मानवीकरण अलंकार – Manvikaran Alankar In Sanskrit
मानवीकरण अलंकार: जब जड़ पदार्थों और प्रकृति के अंग (नदी, पर्वत, पेड़, लताएँ, झरने, हवा, पत्थर, पक्षी) आदि पर मानवीय क्रियाओं का आरोप लगाया जाता है अर्थात् मनुष्य जैसा कार्य व्यवहार करता हुआ दिखाया जाता है तब वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है; जैसे हरषाया ताल लाया पानी परात भरके। यहाँ मेहमान के आने पर तालाब द्वारा खुश होकर पानी लाने का कार्य करते हुए दिखाया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
मानवीकरण अलंकार अन्य उदाहरण – Examples Of Manvikaran Alankar
- हैं मसे भीगती गेहूँ की तरुणाई फूटी आती है।
यहाँ गेहूँ तरुणाई फूटने में मानवीय क्रियाओं का आरोप है। - यौवन में माती मटरबेलि अलियों से आँख लड़ाती है।
मटरबेलि का सखियों से आँख लड़ाने में मानवीय क्रियाओं का आरोप है। - लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा घुघरू पर ताल बजाते हैं।
यहाँ चने पर होली गाने, सज-धजकर इतराने और ताल बजाने में मानवीय क्रियाओं का आरोप है। - है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर।
रवि बटोर लेता है उसको सदा सवेरा होने पर। यहाँ वसुंधरा द्वारा मोती बिखेरने और सूर्य द्वारा उसे सवेरे एकत्र कर लेने में मानवीय क्रियाओं का आरोप है।