Kerala SSLC Hindi Previous Question Papers with Answers 2017 are part of Kerala SSLC Hindi Previous Year Question Papers with Answers. Here we have given Kerala SSLC Hindi Previous Question Papers with Answers 2017.
Board | SCERT |
Class | SSLC Class 10 |
Subject | Hindi |
Category | Kerala SSLC Previous Question Papers |
Kerala SSLC Hindi Previous Question Papers with Answers 2017 Free Download Hindi Medium
Time: 1 1/2 Hours
Score : 40
सामान्य निर्देश
- पंद्रह मिनट का कूल ऑफ टाइम हैं।
- स्कोर और समय पर ध्यान देकर उत्तर लिखें।
सूचना : ‘बीरबहूटी’ कहानी का यह अंश पढ़े और 1 से 3 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 1.
सही प्रस्ताव चुनकर लिखें।
(क) वे वर्षा में गोली ज़मीन पर बीरबहूटियाँ खोजते थे।
(ख) वे धूप में सूखी ज़मीन पर बीरबहूटियाँ खोजते थे।
(ग) वे नदी के पानी में बीरबहूटियाँ खोजते थे।
(घ) वे दुकान पर बीरबहूटियाँ खोजते थे।
प्रश्न 2.
बेला किसके साथ बीरबहूटियों को देखने गई?
प्रश्न 3.
कहानी के इस अंश के आधार पर पटकथा का एक दृश्य तैयार करें।
अथवा
बेला और साहिल की बातचीत को आगे बढ़ाएँ। [बातचीत में 5 विनिमय हों]
साहिल : तुम ने कुछ सुना बेला?
बेला : हाँ सुना। पहली घंटी लग गई है।
सूचना : ‘सबसे बड़ा शो मैन’ का यह अंश पढ़े और 4 से 5 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
प्रश्न 4.
दर्शकों ने चार्ली का अभिनंदन कैसे किया?
प्रश्न 5.
लोगों ने चार्ली की खूब तारीफ़ की। माँ बहुत खुश थी। चार्ली की माँ के उस दिन की डायरी
लिखें। (डायरी लगभग 80 शब्दों की हो)
सूचना : ‘अकाल और उसके बाद’ की ये पंक्तियाँ पढ़े और 6 से 7 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 6.
‘कई दिनों के बाद घर में अनाज आया’ – यह आशयवाली पंक्ति चुनकर लिखें।
प्रश्न 7.
इन पंक्तियाँ का आशय लिखें।
सूचना : ‘गुठली तो पराई है’ कहानी का यह अंश पढ़े और 8 से 10 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 8.
‘ताऊजी’ के स्थान पर ‘गुठली’ का प्रयोग करके वाक्य का पुनर्लेखन करें।
ताऊजी बोले।
गुठली ………
प्रश्न 9.
“अपने घर की छोरियों के नाम कार्ड पर नहीं छपते।” – कार्ड में किसका नाम नहीं है? 1
प्रश्न 10.
दीदी की शादी के कार्ड पर अपना नाम न होने से गुठली बहुत निराश है। इसके बारे में वह अपने पिताजी के नाम पत्र लिखती है। गुठली का पत्र लिखें। (पत्र का कलेवर लगभग 80 शब्दों को हो) 4
अथवा
लड़कियों को अकसर भेदभाव सहना पड़ता है। सूचकों की सहायता से लड़कियों को समानता
का अधिकार है’ विषय पर टिप्पणी लिखें। (टिप्पणी लगभग 80 शब्दों की हो)
- घर में अन्य होने का अनुभव
- परिवार में उचित स्थान का अभाव
- समाज में भेदभाव
- लड़का-लड़की समान
सूचना : ‘ठाकुर का कुआँ’ कहानी का यह अंश पढ़े और 11 से 12 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 11.
सिर्फ ये बदनसीब नहीं भर सकते।’ क्यों?
(क) जोखू बीमार हैं
(ख) पानी खराब है।
(ग) कुआँ दूर है ।
(घ) वे नीची जाति के है।
प्रश्न 12.
