CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3

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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3

BoardCBSE
ClassIX
SubjectHindi B
Sample Paper SetPaper 3
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 9 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

निर्देश
1. इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं-क, ख, ग और घ।
2. चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
3. यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

खंड {क} अपठित बोध [15 अंक]

प्रश्न 1:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए। (9)

इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी देन विज्ञान और उसके नित नए चमत्कार हैं। आज का मानव स्वयं को इनके बिना रह पाने की कल्पना मात्र से ही सिहर उठता है। भौतिक सुखों का आनंद देने वाले ये सामान उसके जीवन को सुचारु रूप से चलाने में सहायक तो हैं, पर इनका सुख उसे मकड़ी के जाल में फंसा रहा है। वह भूल गया कि आदिमानव का जीवन कठिन अवश्य था, पर असंभव नहीं। इन साधनों को सर्वोपरि मानने के कारण आज उसके सोचने-समझने की शक्ति का तो अधिक विस्तार हुआ है, पर दूसरी ओर उसकी आत्मनिर्भरता समाप्त हो रही है। वह इन्हें गौण न मानकर प्रमुख मान चुका है। इनके बिना उसे जीवन अधूरा लगता है। इसकी पुष्टि के लिए मोबाइल का चलन ही ले लें, जो आज हर किसी की पहली आवश्यकता बन गया है। आज तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में वह अपने प्रियजनों के साथ संपर्क का प्रमुख साधन बन गया है, किंतु यही संचार का साधन आपसी दूरियाँ भी बढ़ा रहा है। उठते-बैठते, घर, दफ्तर, बाज़ार, भोजन कक्ष और सभाओं में लोग इसके साथ व्यस्त रहते हैं। एक नए अध्ययन में मनोवैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मोबाइल की केवल मौजूदगी मात्र से ही साथ बैठे लोग असहज हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि उनके रहते हुए भी इंसान उनसे अधिक मोबाइल पर ध्यान दे रहा है। शारीरिक रूप से सामने होते हुए भी मानसिक रूप से वह उसी मोबाइल पर ध्यान केंद्रित रखता है। मोबाइल के रूप में विज्ञान का यह चमत्कार आज प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता बन गया है। युवा वर्ग के बीच यह एक फैशन और एक महत्त्वपूर्ण माँग बनकर उभर रहा है।

(क) इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी देन क्या है? (2)
(ख) विज्ञान के साधनों को सर्वोपरि मानने से क्या हुआ है? (2)
(ग) आज की ज़िंदगी में मोबाइल का क्या महत्त्व है? (2)
(घ) निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए (2)
(i) मनोवैज्ञानिक
(ii) आत्मनिर्भरता
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। (1)

प्रश्न 2:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए सामने कुहरा घना है। मुझे यही कहता है । (6)
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3 2
(क) “उन्हें भी मुट्ठियों में दबाए बैठे हैं।” पंक्ति में उन्हें शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है? संदर्भ सहित स्पष्ट कीजिए। (2)
(ख) इस काव्यांश से क्या प्रेरणा मिलती है? (2)
(ग) निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए (2)
(i) चाँद
(ii) रात

खंड {ख} व्याकरण [15 अंक]

प्रश्न 3:
(क) निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए (2)
(i) स्पर्श
(ii) भाषा

प्रश्न 4:
(क) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर लगे अनुस्वार वाले शब्द छाँटिए (1)
पुंय, अलंकार, संमान, कंचन

(ख) निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त स्थान पर लगे अनुनासिक वाला शब्द समूह छाँटिए (1)
चिड़ियाँ, पंखा, निंदा, पाँव

(ग) निम्नलिखित शब्दों में से सही नुक्ते वाले शब्द समूह (1)
(i) अशराफ़, फन्।
(ii) राज़, अशराफ
(iii) ज़रा, राज
(iv) फ़न, फ़लक

प्रश्न 5:
(क) ‘सम्मुख’ शब्द में से उपसर्ग व मूल शब्द को अलग-अलग करके लिखिए। (1)
(ख) “वार्षिक’ शब्द में से मूल शब्द व प्रयुक्त प्रत्यय को। अलग-अलग करके लिखिए। (1)
(ग) ‘प्रासंगिक’ शब्द में से उपसर्ग, मूल शब्द व प्रत्यय अलग कीजिए। (1)

प्रश्न 6:
निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए (4)
(i) अनु + एषण ।
(ii) पुष्प + अवली |
(iii) सम् + धि
(iv) पौ + इत्र

प्रश्न 7:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए (3)
(क) विवरण चिह्न का प्रयोग कहाँ किया जाता है?
(ख) “लेकिन रामन् केवल भावुक प्रकृति प्रेमी ही नहीं थे” प्रस्तुत वाक्य में सही विराम चिह्न का प्रयोग करके वाक्य पुनः लिखिए।
(ग) “अरे…….तुम दिल्ली जाओगे।’ वाक्य में ‘अरे’ के बाद कौन-सा विराम चिह्न प्रयुक्त होगा?

