NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antral Chapter 1 अंडे के छिलके
Class 11 Hindi Chapter 1 Question Answer Antral अंडे के छिलके
प्रश्न 1.
“पराया घर तो लगता ही है, भाभी”-अपनी भाभी-भाई के कमरे में श्याम को पराएपन का अहसास क्यों होता है?
उत्तर :
भाभी ने घर में आकर भाई के कमरे का नक्शा ही बदल दिया। अब श्याम को कमरे में पैर रखने की हिम्मत नहीं पड़ती। पहले यह कमरा उसके अपने कमरे जैसा ही था। सभी चीजें चारपाई या मेज पर रहती थीं। अब हालत यह हो गई है कि इस कमरे का केवल एक कोना ही गोपाल भैया का नजर आता है। वहाँ पतलूनें और कोट एक-दूसरे पर टँगे नज़र आते हैं। बाकी कमरे की सरकार ही बदल गई प्रतीत होती है। भैया की टेबल भी खूब चमक रही है। अब पहले जैसी बात नहीं रह गई है। यही कारण है कि श्याम को अब इस कमरे में परायेपन का अहसास होता है।
प्रश्न 2.
एकांकी में अम्मा की जो तस्वीर उभरती है, अंत में वह बिल्कुल बदल जाती है’-टिप्पणी कीजिए।
उत्तर :
एकांकी में अम्मा की छवि एक पुराने ख्यालों वाली महिला की उभरती है, अंत में यह तस्वीर बिल्कुल पलट जाती है। वह अपने परिवार के सदस्यों को कठोर अनुशासन में रखने वाली महिला के रूप में लगती है। पाठकों को लगता है कि वह घर में अंडा लाने और खाने को सहन नहीं कर सकती। इसी तरह सिगरेट पीना उसके लिए असहनीय हो सकता है। वह अपने परिवार में केवल धार्मिक पुस्तकें ही पढ़ने की अनुमति दे सकती है। उसकी इसी छवि के कारण परिवार के सदस्य उससे छिपकर अंडे खाते हैं, सिगरेट पीते हैं और दूसरी किताबें पढ़ते हैं। ऐसा करने वालों को यही लगता है कि अम्मा उनके बारे में नहीं जानती हैं। एकांकी के अंत में माधव द्वारा यह साफ किया जाता है कि अम्मा सब कुछ जानती हैं। वह बताता है कि, “तुम समझते हो कि अम्मा यह सब नहीं जानती?” अर्थात् माँ को घर मे होने वाली सभी बातें पता हैं। वे अण्डों के खाये जाने, सिगरेट पीने और ‘चन्द्रकान्ता’ जैसी किताबें पढ़े जाने के बारे में भी जानती हैं और यह जानकर भी अनजान बनी रहती हैं। इससे अम्मा की छवि परिवार को प्यार करने वाली और सहनशील महिला के रूप में बदल जाती है।
प्रश्न 3.
अंडे खाना, ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ना आदि किन्हीं संवर्भों में गलत नहीं हैं। फिर भी नाटक के पात्र इन्हें छिपकर करते हैं। क्यों? आप उनकी जगह होते तो क्या करते?
उत्तर :
जब यह एकांकी लिखी गई थी उन दिनों अंडों का खाया जाना सामान्य घरों में अच्छा नहीं समझा जाता था। इसे मांसाहार माना जाता था तथा इसे जीव-हत्या समझा जाता था। ‘चंद्रकांता संतति’ जैसी किताब को तिलस्मी-जादू और अय्यारी की माना जाता था। इन्हें अश्लील किताबों की तरह मानकर छिपकर पढ़ा जाता था। एक-दूसरे के बीच परदा रखा जाता था। सब यही सोचते थे कि यह काम वे ही कर रहे हैं जबकि छिपकर सभी करते थे। यदि हम उनकी जगह होते तो हम इस काम को छिपकर नहीं करते। हमारा मानना है कि जिस काम को छिपकर किया जाता है, वह गलत हो जाता है। जिस काम को आप ठीक समझते हैं उसे सबके सामने करने का साहस व्यक्ति में होना चाहिए।
प्रश्न 4.
राधा के चरित्र की ऐसी कौन-सी विशेषताएँ हैं जिन्हें आप अपनाना चाहेंगे?
