NEET Chemistry Chapter Wise Previous Year Question Papers विद्युत रसायन
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1. कुछ अर्द्ध-अभिक्रिया के लिए मानक इलेक्ट्रॉड विभव नीचे दिए गए है: [1997]
उपरोक्त के आधार पर कौनसा कथन सत्य है ?
(A) Sn2+ की तुलना में Pb2+ शक्तिशाली अपचायक है।
(B) Pb4+ की तुलना में Sn2+ शक्तिशाली उपचायक है।
(C) Pb4+ की तुलना में Hg2+ शक्तिशाली उपचायक है
(D) Hg2+ की तुलना में Sn2+ शक्तिशाली अपचायक है।
2.
3. Ba2+ तथा Cl– की मोलर चालकता क्रमशः 127 तथा 76 ohm-1 cm-1 है। अनन्त तनुता पर BaCl2 की तुल्यांकी चालकता होगी : [2000]
(A) 132.4
(B) 101.5
(C) 139.5
(D) 279
4. सेल अभिक्रिया स्वतः होगी जब [2000]
(A) ΔG° ऋणात्मक होता है।
(B) ΔG° धनात्मक होता है ।
(C) ΔE°red धनात्मक होता है।
(D) ΔE°red ऋणात्मक होता है।
5. कॉपर के सिल्वर लेपन में AgNO3, की जगह K[Ag(CN)2] प्रयुक्त होता है। इसका कारण है [2000]
(A) Cu पर Ag की पतली परत निर्मित होती है।
(B) अधिक वोल्टता की आवश्यकता होती है।
(C) विलयन में से Ag+ आयन पूर्णतया निष्कासित हो जाते है ।
(D) Ag+ की कम उपलब्धता तथा [Ag(CN)2]– आयन से Cu, Ag को विस्थापित नहीं कर सकता
6.
7.
8. NaCl के विद्युत अपघटन में जब Pt का इलेक्ट्रोड लिया जाता है तब कैथोड पर H2 गैस निर्गत होती है। जबकि Hg कैथोड के साथ सोडियम अमलगम का निर्माण होता है। यह किस कारण से होता है : [2002]
(A) Pt से Hg अधिक अक्रिय है।
(B) H+ आयन का अपचयन करने के लिए Pt की अपेक्षा Hg को अधिक वोल्टता की आवश्यकता होता है।
(C) सोडियम Hg में घुलनशील है जबकि Pt में घुलनशील नहीं है।
(D) H+ आयन की सांद्रता अधिक होती है जब Pt इलेक्ट्राड लिया जाता है।
9. अभिक्रिया से प्राप्त सूचना के आधार पर ।
के विद्युत अपघटन के लिए निम्नतम कितने विद्युत वाहक बल की आवश्यकता होगी (F = 96500 C mol-1) [2003]
(A) 8.56 V
(B) 2.14 y
(C) 3.28 V
(D) 6.42 V
10.