खंड {ग} पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक [25 अंक]

प्रश्न 8:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) हिमपात किस प्रकार होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं? ‘एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ख) ‘शुक्रतारे’ के समान किसे कहा गया है और क्यों? (2)
(ग) “तुम कब जाओगे, अतिथि’ पाठ के आधार पर ‘अतिथि सुलभ मुस्कान’ में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए। (1)

प्रश्न 9:
कवियों की धारणा को लेखक ने युक्तिशून्य वृत्ति क्यों कहा है? ‘कीचड़ का काव्य पाठ के आधार पर लगभग 100 शब्दों में बताइए। (5)
अथवा
“व्यक्ति की आर्थिक भिन्नताएँ उसके सामाजिक विभाजन का निर्धारण करती हैं” ‘दुःख का अधिकार कहानी के आधार पर लगभग 100 शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 10:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) सुखिया के पिता को जेल में सदियाँ बीतने का आभास क्यों हुआ? ‘एक फूल की चाह कविता के आधार पर लिखिए। (2)
(ख) ‘आदमीनामा’ कविता में आदमी के कौन-कौन-से सकारात्मक रूप बताए गए हैं? उनका उल्लेख कीजिए। (2)
(ग) रहीम के दोहे “जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (1)

प्रश्न 11:
‘नए इलाके में कविता के आधार पर लगभग 100 शब्दों में बताइए कि ‘ढहा हुआ घर’ क्यों धोखा दे जाता है? (5)
अथवा
कवि मनुष्य को छाँह माँगने के लिए मना क्यों करता है तथा मानव को जीवन में सफल होने के लिए क्या करने को कहता है? ‘अग्नि पथ’ कविता के आधार पर लगभग 100 शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 12:
‘गिल्लू’ संस्मरण के आधार पर लगभग 150 शब्दों में स्पष्ट कीजिए कि इस पाठ के माध्यम से लेखिका ने जनसामान्य में पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम की भावना उत्पन्न करने का सार्थक प्रयास किया है। (5)
अथवा
हामिद खाँ ने लेखक के साथ कैसा व्यवहार किया? दोनों की परस्पर मुलाकात में आपने किस बात से प्रेरणा ग्रहण की? ‘हामिद खाँ’ कहानी के आधार पर लगभग 150 शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

खंड {घ} लेखन [25 अंक]

प्रश्न 13:
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिझ
1. मेरे जीवन का लक्ष्य
संकेत बिंदु

  •  लक्ष्य का अर्थ
  •  लक्ष्य निर्धारण का कारण
  • लक्ष्य प्राप्ति हेतु प्रयास ।

2. पर्यावरणीय प्रदूषण
संकेत बिंदु ।

  •  अर्थ एवं इसके प्रकार
  •  प्रदूषण के कारण
  • इसका दुष्प्रभाव एवं समाधान |

3. सठ सुधरहिं सत्संगति पाई
संकेत बिंदु

  • सूक्ति का अर्थ
  •  सत्संगति से लाभ
  •  कुसंगति से हानि

प्रश्न 14:
परीक्षा के बाद अपने कार्यक्रम का विवरण देते हुए अपने पिताजी को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5)
अथवा
स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक भाषण प्रतियोगिता में स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर आपने अपने विचार प्रस्तुत किए थे। विदेश में रहने वाले अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखकर इस कार्यक्रम की जानकारी दीजिए।

प्रश्न 15:
दिए गए चित्र को ध्यान से देखकर 20 से 30 शब्दों में चित्र का वर्णन अपनी भाषा में प्रस्तुत कीजिए। (5)
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3 15
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3 15a

प्रश्न 16:
परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ाई की ओर ध्यान देने के संदर्भ में माँ और पुत्र के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
गृहकार्य न करने पर छात्र और अध्यापक के मध्य हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 17:
‘योग दिवस पर 25 से 50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए। (5)
अथवा
किसी कंपनी की ओर से कलाई घड़ी का विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।