उत्तर :
राधा के चरित्र में कई विशेषताएँ हैं जो अपनाने योग्य हैंवह घर के काम-धंधे में लगी रहती है। उसे अपनी जिम्मेदारी का अहसास है। यह एक अच्छी बात है। हम इस विशेषता को अपनाना चाहेंगे।
राधा पढ़ने-लिखने में विश्वास करती है। वह रामायण तो पढ़ती ही है, साथ में अन्य रोचक किताबें भी पढ़ लेती है, भले ही इन्हें छिपाकर पढ़ती हो। किताब पढ़ने की आदत भी अपनाने योग्य है।
राधा इधर-उधर की बात लगाने में विश्वास महीं करती। वह दिल की बात दिल में ही रखती है। इससे घर में झगड़ा नहीं होता। यह आदत भी अपनाने योग्य है। राधा बड़ों का सम्मान करती है। वह अम्माँ का आदर करती है। यह उसके चरित्र की विशेष्ता है।
प्रश्न 5.
(क) सरकार के धूम्रपान न करने की वैध तिक चेतावनी और बड़े बुजुगों की धूप्रपान न करने की मनाही के पीछे कौन-कौन से कारण हैं ? क्या आप इन कारणों से सहमत हैं ? आप इस अभियान में क्या सहयोग कर सकते हो ?
उत्तर :
सरकार धूम्रपान को रोक तो नहीं सकती, पर धूम्रपान के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक अवश्य कर सकती है। इसी के लिए उसने बीड़ी सिगरेट की डिब्बियों पर धूम्रपान से सावधानी बरतने के लिए चेतावनी छापने को अनिवार्य बना दिया है ताकि धूम्रपान करने से पहले व्यक्ति दस बार सोचे कि यह धूम्रपान उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। घर के बड़े बुजुर्ग भी धूम्रपान की मनाही करते हैं। वे पुराने इतिहास से शिक्षा लेते हुए ऐसा कहते हैं।
इसके पीछे निम्नलिखित कारण हैं :
- धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
- धूम्रपान से हमारे फेफड़े खराब हो जाते हैं। इसमें टी.बी. जैसा भयंकर रोग हो जाता है, फेफड़ों का कैंसर तक हो जाता है।
- धूम्रपान के धुएँ से सामनं बैठे व्यक्ति को भी खतरा उत्पन्न होता है।
- धूम्रपान से स्वास्थ्य के साथ-साथ धन की भी बर्बादी होती है।
- धूम्रपान से वायुमंडल प्रदूषित होता है। इससे बदबू आती हाँ, हम भी इन कारणों से पूरी तरह सहमत हैं। हम भलीभाँति जानते हैं कि यह एक बुरी लत है। इससे छुटकारा पाना जरूरी है।
इस अभियान में हम यह़ सहयोग दे सकते हैं कि धूम्रपान विरोधी रैली निकालकर लोगों को सचेत करें। अपने कार्यालय में किसी को भी धूम्रपान न करने दें। धूम्रपान करने वालों से जुर्माना वसूल करें।
(ख) यदि आप अपने घनिष्ठ मित्र को चोरी छिपे सिगरेट पीते वेखें, तब आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी ? आप इसे कैसे व्यक्त करेंगे ? अपना अनुभव लिखिए।
उत्तर :
यदि हम अपने मित्रको चोरी छिपे सिगरेट पीते देखें तो हमारी प्रतिक्रिया यह होगी कि हम उसे इसके लिए डाँटंगे-फटकारेंगे। उसे बुरा-भला कहेंगे। इसे हम अपने गुस्से द्वारा प्रकट करेंगे।
अनुभव – एक दिन मैंने अपने मित्र को चोरी-छिपे सिगरेट पीते हुए देखा। मित्र आधुनिक बनने के चक्कर में सिगरेट पी रहा था। वह धुएँ के छल्ले उड़ाकर गर्व का अनुभव कर रहा था। वह इसके हानिकारक प्रभाव से अनजान था। मैंने उसे यह सब करते हुए देख लिया। मैंने उसे इस बुरी आदत के लिए खूब लताड़ा। मैंने उसे सिगरेट से होने वाली हानियों से परिचित कराया। उस समय तो उसके कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। फिर मैंने उसे अपने घर शाम के खाने पर बुलाया।
मैंने उसे बड़े प्यार से अपने पास बिठाया और धूम्रपान पर चर्चा शुरू कर दी। वह भयभीत हो गया और बोला-” “यार ! मैं तो सिगरेट पीना छोड़ना चाहता हूँ, पर छोड़ नहीं पाता। मैं अपनी बात पर ज्यादा देर तक रूक नहीं पाता। तब मैंने उसे निकोटिक्स की गोलियों का एक पैकिट दिया और कहा जब भी तुम्हें सिगरेट पीने की इच्छ हो तब एक गोली मुँह में रख लेना। तुम्हें सिगरेट पीने जैसी ही अनुभूति होगी। वह मेरी बात मान गया। धीरे-धीरे उसकी सिगरेट पीने की लत छूट गई। अब हम दोनों प्रसन्न हैं।
Class 11 Hindi NCERT Book Solutions Antral Chapter 1 अंडे के छिलके
प्रश्न 1.