11. 25°C ताप पर गैल्वनिक सेल में होने वाली सेल अभिक्रिया के लिए 1 = 2 मान के लिए मानक विद्युत वाहक बल 0.295 V पाया जाता है। इस अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिरांक होना चाहिए : [2004]
(A) 1.0 x 102
(B) 10 x 1010
(C) 1.0 x 1011
(D) 4.0 x 1012 (दिया है F= 96500 C mol-1, R = 8.314 JK-1mol-1)
12. एक निश्चित विद्युत धारा के प्रभाव से कैथोड पर Al3+ विलयन से 4.5 g एल्यूमिनियम (परमाणु द्रव्यमान = 27 amu) जमा होता है। समान विद्युत धारा के प्रभाव से मानक ताप व दाब पर H+ आयन विलयन से . प्राप्त हाइड्रोजन का आयतन कितना होगा। [2005]
(A) 11.2L
(B) 44.8 L
(C) 5.6 L
(D) 22.4L
13. हॉल प्रत हॉल प्रक्रम द्वारा बॉक्साइट से 270 kg एल्युमिनियम धातु के निर्माण में प्रयुक्त कार्बन एनोड (केवल कार्बनडाइऑक्साइड के लिए) का भार है। [2005]
(A) 270 KG
(B) 180 kg
(C) 540 kg
(D) 90 kg (परमाणु भार : A1 = 27)
14. कोलराउश नियम बताता है कि : [2008]
(A) अपरिमित तनुता पर प्रत्येक आयन विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता के लिए एक निश्चित योगदान देता है, विद्युत अपघट्य के दूसरे आयन की प्रकृति कुछ भी हो।
(B) परिमित तनुता पर, प्रत्येक आयन विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता के लिए एक निश्चित योगदान देता है विद्युत अपघट्य के दूसरे आयन की प्रकृति कुछ भी हो
(C) अपरिमित तनुता पर, प्रत्येक आयन विद्युत अपघटय की तुल्यांकी चालकता के लिए एक निश्चित योगदान देता है जो कि विद्युतअपघट्य के अन्य आयन की प्रकृति पर निर्भर करता है।
(D) अपरिमित तुनता पर, प्रत्येक आयन विद्युत अपघटय की चालकता के लिए एक निश्चित योगदान देता है विद्युत अपघट्य के दूसरे आयन की प्रकृति कुछ भी हो।
15. 298 K पर H2O(ℓ), CO2(g) तथा पेन्टेन (g) के निर्माण के लिये मानक मुक्त ऊर्जायें क्रमशः (kJ/mol में) -237.2, -394.4 तथा –8.2 हैं। पेन्टेन-ऑक्सीजन ईंधन सेल के E° का मान है : [2008]
(A) 0.0968 V
(B) 1.968 V
(C) 2.0968 V
(D) 1.0968 V
16. निम्नलिखित E° के मानो के आधार पर सबसे प्रबल आक्सीकारक है :
17.
18. एक दुर्बल मोनोबेसिक एसिड के \(\frac { M }{ 32 }\) विलयन की तुल्यांकी चालकता 8.0 mhos cm2 है तथा अनन्त तनुता पर 400 mhos cm2 है। अम्ल का वियोजन स्थिरांक है। [2009]
(A) 1.25 x 10-4
(B) 1.25 x 10-5
(C) 1.25 x 10-6
(D) 6.25 x 10-4
19. उच्च धारा और निम्न विभव पर विद्युत अपघटन द्वारा Al2O3, को अपचयित किया जाता है। यदि गलित Al2O3, में से 4.0 X 104 ऐम्पीयर की धारा 6 घंटे के लिये प्रवाहित की जाती है तो एलुमीनियम का कितनना द्रव्यमान उत्पादित होगा ? (धारा दक्षता को 100% मानिये, Al का प. द्रव्यमान = 27 g mol-1) [2009]
20. कॉपर धातु के साथ सिल्वर आयनों के अपचयन के लिए 25°C पर मानक सेल विभव + 0.46 V पाया गया। मानक गिब्स ऊर्जा ΔG° का मान होगा (F= 96500C mol-1). [2010]
(A) -89.0 kJ
(B)-89.0J
(C) -44.5 kJ
(D) -98.0 kJ
21. एक प्रबल विद्युत अपघट्य की तनुता के साथ इसकी तुल्यांक चालकता में वृद्धि का मुख्य कारण है [2010]
(A) आयनों की आयनिक गतिशीलता में वृद्धि
(B) साधारण तनता पर विद्युत अपघट्य का 100% आयनन
(C) आयनों की संख्या तथा आयनिक गतिशीलता दोनों में वृद्धि
(D) आयनो की संख्या में वृद्धि
22.
