द्वौ – द्विवचनांत के शब्द रूप – Do/Dwi Ke Shabd Roop In Sanskrit
द्वौ – द्विवचनांत के शब्द रूप: अर्थात् अल्प (थोड़ा, कुछ), प्रधान, प्रथम, केवल, साधारण, समान और एक – इन अर्थों – में ‘एक’ शब्द प्रयुक्त होता है। जब ‘एक’ शब्द संख्यावाचक होता है, तब इसका रूप केवल एकवचन में ही होता है। अन्य अर्थों में इसके रूप तीनों वचनों में होते हैं। बहुवचन में ‘एक’ का अर्थ है – ‘कुछ लोग’, ‘कोई कोई’। जैसे- एके नराः, एकाः नार्यः, एकानि फलानि।
द्वि (दो) = Dvi (Do) = (Two)
विभक्ति | पुल्लिंग | नपुंसकलिंग | स्त्रीलिंग |
प्रथमा | द्वौ | द्वे | द्वे |
द्वितीया | द्वौ | द्वे | द्वे |
तृतीया | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
चतुर्थी | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
पंचमी | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
षष्ठी | द्वयोः | द्वयोः | द्वयोः |
सप्तमी | द्वयोः | द्वयोः | द्वयोः |
द्वौ – द्विवचनांत के शब्द रूप: ‘द्वि’ के रूप केवल द्विवचन में तथा तीनों लिगों में अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए प्रातिपदिक (शब्द) में सुप् प्रत्यय लगाकर बने पदों की कारक के अनुसार अर्थयुक्त तालिका आगे प्रस्तुत है-