जवाब

उत्तर 1:
(क) इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी देन विज्ञान है, जिसके कारण नित नए-नए चमत्कार देखने को मिल रहे हैं। वस्तुतः विज्ञान की प्रगति ने आज उन सब कार्यों को भी संभव बना दिया है, जिनकी कुछ समय पूर्व लोग केवल कल्पना करते थे।

(ख) विज्ञान के साधनों को सर्वोपरि मानने से आज मानव जाति की सोचने-समझने की क्षमता का विस्तार हुआ है। उसकी सोच तार्किक एवं वैज्ञानिक हो गई है, जिससे नए-नए क्षेत्रों में भी वह अपनी सोच के कारण बहुत आगे बढ़ गया है, किंतु इसके पश्चात् भी आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में उसे हानि हुई है।

(ग) प्रस्तुत गद्यांश में स्पष्ट किया गया है कि आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के लिए मोबाइल पहली आवश्यकता बन गया है। यह लोगों का अपने प्रियजनों के साथ संपर्क स्थापित करने का प्रमुख साधन बन गया है। इसके अतिरिक्त फोटो लेने, चैटिंग करने, मेल देखने एवं भेजने, मनोरंजन करने आदि से संबंधित कार्यों को भी कुशलता के साथ मोबाइल पर संपादित किया जाता है।

(घ) (i) मनोवैज्ञानिक – मनः + वैज्ञानिक
(ii) आत्मनिर्भरता – आत्म + निर्भरता
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक ‘विज्ञान का चमत्कारः मोबाइल’ हो सकता है।

उत्तर 2:
(क) “उन्हें भी मुट्ठियों में दबाए बैठे हैं।” पंक्ति में उन्हें’ शब्द जुगनू अर्थात् आशा की किरण के लिए प्रयुक्त हुआ है। कवि कहता है कि निराश व्यक्ति अपनी मुट्ठियों को दबाए रहते हैं। और आशा की अंतिम किरण को भी समाप्त कर देते हैं।
(ख) इस काव्यांश से भरपूर ऊर्जा एवं आशा के साथ जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। कवि ने निराशा को त्यागकर आशा के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है।
(ग) (1) चाँद – चंद्रमा, सोम, शशि, कलाधर।।
(ii) रात – रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।

उत्तर 3:
(क) (i) स् + प् + अ + र् + श् + अ ।
(ii) भू + आ + y + आ ।

उत्तर 4:
(क) अलंकार, कंचन
(ख) चिड़ियाँ, पाँव
(ग) (iv) फ़न, फ़लक

उत्तर 5:
(क) उपसर्ग सम् मूल शब्द मुख
(ख) मूल शब्द वर्ष प्रत्यय इक
(ग) उपसर्ग मूल शब्द प्रत्यय
प्र संग इक

उत्तर 6:
(i) अन्वेषण
(ii) पुष्पावली
(iii) संधि
(iv) पवित्र

उत्तर 7:
(क) जहाँ किसी बात को अगली पंक्ति में बताया जाता है, वहाँ विवरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(ख) लेकिन, रामन् केवल भावुक प्रकृति-प्रेमी ही नहीं थे।
(ग) ‘अरे………. तुम दिल्ली जाओगे’ वाक्य में अरे के बाद विस्मयादिबोधक चिह्न (!) प्रयुक्त होगा। यहाँ ‘अरे’ शब्द से आश्चर्य का भाव अभिव्यक्त होने के कारण विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग होगा।

उत्तर 8:
(क) हिमपात प्रायः बर्फ के टुकड़ों के अव्यवस्थित तरीके से गिरने के कारण होता है। हिमपात अर्थात् ग्लेशियर के बहने से बर्फ में प्रायः हलचल हो जाती है, जिससे बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानें तत्काल गिरने लगती हैं और प्रायः खतरनाक स्थिति धारण कर लेती हैं। ज़मीन पर दरार पड़ने के साथ-साथ गहरे-चौड़े हिम-विदर (बर्फ की खाई) का रूप धारण कर लेती हैं। इन हिम-विदरों में अनेक पर्वतारोहियों की जानें चली जाती हैं।

(ख) शुक्रतारा, गांधीजी के सचिव ‘महादेव भाई देसाई’ को कहा गया है, क्योंकि वे एक अत्यंत प्रतिभाशाली लेखक थे, उनकी लेखनशक्ति चमत्कारी थी। वे अपने व्यस्त जीवनकाल में भी अपने नियमित कार्यकलापों को करते रहे। शुक्रतारे के समान वे अपनी आभा से विश्व को परिचित करवाकर बहुत जल्दी इस संसार से विदा हो गए।