मान लें आपके स्कूल में जाति प्रथा एक अभिशाप है’ विषय पर संगोष्ठी चलनेवाली हैं। इसकी सूचना देते हुए पोस्टर तैयार करें।
अथवा
सामाजिक असमानता बड़ी समस्या हैं। ‘समान अवसर का अधिकार’ विषय पर लघु-लेख लिखें। (लेख लगभग 80 शब्दों का हो)
- खाना मिलने का अधिकार
- घर मिलने का अधिकार
- पीने का पानी मिलने का अधिकार
- कपड़ा मिलने का अधिकार
सूचना : ‘बसंत मेरे गाँव का लेख का यह अंश पढ़े और 13 से 14 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 13.
सरसों के फूलों का रंग क्या है?
(क) हरा (ख) नीला
(ग) पीला
(घ) सफेद
प्रश्न 14.
इस वाक्य-पिरमिड की पूर्ति करें।
सूचना : यह कहानी पढ़े और 15 से 16 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 15.
प्रतिदिन का समानार्थी शब्द खंड से चुनकर लिखें।
प्रश्न 16.
आशय समझें और सही मिलान करें। गरीब लड़का रामू
सूचना : ऊँट बनाम रेलगाड़ी’ का यह अंश पढ़े और 17 और 18 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 17.
राजस्थान में सदियों से किसे सजाने का चलन है?
प्रश्न 18.
ऊँट राजस्थान की संस्कृति का अंग है। राजस्थान के लोग और ऊँटों के बीच के परंपरागत संबंध
पर टिप्पणी लिखें। (टिप्पणी लगभग 60 शब्दों की हो।
- राजस्थान के लोगों का दोस्त
- राजस्थान के लोगों का एकमात्र सहारा
- ऊँटों को सजाने की चलन
- राजस्थान की संस्कृति का हिस्सा
सूचना : ‘टूटा पहिया’ कविता की ये पंक्तियाँ पढ़े 19 और से 20 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखें।
प्रश्न 19.
कवितांश के आधार पर किसका पक्ष असत्य है?
(क) अकेली आवाज़ का
(ख) निहत्थी आवाज़ का
(ग) बड़े-बड़े महारथी का
(घ) ब्रह्मास्त्रों का
प्रश्न 20.
कवितांश का आशय लिखें।
उत्तर
उत्तर 1.
सही प्रस्ताव – वे वर्षा में गीली ज़मीन पर बीरबहूटियाँ खोजते थे।
उत्तर 2.
साहिल के साथ।
उत्तर 3.
पटकथा :
दृश्य :
स्थान : खेत
समय : सुबह नौ बजे
आकाश में कुछ बादल छाए हैं।
पात्र :
1. एक लड़का, आयु 10-11, स्कूली यूनिफार्म में है, पीठ पर बस्ता है।
2. एक लड़का, आयु 10-11, स्कूली यूनिफार्म में है, पीठ पर बस्ता है।
संवाद :
साहिल : बेला देखो इस बीरबहूटी का रंग तुम्हारे रिबन के जैसा लाल है। तुमने कुछ सुना बेला? }
बेला : हाँ, सुना है। पहली घंटी लग गई है।
साहिल : लेकिन मुझे पैन में स्याही भरवानी है, दुकान से।
बेला : तो चलो, दुकान जाएँ।।
साहिल : ठीक है। चलें।
(दोनों उत्साह से दुकान की ओर जाते हैं)
बेला-साहिल बातचीत :
साहिल : तुमने कुछ सुना बेला?
बेला : हाँ सुना है। पहली घंटी लग गई है।
साहिल : लेकिन मुझे पैन में स्याही भरवानी है दुकान से।
बेला : तो जल्दी चलें, नहीं तो देर हो जाएगी।
साहिल : ठीक है। जल्दी चलें।
(दोनों दुकान की ओर चलते हैं। इसके बीच में साहिल कलम में बची स्याही ज़मीन पर छिड़क देता है)
बेला : यह तुम क्या कर रहे हो साहिल?
साहिल : कुछ नहीं बेला, मैं कलम में बची स्याही छिड़क रहा हूँ।
बेला : क्यों साहिल?