23. Sn4+/Sn2+ युग्म के लिए मानक इलेक्ट्रॉड विभव +0.15 V है तथा Cr3+/ Cr युग्मक के लिए मानक इलेक्ट्रॉड विभव -0.74 V है। इन दोनों युग्मों को मानक अवस्था में जोड़कर एक सेल तैयार होता है। सेल विभव होगा : [2011]
(A) + 1.83 V
(B) +1.19V
(C) + 0.89 V
(D) + 0.18 V
24. यदि एक अभिक्रिया के लिए E°ce का ऋणात्मक मान है, तो निम्न में से कौन ΔG° तथा K. के मान के लिए सही सम्बन्ध बताता है? [2011]
(A) ΔG°> 0; Kcq<1
(B) ΔG°> 0; Kcq>1
(C) ΔG°<0; Kcq>1
(D) ΔG°<0; Kcq< 1
25. तीन धातुओं X, Y तथा Z के मानक इलेक्ट्रॉड विभव क्रमशः -1.2 V, + 0.5 V तथा –3.0 V हैं। इन धातुओं की अपचायक शक्ति होगी : [2011]
(A) X > Y > Z
(B) Y > Z > X
(C) Y > X > Z
(D) Z > X > Y
26. एक विलयन में Fe2+, Fe3+तथा I आयन उपस्थित है। 35°C पर यह विलयन आयोडीन के साथ क्रिया करता है। Fe3+/Fe2+ के लिए E°, +0.77 V तथा I2/2I– के लिए E°, 0.536 V है तो अनुकूलित रेडॉक्स अभिक्रिया में [2011]
(A) Fe2+, Fe3+ में ऑक्सीकृत होगा।
(B) I2, I– में अपचयित होगा।
(C) यहाँ रेडॉक्स अभिक्रिया नहीं होगी।
(D) I–, I2 में ऑक्सीकृत होगा।
27. अनन्त तनुता पर NaCl, HCl तथा CHCOONa की मोलर चालकताएँ (A) क्रमशः 126.4, 425.9 तथा 91.0 S cm mol’ है। CHCOOH की A, होगी: [2012]
(A) 180.5 S cm mol-1
(B) 290.8 S cm mol-1
(C) 390.5 S cm mol-1
(D) 425.5 S cm mol-1
28. अर्ध अभिक्रिया के मानक अपचयन विभव नीचे दिये गये है :
प्रबलम उपचायक तथा अपचायक क्रमश है : [2012]
(A) Br2 तथा Cl–
(B) Cl2 तथा Br–
(C) Cl2 तथा I2
(D) F2 तथा I–
29. संक्रमण धातुओं की प्रथम श्रेणी के चार क्रमागत सदस्य नीचे दिये गये है। इनमें से किसका मानक विभव (E°M2+/M) मान धनात्मक है? [2012]
(A) Ni (Z = 28)
(B) Cu (Z= 29)
(C) Fe (Z= 26)
(D) Co (Z=27)
30. pH = 10 के HCI विलयन में प्लेटिनम तार को डुबोकर तथा इसके चारों तरफ 1 atm पर हाइड्रोजन गैस गुजारकर हाइड्रोजन गैस इलेक्ट्रॉड बनाया गया । इलेक्ट्रॉड का ऑक्सीकरण विभव होगा [2013]
(A) 0.059 V
(B) 0.59V
(C) 0.118 V
(D) 1.18 V
31. 25°C ताप पर 0.1 मोलर अमोनियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन की मोलर चालकता 954ohm-1cm2 mol-1 है तथा अनन्त तनुता पर इसकी मोलर चालकता 238 ohm-1 cm2 mol-1 है। उसी सान्द्रता तथा ताप पर अमोनियम हाइड्रोक्साइड की आयनन की मात्रा है [2013]
(A) 2.080 %
(B) 20.800 %
(C) 4.008 %
(D) 40.800 %
32.