(ग) ‘अतिथि सुलभ मुस्कान’ में यह व्यंग्य छिपा है कि अनचाहा। अतिथि लेखक के घर में प्रसन्न होकर रह रहा है इससे इस आशंका को बल मिलता है कि अतिथि जल्दी घर से नहीं जाएगा।

उत्तर 9:
कवियों की धारणा को लेखक ने युक्तिशून्य वृत्ति इसलिए कहा है, क्योंकि कविजन अच्छी और सुंदर वस्तु या व्यक्ति का तो गुणगान करते हैं, लेकिन उसके मूल को नकार देते हैं। वे कीचड़ से जन्म लेने वाले ‘पंकज’ अर्थात् कमल पर तो मुग्ध होते हैं, परंतु ‘पंक’ (कीचड़) से उन्हें घृणा होती है। वे वासुदेव की पूजा को स्वीकार करते हैं, परंतु वासुदेव के पिता वसुदेव को पूजनीय नहीं मानते। ठीक उसी प्रकार कवियों की दृष्टि में हीरा तो कीमती होता है, परंतु उसका उत्स अर्थात् मूल स्रोत कोयला या पत्थर असुंदर और साधारण है। उनका मानना है कि मोती कीमती होने के कारण गले में धारण करने योग्य होता है, परंतु उसे जन्म देने वाली मातुश्री अर्थात् सीपी व्यर्थ है। लेखक की दृष्टि में कवियों की ऐसी सोच युक्तिशून्य वृत्ति है।

अथवा

‘दुःख का अधिकार’ कहानी यह स्पष्ट करती है कि समाज के सभी व्यक्तियों को एक जैसे अधिकार प्राप्त नहीं हैं। उनकी आर्थिक भिन्नताएँ उनके सामाजिक विभाजन का भी निर्धारण करती हैं। आर्थिक दृष्टि से व्यक्ति का विद्यमान स्तर ही उसके सामाजिक स्तर को भी निश्चित करता है। यही कारण है कि भगवाना की माँ की तुलना एक संभ्रांत महिला के साथ करते हुए सामाजिक स्तर पर भगवाना की माँ को निम्नस्तरीय माना गया है, क्योंकि भगवाना की माँ ने अपने बेटे की मृत्यु के बाद चारों ओर शोक मनाने की खबर नहीं फैलाई और न ही उसने अपने दुःख को किसी के समक्ष प्रकट होने दिया, क्योंकि उसके सामने
आर्थिक विवशता थी। भूख से तड़पते उसके पोता-पोती तथा बुखार से तपती बहू के उपचार के लिए पैसे की आवश्यकता थी। और यह पैसा सिर्फ भगवाना की माँ ही अर्जित कर सकती थी, जिसके लिए उसे बाज़ार में खरबूजे लेकर बेचने जाना पड़ा।

उत्तर 10:
(क) सुखिया के पिता को अपनी बेटी की अत्यधिक चिंता हो रही थी, क्योंकि वह अपनी बीमार बेटी के स्वास्थ्य से पूरी तरह अनभिज्ञ था। बेटी से दूर रहने के कारण ही उसका मन किसी काम में नहीं लग रहा था और उससे मिलने की व्याकुलता के कारण उसे एक-एक पल, एक सदी के समान लग रहा था।
(ख) ‘आदमीनामा’ कविता में कवि ने आदमी के सकारात्मक रूपों को प्रस्तुत किया है। आदमी बादशाह है, स्वादिष्ट भोजन ग्रहण करने वाला, चोरों पर दृष्टि रखने वाला, जान न्योछावर करने वाला, सहायता करने वाला, विश्वसनीय व सज्जन है। आदमी दुःखी व्यक्तियों के दुःखों का निवारणकर्ता है। आदमी ही बादशाह बनकर दूसरों को दान देता है और उनके जीवन में खुशियों का कारण बनता है।
(ग) रहीम कहते हैं कि बड़ी वस्तुओं के उपलब्ध हो जाने पर छोटी वस्तुओं के महत्व को कम व तुच्छ नहीं आँकना चाहिए, क्योंकि जहाँ सुई काम आती है, वहाँ तलवार निरर्थक सिद्ध होती है।

