हैं। न कि योगात्मक
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44. केवल CH3CHO में एक एल्किल समूह (+ I प्रभाव समूह) उपस्थित होता है। अतः इलेक्ट्रॉन की उपलब्धता अन्य की अपेक्षा कम होती है। इसलिए नाभिक स्नेही योगात्मक अभिक्रिया अधिक आसानी से होगी।
45.
46. ज्यामितिय समावयवीयों की संख्या = 2 (cis and trans)
सक्रिय प्रकाशीय समावयवी की संख्या = 2 (d तथा l )
कुल 4
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48. कारबोनियम पर उच्च इलेक्ट्रान घनत्व होने पर क्षारीय सामर्थ्य अधिक होगा।
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51. Ka∝ धनायन का स्थायित्व ।
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55. स्थानीकृत 1.p. विस्थानीकृत 1.p. से अधिक क्षारीय है।
56. मध्यवर्ती कारबोनियम सम्मिलित होता हैं, जो कि -M समूह मुख्य स्थायी होता है।
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59. HO0C-CH = CH-COOH (मेलेइक अम्ल) लगभग प्रकाशीय समावयवता दर्शाता है।
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63. केवल बैंजिन को एरोमेटिक में लिया जाता है।
∴ 6p-कक्षक (E-इलेक्ट्रॉन) तथा 6 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते है।
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65. -NO2 समूह प्रबल निष्क्रिय होता है।
∴ यह F.C.R. का पालन करता है।
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94. इलेक्ट्रॉन स्नेही उदासीन या धनात्मक आवेश स्पीशीज हो सकती है तथा नाभिक स्नेही से इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करके एक बन्ध बनाती है।
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