एकांकी के आधार पर वीना के चरित्र की पाँच विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
एकांकी ‘अंडे के छिलके’ में वीना गोपाल की पत्नी है। वह शिक्षित तथा नए विचारों की युवती है। वीना का चरित्रांकन निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है-
1. सुशिक्षित – वीना बी.ए, तक पढ़ी है। वह हर कार्य सोचसमझकर करती है। वह ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहती जिसे दूसरों से छिपाना पड़े। इसलिए वह चाहती है कि उसके और गोपाल के अंडे खाने का पता घर के अन्य सदस्यों को भी होना चाहिए।
2. सफाई पसंद – वीना सफाई पसंद स्त्री है। शादी से पहले गोपाल का कमरा बिखरा रहता था परंतु शादी के बाद गोपाल का कमरा साफ-सुथरा रहता है। सभी वस्तुएँ ठीक ढंग से कमरे में लगी हुई हैं। श्याम के इस वाक्य से भी पता चलता है कि वीना सफाई पसंद स्त्री है “भाभी! तुमने आते ही नक्शा बदला है इस कमरे का कि मेरा अंदर पैर रखने का हौसला ही नहीं पड़ता।”
3. सहित्य में रुचि – वीना की हर प्रकार के साहित्य में रुचि बचपन से ही है। उसने चंद्रकांता संतति, भूतनाथ जैसी पुस्तकें पढ़ रखी हैं। वह राधा को भी रामायण, महाभारत के साथ-साथ चंद्रकांता संतति पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
4. आधुनिक विचार – वीना नए विचारों की युवती है। उसे अंडे खाने और चंद्रकांता संतति जैसी किताबें पढ़ने से परहेज नहीं है। उसे दूध और अंडों में कोई अंतर नहीं लगता है। उसके अनुसार कोई भी कार्य छिपकर नहीं करना चाहिए। जब वह अंडे खाते हैं तो उसका पता सबको होना चाहिए।
5. हास – परिहास में निपुण-वीना हास-परिहास में निपुण हैं। वह सबकी बातों को हँसी में लेती है। गोपाल के यह कहने पर कि वह आजकल श्याम पर बहुत मेहरबान तो वह राधा की ओर संकेत करके कहती है, “जीजी बैठी हैं, ये तो मुझसे ज्यादा जानती होंगी।” गोपाल वीना को राधा से रामायण पढ़ना सीखने की बात कहता है तो जब कहती है वह आज राधा की गुटका रामायण (चंद्रकांता संतति) अपने कमरे में ले आई है।
उपरोक्त विशेषताओं से पता चलता है कि घर में शांति, प्यार और एकता को बनाए रखने के लिए जिस विशेषता का होना चाहिए वह वीना में है। वह घर को बनाए रखने के लिए अम्मा की पुरानी मान्यताओं का ध्यान रखते अपने शौक अपने कमरे में ही पूरे करती है।
प्रश्न 2.