उत्तर 11:
कविता के अनुसार, ‘ढहा हुआ घर’ फिर से एक नए स्वरूप एवं
विशाल आकार में निर्मित हो जाता है, इसलिए वह धोखा दे जाता। है। कवि कहता है कि आज नए-नए क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी इमारतों व भवनों का निर्माण इतनी तीव्र गति से हो रहा है कि वहाँ पुरानी निशानियों के आधार पर कुछ भी हूँढना व्यर्थ है। दिन-प्रतिदिन तीव्र गति से निर्माण होने के कारण पुरानी निशानियाँ मिट गई हैं। इसलिए उसे (कवि) आने-जाने के रास्तों और अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वह पीपल का पुराना पेड़ खोजता है या कोई टूटा हुआ घर ढूँढता है। या ज़मीन का कोई खाली टुकड़ा ढूँढता है, जहाँ से उसे बाएँ हाथ की ओर मुड़ना था, परंतु कुछ समय बाद ही न तो पीपल का पेड़ रहा और न ही ज़मीन का खाली टुकड़ा, क्योंकि वहाँ नई-नई इमारतों का निर्माण हो गया है। अतः उसकी सारी पुरानी निशानियाँ गायब हो गई हैं। प्रस्तुत कविता में यह बताया गया है।
कि ढहा हुआ घर, जो कवि की एक प्रमुख निशानी के रूप में था, के स्थान पर भी नया निर्माण हो जाता है और इस प्रकार ढहा हुआ घर भी धोखा दे जाता है।

अथवा

कवि कहता है कि संघर्षशील मनुष्य अपने मन के संकल्प को कभी न भूले। वह सुख-सुविधा के लालच में न पड़े। इसलिए वह अग्नि पथ पर चलते हुए छाँह माँगने के लिए मना करता है। मनुष्य को अपने जीवन में सफल होने के लिए सुख-सुविधा के मोह को त्यागना होगा, क्योंकि इससे मनुष्य को सुविधा भोगने की आदत लग जाती है। इस कारण वह जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की अपेक्षा उनसे बचने की कोशिश करने लगता है। कवि जीवन को आग से भरा पथ मानता है। इसमें पग-पग पर चुनौतियाँ और कष्ट हैं। कवि ने मनुष्य के जीवन को संघर्षपूर्ण कहा है। कवि के अनुसार, जो मनुष्य जीवन में आँसू पीकर, पसीना बहाकर तथा खून से लथपथ होकर भी निरंतर संघर्ष करता है, वही मनुष्य महान् है। जीवन की सुख-सुविधा को त्यागकर मेहनत करने वाला मनुष्य ही भविष्य में भी निरंतर उन्नति करता रहेगा! अतः मानव को जीवन में किसी प्रकार की सुख-सुविधा अर्थात् किसी का आश्रय या सहारा प्राप्त करने की इच्छा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सुख-सुविधाओं अथवा दूसरों पर निर्भरता वाला जीवन लक्ष्य प्राप्ति में बाधक होता है।

उत्तर 12:
प्रस्तुत पाठ ‘गिल्लू’ में लेखिका ने न केवल घायल गिलहरी का उपचार किया, अपितु उसे दूध पिलाया, मरहम-पट्टी की और हमेशा के लिए उसके रहने-खाने की व्यवस्था भी अपने ही घर में कर दी। लेखिका ने गिल्लू को थाली के पास बैठकर भोजन करना सिखाया और आवश्यकता पड़ने पर उसे मुक्त भी किया। अंत में लेखिका ने उसकी मृत्यु को समीप जानकर उसे बचाने की हर संभव कोशिश भी की। लेखिका ने पाठ में यह भी बताया है। कि गिल्लू भी उनसे बहुत प्यार करता था। लेखिका की अनुपस्थिति में वह अपना प्रिय खाद्य काजू भी बहुत कम खाता था। वह प्रत्येक क्षण लेखिका के आसपास रहने की कोशिश करता था। इस प्रकार, लेखिका ने इस पाठ के माध्यम से जनसामान्य में पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम भावना को उत्पन्न करने का सफल प्रयास किया है। लेखिका ने यह दर्शाया है कि यदि हम उन्हें प्यार करते हैं, उनकी उचित देखभाल करते हैं, तो बदले में वे भी हमें चाहने लगते हैं और हमारे साथ अत्यंत घनिष्ठ संबंध स्थापित कर लेते हैं। इसके साथ ही उन्होंने पशु-पक्षियों के स्वतंत्र एवं उनके स्वाभाविक विकास को भी प्रोत्साहित किया है।

