CBSE Class 11 Hindi Elective रचना पत्रकारिता

CBSE Class 11 Hindi Elective Rachana रचना पत्रकारिता

इस पाठ में आप इनके बारे में पढ़ेंगे और जानेंगे –

  • पत्रकारिता: परिभाषा, पत्रकारिता का क्षेत्र।
  • समाचारः परिभाषा, समाचार के तत्व, गतिविधियाँ।
  • संपादनः संपादन के सिद्धांत, पत्रकारिता के मूल्य, गतिविधियाँ।
  • पत्रकारिता के अन्य आयामः संपादकीय, फोटो, कार्टून, रेखांकन।
  • पत्रकारिता के प्रमुख प्रकारः खोजपरक पत्रकारिता, विशेषीकृत पत्रकारिता, वॉच डॉग पत्रकारिता, एडवोकेसी पत्रकारिता वैकल्पिक पत्रकारिता।
  • समाचार माध्यमों में मौज़दा रुझान

प्रश्न 1.
पत्रकारिता क्या है?
उत्तर :
प्रत्येक व्यक्ति की नित्य ताजा समाचार जानने की इच्छा होती है। वह जब किसी से मिलता है तब यही प्रश्न करता है-क्या हाल-चाल है? क्या समस्या है? इससे पता चलता है कि हर व्यक्ति आस-पास घटित होने वाली घटनाओं के बारे में जानने को उत्मुक रहता है। नवीनतम जानकारी रखना मनुष्य का स्वभाव है। मनुष्य में जिज्ञासा का भाव प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। पत्रकारिता का विकास इसी सहज जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश के रूप में हुआ। आज भी यही मूल सिद्धांत कायम है। हम अपने आस-पास, शहर, राज्य, देश-विदेश के बारे में जानना चाहते हैं। ये सूचनाएँ हमारे दैनिक जीवन के साथ-साथ पूरे समाज को प्रभावित करती हैं। देश-दुनिया में जो कुछ घटित हो रहा है, उसकी. अधिकांश जानकारी हमें समाचार माध्यमों से मिलती है। हम प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ते हैं, टेलीविजन देखते हैं, रेडियो पर समाचार सुनते हैं। इन माध्यमों से दुनिया भर के समाचार हम तक पहुँचते हैं। पत्रकार देश-दुनिया में घटने वाली घटनाओं को समाचार के रूप में परिवर्तित करके हम तक पहुँचाते हैं। पहले वे सूचनाओं का संकलन करते हैं, फिर उन्हें समाचारों के रूप में ढालकर हमारे सामने प्रस्तुत करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को ही पत्रकारिता कहा जाता है।

प्रश्न 2.
समाचार की कुछ परिभाषाएँ लिखिए।
उत्तर :
समाचार की कुछ परिभाषाएँ –

  • प्रेरक और उत्तेजित कर देने वाली हर सूचना समाचार है।
  • समय पर दी जाने वाली हर सूचना समाचार का रूप अख्तियार कर लेती है।
  • किसी घटना की रिपोर्ट ही समाचार है।
  • समाचार जल्दी में लिखा गया इतिहास है।
  • समाचार वह है जिसे कहीं, कोई दबाने या छुपाने की कोशिश कर रहा है, बाकी सब विज्ञापन है।
  • लार्ड नार्थीक्लिफ (ब्रिटेन के एक मशहूर समाचारपत्र का स्वामी)

प्रश्न 3.
समाचार क्या है?
उत्तर :
यह तो हम जानते ही हैं कि हर सूचना समाचार नहीं होती। हर सूचना का समाचार माध्यमों में प्रकाशित या प्रसारित होना संभव नहीं होता।
अब प्रश्न उठता है कि आखिर समाचार क्या है?
एक-दूसरे की कुशल क्षेम पूछना हमारा व्यक्तिगत मामला है, यह समाचार नहीं है।
दरअसल, समाचार माध्यम कुछ लोगों के लिए नहीं, बल्कि हजारों-लाखों पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों के लिए काम करते हैं। अतः समाचार के रूप में उन्हीं घटनाओं, मुद्दों और समस्याओं को चुना जाता है जिन्हें जानने में अधिक लोगों की रुचि होती है। समाचारों का किसी न किसी रूप में सार्वजनिक महत्त्व होता है। ये समाचार ऐसी सम-सामयिक घटनाओं, समस्याओं और विचारों पर आधारित होते हैं जिन्हें जानने में अधिक लोगों की दिलचस्पी होती है।