आपको एकांकी का अंत कैसा लगा? अपने शब्दों में वर्णन करो।
उत्तर :
‘अंडे के छिलके’ एक ऐसे परिवार की कहानी है जिसके सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं का ध्यान रखते हुए अपने-अपने शौक सबसे छिपकर पूरा करते हैं। इस एकांकी का अंत हमारे लिए ही नहीं एकांकी के पात्रों के लिए आश्चर्यजनक और सुखद अनुभव होता है। वीना, गोपाल, राथा और श्याम अम्मा से छिपाकर जिस प्रकार अंडे खाते हैं और चंद्रकांता संतति पढ़ते हैं उससे पता चलता है कि वे अम्मा की पुरानी और धार्मिक मान्यताओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहते क्योंकि वे लोग अम्मा से बहुत प्यार करते हैं। परंतु वे लोग यह नहीं जानते कि अम्मा भी उनकी सभी बातों की जानकारी रखती है।
इस बात से पर्दा राधा का पति माधव उठाता है कि अम्मा को सब पता है कि गोपाल और वीना ने अपने कमरे में बिजली का स्टोव क्यों रखा हुआ है। उसके कमरे में हर-रोज सुबह क्या बनता है, श्याम अपने कमरे में ही सुबह का दूध क्यों लेता है, और उसकी बीवी रात को सबके सो जाने पर मोमबत्ती जलाकर क्या पढ़ती है और अम्मा को उन सब बातों की जानकारी है जो वह सब से छिपाकर करता है गोपाल को अब अंडे के छिलके कोट की जेब में छिपाकर रखने की आवश्यकता नहीं है। अम्मा सब कुछ जानते हुए भी कुछ नहीं देखती है। अब आगे से किसी को छिपाकर कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। एकांकी के अंत से ऐसा लगता है कि अम्मा ने अपने परिवार को बनाए रखने के लिए समय के अनुसार स्वयं को बदल लिया है। जिस प्रकार बच्चे उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हैं, उसी प्रकार अन्मा उनकी कमियों को अनदेखा करके घर में आत्मीयता का वातावरण बनाए रखती है।
प्रश्न 3.
वीना और राधा के चरित्र की तीन-तीन विशेषताएँ बताइये।
उत्तर :
वीना की तीन विशेषताएँ | राधा की तीन विशेषताएँ |
1. साफ-सफाई पसंद | 1. पढ़ने की शौकीन |
2. बातचीत में स्पष्टवादी | 2. विश्वसनीय |
3. पढ़ी-लिखी | 3. बड़ों का आदर और सम्मान करने वाली |
प्रश्न 4.
‘अंडे के छिलके’ एकांकी से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर :
‘अंडे के छिलके’ एकांकी में आधुनिक समाज की दिखावे वाली संस्कृति और व्यवहार में दोहरेपन की संस्कृति को दर्शाया गया है। इस एकांकी से विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलती है कि वे अपने जीवन में यथार्थ को महत्त्व दें। बनावटीपन की भावना से दूर रहें। इसके साथ-साथ परिवार में एकता एवं आत्मीमता बनाए रखने के लिए हमें परिवार के अन्य सदस्यों की भावनाओं और विचारों का सम्मान करना चाहिए।
प्रश्न 5.
एकांकी के माध्यम से भारतीय संयुक्त परिवार की कैसी झांकी प्रस्तुत की गई है?
उत्तर :
इस एकांकी में उस भारतीय संयुक्त परिवार की झांकी प्रस्तुत की गयी है जिसमें आधुनिकता और परंपरा का द्वंद्व चल रहा है। अम्मा जी पुरानी पीढ़ी की प्रतीक हैं। अम्मा जी के अपने नियम और विचार हैं। अण्डे खाना, मादक पदार्थ का सेवन करना, किताबें पढ़ना उनके हिसाब से सही नहीं है जबकि उनके ही परिवार के दूसरों सदस्यों को इस सबसे कोई परेशानी नहीं होती है। परिवार के सदस्य अपनी आदतों को छुपकर पूरा करते हैं। वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके व्यवहार से किसी को ठेस न पहुँचे। यह भारतीय संयुक्त परिवार की मूल प्रवृत्ति और विशेषता है।
प्रश्न 6.
