Grah Dhatu Roop In Sanskrit - ग्रह धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)

ग्रह धातु के रूप – Grah Dhatu Roop In Sanskrit

ग्रह धातु रूप: सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं – सीरीस, प्लूटो और एरीस। प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने तारों और ग्रहों के बीच में अन्तर इस तरह किया- रात में आकाश में चमकने वाले अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं, एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं।

ग्रह (=पकड़ना, ग्रहण करना) – Grah = (Padana, Grahana Karana)

लट् लकार (वर्तमानकाल) –  – Lat Lakar (Present Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष गृह्णाति गृह्णीतः गृह्णन्ति
मध्यम पुरुष गृह्णासि गृह्णीथः गृह्णीथ
उत्तम पुरुष गृह्णामि गृह्णीवः गहीमः

लृट् लकार (सामान्य भविष्यत्काल) – Lrit Lakar (Normal Future Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
पुरुष प्रथम ग्रहीष्यति ग्रहीष्यतः ग्रहीष्यन्ति
मध्यम पुरुष ग्रहीष्यसि ग्रहीष्यथः ग्रहीष्यथ
उत्तम पुरुष ग्रहीष्यामि ग्रहीष्यावः ग्रहीष्यामः

लुङ् लकार (हतुहेतुमद् भविष्यत्काल) – Lud Lakar (Help Past Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष अग्रहीष्यत् अग्रहीष्यताम् अग्रहीष्यन्
मध्यम पुरुष अग्रहीष्यः अग्रहीष्यतम् अग्रहीष्यत
उत्तम पुरुष अग्रहीष्यम् अग्रहीष्याव अग्रहीष्याम

लङ् लकार (अनद्यतन भूतकाल) – Lad Lakar Anadhatan (Past Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष अगृह्णात् अगृह्णीताम् अगृह्णन्
मध्यम पुरुष अगृह्णाः अगृह्णीतम् अगृह्णीत
उत्तम पुरुष अगृह्णाम् अगृह्णीव अगृह्णीम

लोट् लकार (आदेशवाचक) – Lot Lakar (Commander)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष गृह्णातु गृहीताम् गृह्णन्तु
मध्यम पुरुष गृहाण गृह्णीतम् गृह्णीत
उत्तम पुरुष गृह्णानि गृह्णाव गृह्णाम

विधिलिङ् लकार (अनुज्ञावाचक) – Vidhilid Lakar (License)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष गृह्णीयात् गृह्णीयाताम् गृह्णीयुः
मध्यम पुरुष गृह्णीयाः गृह्णीयातम् गृह्णीयात
उत्तम पुरुष गृह्णीयाम् गृह्णीयाव गृह्णीयाम