अथवा

‘हामिद खाँ’ कहानी में यह बताया गया है कि लेखक जब भूख एवं प्यास से बेहाल होकर खाने की जगह की खोज कर रहा था, तभी उसे हामिद खाँ का होटल दिखा। लेखक मुस्कराते हुए हामिद खाँ से खाने के लिए कुछ देने को कहता है। बातचीत के दौरान हामिद खाँ को यह जानकर आश्चर्य होता है कि लेखक हिंदू होते हुए भी मुसलमान के होटल में खाना खाने के लिए तैयार है। लेखक की मुस्कराहट ने उस पर सकारात्मक प्रभाव डाला, जिससे वह लेखक के खाने की व्यवस्था करने में तुरंत जुट गया। लेखक की मुस्कराहट का ही प्रभाव था, जिससे हामिद
खाँ अत्यधिक प्रभावित हुआ और दोनों के बीच खाने के दौरान, निरंतर बातचीत होती रही। मुस्कुराहट ने लेखक के व्यक्तित्व को बहुत आकर्षक बना दिया, जिससे न केवल उसकी भूख एवं प्यास शांत हुई, बल्कि लेखक एवं हामिद एक अच्छे दोस्त भी बन गए। हामिद ने लेखक से खाने के पैसे भी नहीं लिए। लेखक भी हामिद को जीवन में कभी भूल नहीं पाया और हमेशा उसकी कुशलता की प्रार्थना करता रहा। दोनों के बीच हुई भेंट हमें इस बात के लिए प्रेरित करती है कि जहाँ आत्मीयता एवं मानवीयता की भावना रहती है, वहाँ पारस्परिक स्नेह को विकसित होने में धर्म, जाति, भाषा आदि
बाधाएँ अपना दुष्प्रभाव नहीं डाल पातीं।

उत्तर 13.1:
1. मेरे जीवन का लक्ष्य
किसी भी कार्य को सुचारु रूप से करने के लिए आवश्यक है कि उसके उद्देश्य व लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ। उद्देश्य क्रिया को निश्चित दिशा प्रदान करते हैं। लक्ष्य को यदि परिभाषित करें तो लक्ष्य पूर्व निर्धारित साक्ष्य होता है, जो किसी कार्य या क्रिया का मार्गदर्शन करता है। बिना लक्ष्य के मनुष्य का जीवन निरर्थक होता है और वह निरुद्देश्य भटकता रहता है। मैंने भविष्य में शिक्षक बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति में वहाँ की शिक्षण व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है और उसको सुदृढ़ करने में शिक्षकों का मुख्य योगदान होता है। वे विद्यार्थियों को शिक्षित कर राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखते हैं। एक शिक्षक में सकारात्मकता व मिलनसार व्यक्तित्व, अपने विषय का संपूर्ण ज्ञान, बच्चों के प्रति लगाव, उनकी मानसिकता को समझने का गुण, कर्मठता व शिक्षण कौशल अवश्य होने चाहिए। इसलिए वर्तमान में इन गुणों को आत्मसात् करने का प्रयास कर रहा हूँ, ताकि भविष्य में मैं एक अच्छा शिक्षक बन सकें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि मैं अपना लक्ष्य पाकर पूरी कुशलता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा।

उत्तर 13.2:
2. पर्यावरणीय प्रदूषण
मनुष्य के चारों ओर जो वातावरण व्याप्त है, उसे ही पर्यावरण’ कहा जाता है तथा पर्यावरण का दूषित या गंदा होना ही पर्यावरणीय प्रदूषण कहलाता है। प्रदूषण को मुख्यतः चार भागों में बाँटा जा सकता है।
(i) जल प्रदूषण
(ii) वायु प्रदूषण
(iii) ध्वनि प्रदूषण
(iv) मृदा प्रदूषण
इस प्रदूषण के अनेक कारण हैं; जैसे–मशीनों का बढ़ता प्रयोग, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, वाहनों एवं कल-कारखानों का ज़हरीला धुआँ एवं बढ़ती कर्कश ध्वनियों का दुष्प्रभाव, उनसे निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के बहाव से जल का दूषित होना आदि। आज स्थिति यह है कि स्वच्छ वायु, स्वच्छ जल, उर्वरक मिट्टी और संतुलित वातावरण का चारों ओर अभाव है।
मनुष्य की महत्त्वाकांक्षा और औद्योगिक क्रांति ने पूरी दुनिया को प्रदूषित और प्रकृति को असंतुलित कर दिया है। पर्यावरणीय प्रदूषण का ही दुष्परिणाम है कि मानव जाति के पास आज साँस लेने के लिए स्वच्छ वायु, पीने के लिए शुद्ध जल और फसल उगाने के लिए प्रदूषण रहित भूमि नहीं है। साथ ही, ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या आज सुरसा की तरह मुँह खोले खड़ी है। प्रदूषित पर्यावरण को नियंत्रित करना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। महत्त्वाकांक्षा पर नियंत्रण, कठोर कानून और विवेकपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग ही पर्यावरण एवं मनुष्य को प्रकृति की विनाशलीला से बचा सकता है।