‘अंडे के छिलके’ एकांकी में पुराने मूल्यों के टूटने की नाटकीय विडंबना है।’-इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर :
अंडे के छिलके’ एकांकी में लेखक मोहन राकेश ने आधुनिक समाज में दिखावे की प्रवृत्ति वाली संस्कृति और समाज की विकृति को अनोखे ढंग से प्रस्तुत किया है। इस एकांकी में परंपरागत मान्यताओं को टूटते दिखाया गया हैं इस टूटन ‘क कारण व्यवहार के दोहरे चरित्र को उभारा गया है। घर में अंडे का प्रयोग तो किया जाता है, पर अंडों के छिलकों को छिपाया जाता है ताकि किसी को पता नहीं चले। इसे घर की पुरानी परंपरा की पोषक वृद्धा माँ से छिपाया जाता है।
घर में लुका-छिपाव के प्रयास चलते रहते हैं। घर में तीन पीढ़ियों की मानसिकता काम करती है-एक पीढ़ी की माँ है, जिसे अंडे खाना तो दूर, उसकी परछाई तक स्वीकार नहीं, दूसरी पीढ़ी बड़े भाई और भाभी की है जो सब कुछ जानकर भी अनदेखा कर देते हैं, तीसरी पीढ़ी छोटे भाई और उसके परिवार की है जो अपने ढंग से अंडे खा रही हैं। घर के सभी सदस्यों का दोहरा आचरण है। वे कहते हैं- “हमें अम्मा से भी प्यार है और अपनी खुराक से भी।” घर की परंपरागत मान्यताएँ चरमरा कर टूट रही हैं। इनके दिखाने भर का नाटक अवश्य किया जाता है। यह एक समूची कहानी एक नाटकीय विडंबना मात्र है। हम दोहरी जिंदगी जीने के खिलाफ हैं। यदि हम अंडा खाने को अच्छा समझेंगे तो खुलकर उसका समर्थन करेंगे। इनको जीवन-मूल्यों के साथ जोड़ना उचित नहीं है। जब हम दुराब-छिपाव रखते हैं तभी जीवन-मूल्य टूटते हैं। हम बड़ों को धोखे में रखना कतई नहीं चाहेंगे क्योंकि उनका सम्मान करना हमारा कर्त्तव्य है।
प्रश्न 7.
राधा अपने पति और सास से छिपकर उपन्यास पढ़ती है। आपकी दृष्टि से उसके द्वारा ऐसा करना कहाँ तक उचित है ? अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
राधा अपने पति और सास से छिपाकर ‘चंद्रकांता संतति’ उपन्यास पढ़ती है। ऐसा वह अपने मनोरंजन के लिए करती हैं संभवतः उसकी सास तथा उसके पति की उसका उपन्यास पढ़ना पसंद नहीं है। वे इसे समय की बर्बादी मानते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद की किताब पढ़कर अपना मनोरंजन करने का पूरा-पूरा अधिकार है। कई उपन्यास केवल मनोरंजन ही प्रदान नहीं करते, अपितु उनके पढ़ने से ज्ञान भी बढ़ता है। ऐसी पुस्तक पढ़कर व्यक्ति दैनिक जीवन के झंझटों से मुक्ति पा लेता है। हमारी दृष्टि में राधा का उपन्यास पढ़ना किसी भी दृष्टि से अनुचित नहीं है।
इसे पढ़ते समय व्यक्ति कल्पना-लोक में विचरण करके आत्म तुष्टि का अनुभव करता है। हाँ, यह गलत तब हो जाता है जब हम किसी काम को छिपकर करते हैं। राध अपने पति से छिपाकर मोमबत्ती की रोशनी में उपन्यास पढ़ती है, जबकि उसके पति को यह बात ज्ञात है। धार्मिक पुस्तकें केवल मन को शांति प्रदान करती हैं, आत्मतुप्ति का अनुभव कराती हैं, जबकि उपन्यास हमारा मनोरंजन करते हैं। राधा को अपने पति और सास से छिपकर उपन्यास पढ़ने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें बताकर पढ़ना चाहिए।
प्रश्न 8.