33. यदि 0.1 मोल \({ MnO }_{ 4 }^{ 2- }\) को पूर्ण उपचयित (\({ MnO }_{ 4 }^{ 2- }\) से \({ MnO }_{ 4 }^{ 2- }\) में) करते हैं तो कितनी विद्युत मात्रा की आवश्यकता होगी : [2014]
(A) 96500 C
(B) 2 x 96500 C
(C) 9650 C
(D) 96.50 C
34. सिल्वर (प. भा. = 108) का कितना भार विस्थापित होगा उतनी विद्युत से, जो कि 5600 mL O2, को STP पर विस्थापित करता है : [2014]
(A) 5.4 g
(B) 10.8 g
(C) 54.0 g
(D) 108.0 g
35. एक युक्ति जो हाइड्रोजन तथा मेथेन जैसे ईधनों की दहन ऊर्जा को सीधे ही- विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है, कहलाती है [2015]
(A) ईधन सेल
(B) विद्युत अपघटनी सेल
(C) डायनेमो (Dynamo)
(D) Ni-Cd सेल
36. निम्न यौगिकों में से किसका जलीय विलयन विद्युत धारा का सुचालक है? [2015]
(A) अमोनिया, NH3
(B) फ्रक्टोस, C6H12O6
(C) ऐसीटिक अम्ल, C2H4O2
(D) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl
37. 298 K पर शुद्ध जल में H; इलेक्ट्रोड का विभव शून्य करने के लिए आवश्यक H; दाब है: [2016]
(A) 10-12 atm
(B) 10-11 atm
(C) 10-4 atm
(D) 10-14 atm
38. 0.5 mol/dm3 AgNO; के विलयन, जिसकी 298 K पर वैद्युत अपघटनी चालकता 5.76 x 10-3 S cm-1 है। इसकी मोलर चालकता है। [2016]
(A) 2.88 S cm2/mol
(B) 11.52 S cm2/mol
(C) 0.086 S cm2/mol
(D) 28.8 S cm2/mol
39.
गलित सोडियम क्लोराइड के विद्युत अपघटन के दौरान 3 एम्पियर धारा से 0.10 मोल क्लोरीन गैस के बनने में कितना समय लगता है ? [2016]
(A) 55 मिनिट
(B) 110 मिनिट
(C) 220 मिनिट
(D) 330 मिनिट
40. यदि किसी दी गई अभिक्रिया के लिए E°cell का मान ऋणात्मक है, तो ΔG° एवं Keq के मानों के लिए सही सम्बंध है [2016]
(A) AG° > 0; Keq<1
(B) AG°> 0; Keq>1
(C) AG°<0; Keq>1
(D) AG°<0; Keq<1
41. 60 सैकण्ड में 1 ऐम्पियर द्वारा विद्युत अपघटन के दौरान कैथोड पर इलेक्ट्रॉनों की मुक्त संख्या है। (इलेक्ट्रॉन पर आवेश = 1.60 x 10-19c) [2016]
(A) 6 x 1023
(B) 6 x 1020
(C) 3.75 x 1020
(D) 7.48 x 1023
42. जिंक को आयरन पर लेपित करने से गैल्वेनीकृत आयरन बनता है, जबकि इसका विपरीत सम्भव नहीं है। इसका कारण है। [2016]
(A) जिंक, आयरन से हल्का होता है।
(B) जिंक का गलनांक आयरन से कम है।
(C) जिंक का ऋणायन इलेक्ट्रोड विभव आयरन से कम होता है।
(D) जिंक का ऋणात्मक इलेक्ट्रोड विभव आयरन से अधिक होता है।
43. आबंधन में संयोजी कोश के ns2 इलेक्ट्रॉनों के साझेदारी की अयोग्यता के कारण होता है। [2017]
(A) Sn4+ अपचयित होता है, जबकि Pb4+ ऑक्सीकृत
(B) Sn4+ अपचयित होता है जबकि Pb4+ ऑक्सीकृत,
(C) Sn4+ ऑक्सीकृत होता है जबकि Pb4+ अपचयित
(D) Sn4+ एवं Ph4+ दोनों ऑक्सीकृत एवं अपचयित होते है।
44. एक वैद्युत रसायन सैल – Zn| ZnSO4(0.01 M) || CuSO (1.0 M)| Cu, इस डेनियल सैल का emf, E1 है। जब ZnSO4 की सान्द्रता को 1.0 M में परिवर्तित तथा CuSO4 की सान्द्रता को 0.01M में परिवर्तित किया जाता है तो emf, E2 में परिवर्तित होता है। E1 एवं E2 में सम्बंध है। (दिया है, \(\frac { RT }{ F }\)= 0.059) [2017]
(A) E2 = 0 ≠ E1
(C) E1 < E2
(B) E1 = E2
(D) E1> E2
45. निम्न में से कौनसे क्षारीय धातु ‘आयन की आयनिक गतिशीलता न्यूनतम है, जब इनके लवणों के जलीय विलयन को विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है? [2017]
(A) Li
(B) Na
(C) K
(D) Rb
ANSWERS
SOLUTIONS
1.