हम समाचार की परिभाषा इस प्रकार दे सकते हैं:
समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है जिसमें अधिक-से-अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक-से-अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ रहा हो। समाचार माध्यमों के उपभोक्ता यानी पाठक, दर्शक, श्रोता के अपने मूल्यों, रुचियों और दृष्टिकोणों में विविधताएँ होती हैं। इसी के अनुरूप सूचना प्राथमिकताएँ निर्धारित होती हैं।

प्रश्न 4.
समाचार के तत्त्वों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर :
समाचार के तत्व निम्नलिखित हैं-

  • नवीनता-किसी भी घटना या समस्या को समाचार बनने के लिए उसका ताजा या नवीन होना जरूरी है।
  • निकटता-लोग उन घटनाओं के बारे में जानना चाहते हैं जो उनके आस-पास घटी हों।
  • प्रभाव-किसी घटना की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि उससे कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं।
  • जनरुचि-लोगों की रुचि उस समाचार को जानने में हो।
  • टकराव/संघर्ष-लोगों की रुचि संघर्ष के बारे में जानने की अधिक होती है।
  • महत्त्वपूर्ण लोग-प्रसिद्ध और जाने-माने लोगों के बारे में जानने की रुचि पाठकों/दर्शकों में ज्यादा होती है।
  • उपयोगी जानकारियाँ-ऐसी सूचनाएँ समाचार बन जाती हैं जिनसे तात्कालिक उपयोग की सूचनाएँ मिल सकें।
  • अनोखापन-अनहोनी घटनाएँ इसलिए समाचार बनती हैं क्योंकि उनमें अनोखापन होता है।
  • पाठक वर्ग-समाचारों के चुनाव में पाठकवर्ग की रुचियों का भी ध्यान रखना पड़ता है।
  • नीतिगत ढाँचा-विभिन्न समाचार संघटनों की समाचार चयन और प्रस्तुति को लेकर एक नीति होती है।

प्रश्न 5.
संपादन कार्य पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर :
समाचार संगठनों में द्वारपाल की भूमिका संपादक और उसके सहायक संपादक, समाचार संपादक, मुख्य उपसंपादक और उपसंपादक निभाते हैं। इन सभी पर अपने संवाददाताओं और अन्य स्रोतों से प्राप्त समाचारों के चयन के साथ-साथ प्रस्तुति की भी जिम्मेदारी होती है। समाचार संकलन का कार्य रिपोर्टिंग टीम करती है तो उन्हें संपादित कर लोगों तक पहुँचाने की जिम्मेदारी संपादकीय टीम पर होती है।

प्रश्न 6.
संपादन का क्या अर्थ है?
उत्तर :
संपादन का अर्थ है-किसी सामग्री की अशुद्धियों को दूर करके उसे पठनीय बनाना। उपसंपादक अपने संवाददाता की खबर को ध्यान से पढ़ता है और उसकी भाषा-शैली, व्याकरण, वर्तनी तथा तथ्यात्मक अशुद्धियों को दूर करता है। खबर को महत्त्व के अनुरूप काटता-छाँटता है और उसे प्रकाशित करने का स्थान तय करता है। वह संपादन के कुछ सिद्धान्तों का पालन करता है।

प्रश्न 7.
संपादन के कौन-कौन से सिद्धांत हैं?
उत्तर :
पत्रकारिता कुछ सिद्धान्तों पर चलती है। एक पत्रकार इनका पालन करके पाठकों का विश्वास जीत सकता है। इसी पर किसी समाचार संगठन की विश्वसनीयता बनी रहती है।
पत्रकार (संपादक) को निम्नलिखित सिद्धान्तों का पालन करना जरूरी है:

  1. तथ्यों की शुद्धता/तथ्यपरकता (Accuracy)
  2. वस्तुपरकता (Objectivity)
  3. निष्पभ्षता (Fairness)
  4. संतुलन (Balance)
  5. स्रोत (Source)