‘अंडे के छिलके’ एकांकी में एक ही घर में रहने वाले पात्र एक-दूसरे से झूठ बोलते हैं, छल-फरेब करते हैं, एक-दूसरे से अपनी बात छिपाते हैं। क्या आपको उनका यह व्यवहार उचित जान पड़ता है ? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर :
‘अंडे के छिलके’ एकांकी में एक ही घर में अनेक सदस्य रहते हैं। वे सभी अपनी छवि साफ़-सुथरी दर्शाने का हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन यथार्थ स्थिति कुछ और ही है। सभी सदस्यों में काई न कोई कमी अवश्य है। परिवार के सदस्य दोहरा जीवन जीते हैं। वीना-श्याम के कमरे में अंडों का इस्तेमाल होने की बात, गोपाल के सिगरेट पीने की बात, श्याम का पुलटिस के रूप में अंडों का हलुआ खाने की बातें माँ को भी पता थीं, बड़े भाई को भी पता थीं, पर सभी अपने-अपने झूठ को एक-दूसरे से छिपाकर आत्म संतोष का अनुभव करते हैं। यह एक प्रकार का छल-फरेब ही तो है। हमारे विचार से उनकी जिंदगी का यह दोहरापन किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। घर-परिवार आपसी विश्वास पर चलता हैं इसमें आपस में सद्भाव बना रहना चाहिए। इस लुकाव-छिपाव के बिना भी घर-गृहस्थी चल सकती है। बल्कि छल-कपट की जब पोल खेलती है तब परिवार बिखर जाता है। घर-परिवार के लोगों के बीच स्पष्टता बनी रहनी चाहिए। इसी भावना से संयुक्त परिवार सुचारू रूप से चलता है।
प्रश्न 9.
घर में रहने वाले बड़े लोग अपने छोटों की बुरी बातों पर परदा डालने का प्रयास करते हैं। आपकी वृष्टि में क्या उनका ऐसा व्यवहार करना उचित है ? अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
यह स्थिति संयुक्त परिवार में उपस्थित होती है। प्राय: संयुक्त परिवार में दो या तीन पीढ़ियाँ रहती हैं। घर में दादा-दादी, माता-पिता, पति-पत्नी तथा बच्चे रहते हैं। दादा-दादी ब्ड़े लोगों में शुमार किए जाते हैं, प्रौढ़ माता-पिता भी बड़ों में गिने जाते हैं। बच्चों की तीसरी पीढ़ी होती है। इन तीनों पीढ़ियों की सोच में बहुत अंतर होता है। इसी को ‘जेनरेशन गैप’ कहा जाता है। वर्तमान आधुनिक युग में सभी लोग अपने-अपने ढंग से जीना चाहते है।। वे अपनी मर्जी से खाना-पीना च्चाहते हैं, नए ढंग से कपड़े पहनते हैं। पहले जो बातें बुरी समझी जाती थीं, अब उन्हें ठीक समझा जाने लगा है।
नई पीढ़ी पुराने मूल्यों को स्वीकार नहीं करना चाहती। जबकि पुरानी पीढ़ी उनसे चिपकी रहना चाहती है। इसी कारण परिवार को सदस्यों के रिश्तों में दरार पड़ने की संभावना पैदा होती है। बड़े लोगों को अपने अस्तित्व पर खतरा मँडडराता प्रतीत होता है। वे अपने से छोटों की बुरी लगने वाली बातों की उपेक्षा करने लगते हैं या परदा डालने लगते हैं। ऐसा वे परिवार की सुख-शांति के लिए करते हैं। यह ठीक है कि बड़ों की व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, पर उन्हें छोटों की गलत बातों को प्रोत्साहित कतई नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 10.
‘अंडे के छिलके’ एकांकी में हर पात्र दोहरी जिंदगी जीता है।’-स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
पहले हम ‘अंडे के छिलके’ एकांकी के प्रमुख पात्रों के नाम जान लें। ये हैं-श्याम, गोपाल, माधव, राधा, वीना, जमुना आदि। ये सभी पात्र दोहरी जिंदगी जीते हैं। एकांकी कार ने प्रत्येक पात्र को मानसिकता के दोहरेपन और उनके द्वंद्व को अभिव्यक्त किया हैं इसमें परंपराओं की टूटन भी दर्शाया गया है। एकांकीकार इस टूटन के दर्द को जीवंत करता है। श्याम और दीना छिपकर अंडे खाते हैं। वे अंडों के छिलकों को छिपाते हैं ताकि अम्मा को इसका पता न चल सके। अम्मा पुरानी मान्यताओं की पोषक है। वह पहले तो अंडों की झलक तक देखना पसंद नहीं करती, पर अंत में उसके चरित्र का दोहरापन प्रकट हो ही जाता है। वह रंक कुछ जानकर भी अनजान बनी रहती है। राधा भी बोहरेपन की शिकार है। वह छिपकर ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ती है। माधव के चरित्र में भी दोहरापन है। उसे पता तो वब कुछ रहता है, पर वह दिखाता यह है कि उसे कुछ पता नहीं। राधा वैसे तो रामायण-महाभारत पढ़ती है, पर उसने भी चंद्रकांता संतति को पढ़ रखा है। इस एकांकी में नई-पुरानी पीढ़ी का द्वंद्व है। पुरानी पीढ़ी विवशता में सब कुछ सहती रहती है, नई पीढ़ी भी बुजुर्बों से अपना सब कुछ छिपाती है। यहाँ सभी दोहरी जिंदगी जीते प्रतीत होते हैं।
प्रश्न 11.