2.
3.
4. सेल अभिक्रिया स्वतः होती है जब मानक मुक्त ऊर्जा परिवर्तन (∆G°) ऋणात्मक होता है।
5. Ag के वैद्युत लेपन के लिए Ag+ के बहुत कम साद्रण की आवश्यकता होती है।
6. Pb02→ PEO, इस प्रकम के लिए ΔG298 ऋणात्मक होता है।
∴ अधिक स्थायी आक्सीकरण अवस्था Pb2+ होगी।
जबकि SnO2 → SnO प्रक्रम के लिए ∆G298 धनात्मक होता है इसलिए Sn4+ अधिक स्थायी है।
7. Fe2+→ Fe ; E° =-0.44 V
Fe3+ → Fe2+ ; E° =-0.77 V.
इस प्रकार Fe3+ → Fe2+ का अपचयन होगा तथा Fe* घटती है।
8. वैद्युत रासायनिक श्रेणी में H2 की स्थिति Hg से ऊपर होती है।
9.
10.
11.
12.
14. कॉलराऊस नियम के अनुसार अनन्त तनुता ‘पर, प्रत्येक आयन वैद्युत अपघट्य की चालकता के लिए निश्चित वितरण करता है। चाहे वैद्युत अपघट्य के अन्य आयन की प्रकृति जो भी हो।
15.
16. Fe+3 की SRP उच्चतम होती है तथा इस प्रकार यह प्रबलतम ऑक्सीकारक के रूप में व्यवहार करता है।
17.
18.
19.
20.
21.
22.
23.
24.
25.
26.
27.
28.
29.
30.
31.
32.
33.
34. O2 का तुल्यांक आयतन 5.6 लीटर है।
∴ 5.6 लीटर O2 का अर्थ है ऑक्सीजन का 1 तुल्यांक तथा अन्य स्पीशीज का 1 तुल्यांक, 1 फैराडे आवेश द्वारा प्रतिस्थापित होता है। तथा
∴1 तुलयांक अर्थात् 1 फैराडे आवेश द्वारा निक्षेपित 108g Ag
35. ईधन सेल
36. निर्जलीये HCl कुचालक है लेकिन जलीय माध्यम में यह चालक है। यह निम्न रूप में आयन प्रदान करता है।
HCl + H20→H30+ + Cl–
37.
38.
39.
40.
41.
42. Theory based
43. अक्रिय युग्म प्रभाव के कारण Pb+2 अधिक स्थायी है। जबकि टिन में Sn+4 अधिक स्थायी है।
∴ Pb+4 अपचयित होगा तथा Sn+2 ऑक्सीकृत होगा [Pb+4 = ऑक्सीकारक, Sn+2 = अपचायक)
44.
45. Li आयन का जलयोजन अधिकतम होगा। इस प्रकार इसका आयनिक भार उच्च होगा। अतः इसकी आयनिक गतिशीलता न्यूनतम होगी।
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