प्रश्न 8.
समाचार कैसे लिखा जाता है?
उत्तर :
पत्रकारीय लेखन का सबसे जाना-पहचाना रूप समाचार-लेखन है।

  • आमतौर पर अखबारों में समाचार पूर्णकालिक और अंशकालिक पत्रकार लिखते हैं जिन्हें संवाददाता या रिपोर्टर भी कहते हैं।
  • अखबारों में प्रकाशित अधिकांश समाचार एक खास शैली में लिखे जाते हैं।
  • समाचारों में किसी भी घटना, समस्या या विचार के सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य, सूचना या जानकारी को सबसे पहले पैराग्राफ में लिखा जाता है।
  • उसके बाद के पैराग्राफ में कम महत्त्वपूर्ण सूचना तथा तथ्य दिए जाते हैं।
  • यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक समाचार खत्म नहीं हो जाता।
  • समाचार-लेखन की शैली को उल्टा पिरामिड़ शैली के नाम से जाना जाता है। यह समाचार लेखन की सबसे लोकप्रिय, उपयोगी और बुनियादी शैली है।

प्रश्न 9.
उल्टा पिरामिड शैली क्या है?
उत्तर :
इस शैली को उल्टा पिरामिड शैली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सबसे महत्तपूर्ण तथ्य या सूचना यानी ‘क्लाइमेक्स’ पिरामिड के सबसे निचले में न होकर ऊपर होता है। इस शैली में पिरामिड को उलट दिया जाता है।

CBSE Class 11 Hindi Elective रचना पत्रकारिता 1

उस्टा पिरामिड शैली में समाचार का ढाँचा

इस शैली का प्रयोग 19 वीं सदी के मध्य में शुरू हो गया था। लेकिन इसका विकास अमेरिका के गृहयुद्ध के बाद हुआ। धीरे-धीरे इस पिरापिड शैली का विकास हुआ और यह समाचार लेखन की मानक (Standard) शैली बन गई।

प्रश्न 10.
समाचार लेखन के छह ककार कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
किसी समाचार को लिखते हुए मुख्यतः छह सवालों का जवाब देने की कोशिश की जाती है। ये छह ककार हैं-

CBSE Class 11 Hindi Elective रचना पत्रकारिता 2.1

 

1. क्या हुआ ?
2. किसके साथ हुआ ?
3. कहाँ हुआ ?
4. कब हुआ ?
5. क्यों हुआ ?
6. कैसे हुआ ?

ध्यान दें-समाचार के मुखड़े (इंट्रो) यानी पहले पैराग्राफ की दो-तीन पंक्तियों में आमतौर पर 3-4 ककारों को आधार बनाकर खबर लिखी जाती है। ये चार ककार हैं-
क्या, कौन, कब और कहाँ?

इसके बाद समाचार की बॉडी में और समापन के पहले बाकी दो ककारों-‘कैसे और क्यों का जवाब दिया जाता है। इस प्रकार छह ककारों के आधार पर समाचार तैयार होता है।

प्रश्न 11.
पत्रकारिता के प्रमुख प्रकारों पर प्रकाश छ्ञालिए।
उत्तर :
पत्रकारिता के प्रमुख प्रकार इस प्रकार है-
1. खोजपरक पत्रकारिता-इसमें गहराई से छानबीन करके ऐसे तथ्यों और सूचनाओं को सामने लाने की कोशिश की जाती है जिन्हें दबाने या छुपाने का प्रयास किया जाता है। आम तौर पर खोजी पत्रकारिता सार्वजनिक महत्त्व के मामलों में भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों को सामने लाने की कोशिश की जाती है। खोजी पत्रकारिता का एक नया रूप टेलीविजन में ‘स्टिंग ऑपरेशन’ के रूप में सामने आया है।

2. विशेषीकृत पत्रकारिता-इसमें पत्रकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह घटनाओं की तह में जाकर उनका अर्थ स्पष्ट करे। इसके सात प्रमुख क्षेत्र हैं-
– संसदीय पत्रकारिता –