‘अंडे के छिलके’ एकांकी में हमें भारतीय परिवार की किन-किन विशेषताओं का पता चलता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘अंडे के छिलके’ एकांकी का कथानक संयुक्त परिवार प्रथा पर आधारित है। इस परिवार में तीन भाई, दो भाइयों की पतियाँ, माँ (अम्मा) सहित छह लोग रहते हैं। माँ यमुना परिवार की सबसे बड़ी बुजुर्ग महिला है। उसकी इस परिवार में मान-सम्मान है। यही कारण है कि घर का कोई भी सदस्य गलत काम करता है तो माँ से छिपकर करता है। इससे पता चलता है भारतीय परिवारों में अभी भी माँ का मान-सम्मान होता है। इस एकांकी के कथानक से यह भी पता चलता है कि भारतीय परिवारों में व्यक्ति अपनी रुचि और स्वाद को अपने बड़ों के हिसाब से बनाता है।
यदि किसी को अंडा खाना अच्छा लगता है तो वह बड़ों के भय से खुलकर नहीं खाता अपितु छिपकर खाता है। ऐसा ही श्याम और गोपाल भी करते हैं। भारतीय परिवार में बहुओं की स्थिति के बारे में काफी पता चलता है। राधा का मन ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ने को करता है तो वह अपनी सास का लिहाज करके इसे छिपकनर पढ़ती है। इस एकांकी की वीना सबसे समझदार और विद्रोही स्वभाव की होते हुए भी सास का कभी अपमान नहीं करती। वह खुलकर अपने कामों की वकालत नहीं करती। इस प्रकार एकांकी में बताया गया है कि भारतीय परिवारों में अभी भी आत्मीयता और सम्मान की भावना है। जमुना घर की मुखिया होने के कारण परिवार को एकता के सूत्र में बाँधे रखती है।
प्रश्न 12.
‘अंडे के छिलके’ एकांकी लिखने के पीछे एकांकीकार का उद्देश्य क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘अंडे के छिलके’ एकांकी मोहन राकेश द्वारा रचित है। इसमें उन्होंने आधुनिक समाज की दिखावे वाली संस्कृति और समाज की विकृति का अनोखे ढंग से पेश किया है। जहाँ परिवार में अंडे के उपयोग की मनाही के बावजूद भीतर ही भीतर सभी उसके उपयोग के पक्ष में मालूम पड़ते हैं। लेखक ने इस एकांकी में परंपरा और आधुनिकता के द्वंद्व को प्रमुखता से उभारा है। लेखक का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह बताना है कि वे अपने जीवन में यथार्थ को महत्व दें, कृत्रिमता या किसी थोथी आदर्शवादिता के चक्कर में न पड़े। उन्हें अपने जीवन को सही दिशा देनी चाहिए। लेखक का उद्देश्य पारिवारिक एकता को बाँधकर रखना है। लेखक आपसी रिश्तों की डोर को मजबूत करना चाहता है। मर्यादावादी संस्कारों और नए विचारों में टकराहट अवश्य होती है। इसे हल्के-फुल्के ढंग से भी सुलझाया जा सकता है। परिवार में हास्य-व्यंग्य की स्थितियाँ बनी रहनी चाहिए। एकांकी में पात्रों का दोछरा चरित्र भी उजागर किया गया है। आभा के चरित्र के माध्यम से परिवार को एकसूत्र में बाँधे रखने की बात कही गई है।
प्रश्न 13.
