Chatvari/Char Ke Shabd Roop In Sanskrit - चत्वारि - चार के शब्द रूप - भेद, चिह्न उदाहरण (संस्कृत व्याकरण)

चत्वारि – चार के शब्द रूप – Chatvari/Char Ke Shabd Roop In Sanskrit

चत्वारि – चार के शब्द रूप: अर्थात् अल्प (थोड़ा, कुछ), प्रधान, प्रथम, केवल, साधारण, समान और एक – इन अर्थों – में ‘एक’ शब्द प्रयुक्त होता है। जब ‘एक’ शब्द संख्यावाचक होता है, तब इसका रूप केवल एकवचन में ही होता है। अन्य अर्थों में इसके रूप तीनों वचनों में होते हैं। बहुवचन में ‘एक’ का अर्थ है – ‘कुछ लोग’, ‘कोई कोई’। जैसे- एके नराः, एकाः नार्यः, एकानि फलानि।

चतुर (चार) – Chatur (Chaar) =  Clever (Four)

विभक्ति पुल्लिंग स्त्रीलिंग नपुंसकलिंग
प्रथमा चत्वार: चतस्र: चत्वारि
द्वितीया चतुर: चतस्र: चत्वारि
तृतीया चतुर्भिः चतसृभि: चतुर्भिः
चतुर्थी चतुर्भ्य: चतसृभ्य: चतुर्भ्यः
पंचमी चतुर्भ्य: चतसृभ्य: चतुर्भ्यः
षष्ठी चतुरणाम् चतसृणाम् चतुर्णाम्
सप्तमी चतुर्षु चतसृषु चतुर्षु

चत्वारि – चार के शब्द रूप: ‘चतुर’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में अलग-अलग और केवल बहुवचन में होते हैं। उदाहरण के लिए प्रातिपदिक (शब्द) में सुप् प्रत्यय लगाकर बने पदों की कारक के अनुसार अर्थयुक्त तालिका आगे प्रस्तुत है-

Chatvari/Char Ke Shabd Roop In Sanskrit