  • न्यायालय पत्रकारिता
  • आर्थिक पत्रकारिता
  • खेल पत्रकारिता

– विज्ञान और विकास पत्रकारिता

  • अपराध पत्रकारिता
  • फैशन और फिल्म पत्रकारिता।

3. वॉचडॉग पत्रकारिता-लोकतंत्र में पत्रकारिता और समाचार मीडिया का मुख्य उत्तरदायित्व सरकार के कामकाज पर निगाह रखना है। कहीं कोई गड़बड़ी हो तो उसका पर्दाफाश करना है। इसे परंपरागत रूप से वॉचडॉग पत्रकारिता कहा जाता है।

4. एडवोकेसी पत्रकारिता-ऐसे अनेक समाचार संगठन होते हैं जो किसी विचारधारा या खास उद्देश्य या मुद्दे को उठाकर आगे बढ़ते हैं और जनमत बनाने के लिए जोर-शोर से अभियान चलाते हैं। इस तरह की पत्रकारिता को पक्षधर या एडवोकेसी पत्रकारिता कहा जाता है।

5. वैकल्पिक पत्रकारिता-मीडिया स्थापित राजनीतिक-सामाजिक व्यवस्था का ही एक हिस्सा है और व्यवस्था के साथ तालमेल बिठाकर चलने वाले मीडिया को मुख्यधारा की मीडिया कहा जाता है। इसके विपरीत जो मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाने और उसके अनुकूल सोच को अभिव्यक्त करता है, उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहा जाता है।

6. पीत पत्रकारिता-इसे ‘पेज थ्री पत्रकारिता भी कहा जाता है। मीडिया में हमेशा से ही सनसनीखेज पत्रकारिता की धाराएँ मौजूद रही हैं। इनका हमेशा से स्वतंत्र अस्तित्व रहा है। इसका उपयोग प्राय: किसी के चरित्र हनन के लिए किया जाता है। ब्रिटेन का टेबलॉयड मीडिया तथा भारत के ‘ब्लिट्स’ (अब इसका प्रकाशन बन्द हो चुका है) जैसे समाचारपत्र इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 12.
पत्रकारिता के अन्य आयामों के बारे में बताइए।
उत्तर :
समाचारपत्रों, समाचारों के अलावा विचार, टिप्पणी, संपादकीय, फोटो, कार्टून आदि पत्रकारिता के अहम हिस्से हैं। इनके बिना कोई समाचारपत्र स्वयं को संपूर्ण नहीं कहला सकता। इनके बारे में जानना उपयोगी रहेगा।

  • संपादकीय पृष्ठ को समाचारपत्र का सबसे महत्त्वपूर्ण पृष्ठ माना जाता है। इस पृष्ठ पर संपादक के माध्यम से अखबार विभिन्न घटनाओं और समाचारों पर अपनी राय प्रकट करता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों के विचारात्मक लेख भी इसी पृष्ठ पर प्रकाशित किए जाते हैं।
  • फोटो पत्रकारिता ने छपाई की तकनीक विकसित होने के साथ ही समाचारपत्रों में अहम स्थान बना लिया है। फोटो टिप्पणियों का असर व्यापक और सीधा होता है।
  • कार्दून कोना लगभग सभी समाचारपत्रों में होता है। कार्टून के माध्यम से की गई सटीक टिप्पणी पाठक को छूती है। इनकी चुटीली टिप्पणियाँ कई बार कड़े और धारदार संपादकीय से भी अधिक प्रभावी होती हैं।
  • रेखांकन और कार्टोग्राफ्र समाचारों को न केवल रोचक बनाते हैं, बल्कि उन पर टिप्पणी भी करते हैं। कार्टोग्राफी का उपयोग समाचारपत्रों के अलावा टी.वी. में भी होता है।

प्रश्न 13.
समाचारपत्रों का मौजूदा रुझान क्या है?
उत्तर :
आज मीडिया के दायरे में आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जन साक्षरता और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ने के कारण मीडिया के बाजार का भी विस्तार हो रहा है। आज रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र, सेटेलाइट टेलीविजन और इंटरनेट सभी विस्तार की ओर हैं। अब मीडिया का व्यापीकरण भी तेज हो गया है। पूँजीवादी वर्ग ने भी मीडिया में प्रवेश कर लिया है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में समाचार मीडिया ने अपने खास बाजार को आम बाजार में परिवर्तित करने की कोशिश की है।