एकांकी के अंत पर प्रकाश डालिए ?
उत्तर :
पूरी एकांकी में रहस्यात्मक वातावरण बना रहता है एकांकी का अंत सभी के लिए सुखद एवं आश्चर्यजनक है। वीना और गोपाल छिपकर अंडे खाते हैं। राधा छिपकर चंद्रकांता संतति पढ़ती है। वे इन रहस्यों को अम्मा पर प्रकट नहीं होने देते क्योंकि उनकी पुरानी मान्यताओं को खतरा पहुँचाने की संभावना बनी रहती है। परिवार के सभी सदस्य अम्मा का बड़ा सम्मान करते हैं। पर वे इस तथ्य से अनजान रहते हैं कि अम्मा भी इन सभी बातों की जानकारी रखती है।अंत में इस रहस्य से परदा राधा का प्रति माधव उठाता है कि अम्मा को सब पता है कि वीना और गोपाल ने अपने कमरे में बिजली का स्टोव क्यों रखाहुआ है और उनके कमरे में हर रोज क्या बनता है।’ वह यह भी जानती हैं कि मोमबत्ती की रोशनी कौन ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ती है। अम्मा वब कुछ जानते हुए भी अनजान बनी रहती है। जब रहस्य से परदा उठ ही जाता है तब किसी को छिपाकर कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं रह जाती।
प्रश्न 14.
एकांकीकार के माध्यम से एकांकी के रुख में किस प्रकार का बदलाव किया है ?
उत्तर :
एकांकीकार ने इस एकांकी में संयुक्त परिवार का चित्रण किया है। परिवार के कुछ सदस्य अंडा खाते हैं, पर अम्मा से छिपकर, राधा ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ती है वह भी छिपकर। उन्हें डर है कि यदि इन बातों का अम्मा को पता चल गया तो पूरे घर को ही गंगा-स्नान करना पड़ेगा और अम्मा स्वयं को अपमानित अनुभव करेगी। इससे अम्मा के संस्कारों का अपमान हो जाएगा। घर का बड़ा बेटा माधव है। वह सब बातों को जानता है।
वह मुस्कराते हुए गोपाल से अंडों छिलकों को कोट की जेब में भरने की बात पूछता है। तब वह यह रहस्योद्घाटन करता है कि अम्मा से डरकर कुछ भी छिपाने की जरूरत नहीं है क्योंकि अम्मा हमारी सभी कमजोरियों को जानती है। अम्मा नाराज नहीं होंगी। माधव के रहस्योद्घाटन से सभी के चेहरे खिल जाते हैं और पूरी स्थिति सामान्य हो जाती है। माधव हैसकर कहता है- “आज से छिलके नाली में डाल दिया करो, इनके लिए डिब्बा रखने की जरूरल नहीं है और जहाँ तक अम्मा का सवाल है वह इन्हें नाली “पड़े हुए भी नहीं देखेगी।” इस प्रकार एकांकी का पूरा रुख ही बदल जाता है।
प्रश्न 15.
वीना कणे की साफ-सफाई एवं वस्तुओं को सही ढंग से व्यवस्थित रूप से रखती है।’ आप इसमें प्रेरित होकर अपने जीवन में क्या-क्या कदम उठाएँगे ?
उत्तर :
वीना अपने कमरे की साफ-सफाई करने में कुशल है। वह कमरे की सभी चीजों को व्यवस्थित रूप में रखती है। शादी से पहले गोपाल का कमरा बिखरा रहता था। शादी के बाद वीना ने ही गोपाल के कमरे की साफ-सफाई की तथा सभी चीजों को व्यवस्थित ढंग से रखती।
हम भी इससे प्रेरित होकर अपने जीवन में निम्नलिखित कदम उठाएंगे –
- हम भी अपने कमरे, अपने घर को साफ-सुथरा बनाएंगे।
- पूरा वातावरण स्वच्छ बनाने में लोगों की मदद करेंगे। स्वच्छता से बीमारियाँ दूर रहती हैं।
- सभी चीजों को व्यवस्थित ढंग से रखेंगे। इससे हमें ही चीजों को ढूँढने में सहूलियत रहेगी।