मन/मनस् शब्द के रूप – Man/Manas Ke Shabd Roop In Sanskrit
मनस् शब्द रूप: मनस, वाचा, कार्मण तीन संस्कृत शब्द हैं। मनस शब्द का अर्थ होता है मन, वाचा का भाषण, और कार्मण का अर्थ कुछ काम करना होता है। कई भारतीय भाषाओं में, एक व्यक्ति युक्ति द्वारा प्राथमिक और द्वितीयक गुणों के भेद का खंडन किया और सभी गुणों को मनस्-अवलंबित सिद्ध करने का प्रयत्न किया। अत: उन्होंने पदार्थ या वस्तु का भी स्वतंत्र हैं।
‘मनस्’ सकारान्त शब्द – Manas Shabdakaarak Shabd
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | मनः | मनसी | मनांसि |
द्वितीया | मनः | मनसी | मनांसि |
तृतीया | मनसा | मनोभ्याम् | मनोभिः |
चतुर्थी | मनसे | मनोभ्याम् | मनोभ्यः |
पञ्चमी | मनसः | मनोभ्याम् | मनोभ्यः |
षष्ठी | मनसः | मनसोः | अनसाम् |
सप्तमी | मनसि | मनसोः | मनस्सु, मनःसु |
मनस् सकारान्त शब्द = Favorite word
सम्बोधन हे मनः! हे मनसी! हे मनांसि!
मन/मनस् शब्द के रूप: ध्यातव्य-इसी प्रकार नभस् (आकाश), अम्भस् (पानी), उरस् (छाती), पयस् (दूध या पानी), रजस् (धूल), वयस् (उम्र), वक्षस् (छाती), अयस् (लोहा), तमस् (अन्धकार), वचस् (वचन), यशस् (कीर्ति), तेजस्, तपस्, शिरस, सरस् (तालाब) इत्यादि सकारान्त नपुंसकलिंग शब्द हैं। इन सभी के रूप ‘मनस्’ के समान चलेंगे।