साहिल : अभी तो नई स्याही भरवाएँगे न।
बेला : नहीं मिली तो?
साहिल : तुम चिंता मत करो। ज़रूर मिलेगी।
उत्तर 4.
दर्शकों ने देर तक खड़े होकर तालियाँ बजाईं। कई लोगों ने माँ से हाथ मिलाकर चार्ली की
तारीफ की।
उत्तर 5.
चार्ली की माँ की डायरी।
तारीखः.. आज मेरी जिंदगी में एक विचित्र घटना हुई। जब मैं स्टेज पर गाना गा रही थी तब मेरी आवाज़ फटकर फुसफुसाहट में बदल गई। पहले दर्शक लोग सोच रहे थे कि माइक खराब है। लेकिन जब उन्हें पता चला कि मैं गा नहीं पा रही हैं वे म्याऊँ – म्याऊँ करने लगे, हल्ला मचाने लगे। हे भगवान! मैं बहुत डर गई थी। मेरे सामने कोई उपाय नहीं था। मैं ने स्टेज छोड़ दिया। मैनेजर ने मेरे बेटे को मज़बूर करके स्टेज पर भेजा। क्योंकि उन्होंने चार्ली को गीत गाते हुए, अभिनय करते हुए और किसी का नकल उतारते हुए देखा था। चार्ली गीत गाना शुरु किया। पहले उसका गाना आर्कस्ट्रा के साथ नहीं चल रहा था। लेकिन जल्दी ही ठीक हो गया। उसने गीत गाकर, अभिनय करके और नकल उतारकर दर्शकों को बहुत खुश किया। नकल उतारते समय मेरी फटी आवाज़ को भी उसने नहीं छोड़ा था। स्टेज पर पैसों की बौछार हुई। उस प्रकार मैं अपमान से बच गई। सभी लोग मेरे पास आकर बेटे की तारीफ करने लगे। आज का दिन मेरे लिए एक विशेष दिन था।
उत्तर 6.
दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद।
उत्तर 7.
“अकाल और उसके बाद’ कविता में कवि नागार्जुन अकाल दूर होने पर घर के वातावरण का चित्रण कर रहे हैं। कवि कहते हैं कि कई दिनों के बाद घर में दाने आए हैं। इससे चूल्हा जलने लगा, आँगन से धुआँ ऊपर उठने लगा और घर में रहनेवाले सभी जीवों की आँखें चमकने लगीं।
क्योंकि आज उनको खाना मिलनेवाला है।
उत्तर 8.
ताऊजी बोले। गुठली बोली।
उत्तर 9.
कार्ड में गुठली का नाम नहीं है।
उत्तर 10.
पिताजी के नाम गुठली का पत्र
स्थान :…………
तारीख : ………।
पूज्य पिताजी,
आप कैसे हैं। आपको व्यापार कैसे चल रहा है। घर में सब ठीक हैं। कल हमारे घर में दीदी की शादी का कार्ड छपाके लाया गया था। लेकिन मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि उसमें मेरा नाम नहीं था। मैंने ताऊजी के पास जाकर शिकायत की। लेकिन ताऊजी बता रहे थे कि घर की छोरियों के नाम कार्ड पर नहीं छपते, तेरा नाम तेरे अपने कार्ड में छपेगा। मुझे बड़ा दुख हुआ पापा। क्योंकि भैया के छोटे बच्चे का भी नाम छपा था जो अभी बोलने भी नहीं लगा है। घर में लड़के-लड़कियों में ऐसा भेदभाव क्यों हो रहा है। इस व्यवहार से मैं बहुत चिंतित हूँ पापा।
आपकी आज्ञाकारी बेटी,
(हस्ताक्षर)
गुठली।
सेवा में
श्री. नारायण बाबु. के.
……….