उत्तर 13.3:
3. सठ सुधरहिं सत्संगति पाई
‘सठ सुधरहिं सत्संगति पाई’ अर्थात् अधम-से-अधम व्यक्ति भी अच्छी संगति में सुधर जाता है। सत्संगति ऐसा पारस है, जिसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति महान् या श्रेष्ठ हो जाता है। संगति के प्रभाव को कोई भी मनुष्य नकार नहीं सकता। हम जैसी संगति में रहते हैं, वैसा ही प्रभाव हम पर दिखाई देने लगता है। संगति हमारे व्यवहार, मन और कर्म पर अपना प्रभाव छोड़ती है, इसलिए अच्छी संगति का अच्छा और बुरी संगति का बुरा परिणाम देखने को मिलता है। सत्संगति व्यक्ति को कुमार्ग से हटाकर सद्मार्ग की ओर प्रवृत्त करती है, वह मनुष्य को अवनति से उन्नति की ओर अग्रसर करती है। वह व्यक्ति को परोपकारी बनाकर यश प्रदान करती है। इसके विपरीत कुसंगति व्यक्ति को नष्ट कर देती है। कुसंगति में पड़ा व्यक्ति कुपथ के रास्ते अवनति की ओर चला जाता है। बुरी संगति काजल की उस कोठरी के समान होती है, जिसमें जाने वाले समझदा-से-समझदार व्यक्ति भी कालिख़ से नहीं बच पाते। वास्तव में, कुसंगति कलंक है, इससे मनुष्य को सदैव बचना चाहिए और सत्संगति द्वारा अपने जीवन को उन्नत और सफल बनाना चाहिए।

उत्तर 14:
कमला नगर,
नई दिल्ली।
दिनांक 21 सितंबर, 20XX
पूज्य पिताजी,
सादर चरण स्पर्श।
मैं यहाँ सकुशल हूँ तथा आप लोगों की कुशलता की कामना करता हूँ। पिताजी, मेरी परीक्षा आज समाप्त हो गई और मेरी सभी परीक्षाएँ बहुत अच्छी गई हैं। उनसे, मैं पूर्ण रूप से संतुष्ट हूँ तथा आशा करता हूँ कि मुझे कम-से-कम 80% अंक अवश्य प्राप्त होंगे।
पिताजी, मैं परीक्षा के बाद कुछ दिनों के लिए अपने एक मित्र के घर जाना चाहता हूँ, जो शिमला में है। उसके माता-पिता कुछ दिनों पहले ही यहाँ छात्रावास में आए थे और मुझसे उनकी आत्मीयता अत्यंत बढ़ गई। उन्होंने बहुत अनुरोध किया था कि इस बार छुट्टियों में मैं उनके यहाँ आऊँ। मेरी भी शिमला घूमने की अत्यधिक इच्छा है। अतः मैं सोच रहा हूँ कि इससे अच्छा अवसर फिर नहीं मिलेगा। अब आपकी अनुमति की प्रतीक्षा है। आपकी अनुमति मिलते ही हम दोनों दोस्त शिमला के लिए प्रस्थान करेंगे। वहाँ लगभग 15 दिन रहकर फिर मैं घर आऊँगा| घर आने पर मैं अपना अनुभव आप सबको बताऊँगा। माँ को मेरा चरण-स्पर्श तथा रानी को प्यार। आपका पुत्र रोहित ।