…………।
अथवा
लड़कियों को समानता का अधिकार है – टिप्पणी समाज में लड़के-लड़कियों को समानता का अधिकार भारतीय संविधान में बताया गया है। उसके अनुसार लड़कियों के प्रति पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए। दोनों को समानता का अधिकार मिलना चाहिए। हमारा देश स्वतंत्र होकर 70 साल होते समय भी परिवार में हो या समाज में लड़कियों को समानता का अधिकार नहीं मिल रहा है। केरल में यह भेदभाव अन्य राज्यों की तुलना में कम है। लेकिन पूरे देश में यह बिलकुल भिन्न है। गर्भ में ही लड़कियों की हत्य होने का निर्मम व्यवहार भी कभी-कभी चलता है। याने वे लड़कियों का जन्म भी नहीं चाहते। लड़कियों के प्रति हीन भाव रखना ठीक नहीं है। लड़कियों को समाज में सभी प्रकार के क्षेत्रों में आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए।
उत्तर 11.
सिर्फ टे बदनसीब नहीं भर सकते। वे नीची जाति के हैं।
उत्तर 12.
जाति प्रथा एक अभिशाप है: संगोष्ठी – पोस्टर
अथवा
समाज में लोगों को जन्म के आधार पर विभाजित करना और उच्च या निम्न बताना ठीक नहीं है। हमारे देश का संविधान सभी जातिवालों को समानता का अधिकार निश्चित किया है। लेकिन सभी जातिवालों को आज भी हमारे देश में समानता का अधिकार प्राप्त नहीं है। आदमी जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है। याने जातीय असमानता हमारे देश की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है। स्वतंत्रता के 70 साल बीत जाते समय भी जाति के नाम पर लोगों पर अत्याचार चल रहा है। आधुनिक विकसित समाज में जातीयता के नाम पर लोगों को अलग करना घोर अन्याय मान सकते हैं। सभी लोगों को खाना मिलने, घर मिलने, पीने का पानी मिलने, कपड़ा मिलने आदि तरह-तरह के अधिकार होने चाहिए।
उत्तर 13.
सरसों के फूलों का रंग पीला है।
उत्तर 14.
वाक्य पिरमिड
उत्तर 15.
प्रतिदिन का समानार्थी शब्द रोज़ है।
उत्तर 16.
उत्तर 17.
राजस्थान में सदियों से ऊँटों को सजाने का चलन है।
उत्तर 18.
ऊँट राजस्थान की संस्कृति का अंग है – टिप्पणी।
ऊँटों को हम अधिकतर कुरुप या असुंदर जानवर मानते हैं। हम कभी भी ऊँटों को सुंदरता का प्रतीक नहीं मानते हैं। उनका वरर्णन करते समय कहते हैं – नशेड़ियों की तरह मदहोश आँखें, ऊबड़-खाबड़ कुदाल जैसे दाँत, लटके हुए होंठ उलटकर चबाते रहते हैं और हिंडोला खाते हुए चलता है। लेकिन राजस्थान के लोगों के लिए ये सबसे प्रिय जानवरों में एक है। ऊँटों को रेगिस्थान का जहाज़ कहते हैं। याने रेगिस्थान में यात्रा करने में ऊँट बहुत सहायक होता है। राजस्थान रेगिस्थान का राज्य होने के कारण वहाँ ऊँटों की बड़ी मान्यता होती है। वे अपने इस प्रिय जानवर को सुंदर-सुंदर झालर, गहने आदि से सजाते हैं। क्योंकि ऊँट राजस्थान कीसंस्कृति का हिस्सा है।
उत्तर 19.
कवितांश के आधार पर बड़े-बड़े महारथी का पक्ष असत्य है।
उत्तर 20.
यह हिंदी के प्रसिद्ध कवि धर्मवीर भारती की टूटा पहिया नामक कविता का अंश है। इस कविता के द्वारा कवि तुच्छ मानव के महत्व पर बल देते हैं। कविता में कहते हैं कि बड़े-बड़े महारथी अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी अकेली आवाज़ को कुचल देना चाहता है। वर्तमान समाज में भी एक आम आदमी को शासक उतना महत्व नहीं देता। लेकिन कवि याद दिलाना चाहते हैं कि समाज में तुच्छ माने जानोवाला आदमी का भी अपना महत्व है। जनतंत्र में भी एक आदमी (मतदाता) शासन का निर्णय तक कर सकता है।
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