अथवा

ब-205, दिलशाद गार्डन,
दिल्ली।
दिनांक 03.06.20XX
प्रिय राज,
सप्रेम नमस्कार।
हम सब सकुशल हैं तथा ईश्वर से तुम्हारी कुशलता की भी कामना करते हैं। विगत सप्ताह तुम्हारा पत्र मिला। पत्र पढ़कर बहुत खुशी हुई कि तुम्हारा चयन कॉलेज की टेनिस टीम में हो गया है। मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएँ।
राज, तुम्हें जानकर अत्यंत प्रसन्नता होगी कि मुझे स्वतंत्रता दिवस पर कॉलेज की वाद-विवाद प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। यह प्रतियोगिता महाविद्यालय प्रांगण में आयोजित की गई थी, जिसमें राज्यपाल महोदय ने प्रतियोगिता आरंभ होने से पहले दीप प्रज्वलित किया, तदुपरांत आयोजन आरंभ हुआ। वाद-विवाद का विषय था ‘स्वतंत्रता प्राप्ति में महिलाओं का योगदान’। मैंने अत्यंत तार्किक दृष्टिकोण सहित अपने विचार रखे। सबने मुक्त कंठ से मेरे भाषण को सराहा तथा अंत में मुझे प्रथम घोषित किया गया। हमारे ही कॉलेज के अन्य छात्र ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मैं यह पुरस्कार पाकर बहुत प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ। अब मैं भविष्य में अधिक-से-अधिक प्रतियोगिताओं में भाग लेने का प्रयास करूंगा।
शेष कुशलमंगल।
तुम्हारा मित्र
निकेतन

उत्तर 15:
(i) दिए गए चित्र में किसी मेले का दृश्य है।
(ii) एक बच्चा अपने माता-पिता के साथ मेला घूमने गया है।
(iii) मेले में अनेक लोग घूम रहे हैं तथा अन्य लोग भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुएँ बेच रहे हैं।
(iv) मेले में अनेक शिविर लगे हुए हैं तथा एक घूमने वाली बड़ी चरखी वाला झूला भी लगा है।
(v) मेले में एक व्यक्ति गुब्बारा बेच रहा है।

अथवा

(i) प्रस्तुत चित्र में दो व्यक्ति सड़क के किनारे तथा पेड़ के नीचे बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं।
(ii) एक व्यक्ति जो देखने में कोई पंडित लग रहा है, दूसरे व्यक्ति का हाथ देखकर उसकी हस्तरेखा पढ़ रहा है।
(iii) दूसरा व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में जानने के लिए उत्सुक प्रतीत हो रहा है।
(iv) वहीं पास में एक पिंजरा तथा तोता भी है।
(v) तोते के सामने छोटे-छोटे कार्ड रखे हुए हैं।

उत्तर 16:
माँ        सोनू! तुम्हारी परीक्षाएँ अब काफ़ी निकट आ गई हैं। तुम्हारी तैयारी कैसी चल रही है?
सोनू    माँ! उसकी चिंता मत करो। मैंने अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है।
माँ       लेकिन बेटा! केवल साधारण तैयारी से अच्छे अंक प्राप्त नहीं होंगे।
सोनू     माँ! उसकी योजना भी मैंने बना ली है। अब स्वयं ही मैं अपने लिए परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का अनुमान लगाकर उनका समय-सीमा में उत्तर लिखना प्रारंभ करने वाला हूँ।
माँ       उन उत्तरों का मूल्यांकन कौन करेगा?
सोनू    उसके लिए मैंने अपने सामाजिक विज्ञान के शिक्षक से बात कर ली है। गणित एवं अंग्रेज़ी विषय के उत्तरों को पुस्तक से ही मिला लूंगा।
माँ       बहुत अच्छा बेटे! अब मैं निश्चित हैं।

अथवा

अध्यापिका      राजू तुमने अपना गृहकार्य क्यों नहीं किया?
राजू                 मैडम, कल मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं था, इसलिए मैंने गृहकार्य नहीं किया।
अध्यापिका     स्वास्थ्य ठीक नहीं था? पिछली बार भी तुमने यही कहा था।
राजू                 जी वो …….
अध्यापिका     जी वो क्या, हाँ। मैंने नोट किया है कि तुम आजकल पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे हो।
राज्                मैडम, मैं अपनी ओर से पढ़ने की पूरी कोशिश करता हैं।
अध्यापिका     पहले तो तुम्हारा गृहकार्य हमेशा पूरा रहता था, लेकिन अब अधूरा क्यों रहता है? अगर कोई परेशानी हो तो मुझे बताओ।
राजू                मैडम, पहले मेरी माताजी मेरा गृहकार्य करने में सहायता करती थीं, किंतु कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए मुझे उनकी । देखभाल के साथ घर के कुछ कार्य भी करने पड़ते हैं और गृहकार्य करने का समय नहीं मिल पाता है।।
अध्यापिका     अच्छा! तो यह बात है, ठीक है, तुम अपनी माताजी का ध्यान रखो और समय निकालकर गृहकार्य भी पूरा करने का प्रयास किया करो।
राजू                 ठीक है, मैडम। अब मैं ऐसा ही करूंगा। धन्यवाद!

उत्तर 17:
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3 17
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3 17a

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