अब समाचार मीडिया और मनोरंजन की दुनिया के बीच अंतर कम होता जा रहा है। समाचार के नाम पर मनोरंजन बेचने के इस रुझान के कारण आज समाचारों में वास्तविक और सरोकारीय सूचनाओं और जानकारियों का अभाव होता जा रहा है। आज निश्चित रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि समाचार मीडिया का एक बड़ा हिस्सा लोगों को ‘जानकार नागरिक’ बनाने में मदद कर रहा है, बल्कि अधिकांश मौकों पर तो लगता है कि लोग ‘गुमराह उपभोक्ता’ अधिक बन रहे हैं।

अधिक चैनल सूचना रंजन (इन्फोटेनमेंट) के चैनल बन गए हैं। इनमें सूचना कम और मनोरंजन ज्यादा है। समाचार उद्योग के लिए समाचार भी पेष्सी-कोक जैसा एक उत्पाद बनकर रह गया है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को गंभीर सूचनाओं के स्थान पर सतही मनोरंजन से बहलाकर अपनी ओर आकर्षित करना हो गया है। अब उपभोक्ता को लुभाने वाले समाचार पेश किए जाने लगे हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं कि समाचार मीडिया में हमेशा से ही सनसनीखेज या पीत-पत्रकारिता और ‘पेज-श्री’ पत्रकारिता की धाराएँ मौजूद रही हैं। ‘पेज-थ्री’ भी मुख्य धारा पत्रकारिता में रहा है। लेकिन इन पत्रकारीय धाराओं के बीच एक विभाजन रेखा थी जिसे व्यापारीकरण के मौजूदा रुझान ने खत्म कर दिया है। आज हर समाचार संगठन सबसे अधिक बिकाऊ बनने की होड़ में एक ही तरह के समाचारों पर टूटता दिखाई दे रहा है। इससे विविधता खत्म हो रही है।

सभी एक जैसे समाचार पेश करते दिखाई पड़ रहे हैं। विविधता समाप्त होगे के कारण समाचार माध्यमों में केन्द्रीकरण का रुझान प्रबल हो रहा है। आज राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र भी क्षेत्रीय सीका में पैं पैठ बनाने में लगे हैं। समाचार कवरेज में विविधता का अभाव है। आज समाचार मीडिया की साख में तेजी से ह्रास हुआ है। इस ह्नास की प्रक्रिया को रोका जाना जरूरी है।

जनसंचार माध्यम और पत्रकारिता के विविध आयामों पर लघूत्तरात्मक प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
संचार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं, विचारों और भावनाओं के मौखिक, लिखित अथवा दृश्य-श्रव्य माध्यम द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाना संचार कहलाता है।

प्रश्न 2.
जनसंचार के आधुनिक माध्यम कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
जनसंचार के आधुनिक माध्यम ये हैं-समाचार, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, मोबाइल फोन आदि।

प्रश्न 3.
भारत में पहली फिल्म बनाने का श्रेय किसे जाता है?
उत्तर :
भारत में पहली मूक फिल्म बनाने का श्रेय दादा साहेब फाल्के को जाता है। यह फिल्म थी-1913 में बनी-‘ राजा हरिश्चंद्र’।

प्रश्न 4.
टी.वी. जनसंचार का कैसा माध्यम है?
उत्तर :
टी.वी. जनसंचार का सबसे लोकप्रिय और ताकतवर माध्यम है।

प्रश्न 5.
इंटरनेट के दो लाभ लिखिए।
उत्तर :
इंटरनेट के दो लाभ-
1. यह विश्वव्यापी सूचनाओं का असीमित जाल है।
2. इससे किसी भी समाचार को अत्यंत तीव्र गति से भेजा या प्रसारित किया जा सकता है।

प्रश्न 6.
जनसंचार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
जब हम किसी विशाल समूह के साथ प्रत्यक्ष संवाद की बजाय किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम से संवाद कायम करते हैं, तब इसे जनसंचार कहा जाता हैं।

प्रश्न 7.
खोजपरक पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
खोजपरक पत्रकारिता में किसी ऐसे विषय की गहराई से छानबीन की जाती है जिसे दबाने या छिपाने का प्रयास किया गया हो। इसमें छिपे तथ्य और सूचनाएँ सामने लाई जाती हैं।

प्रश्न 8.
‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ किसकी रचना है?
उत्तर :
‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ की रचना ऐनी फ्रेंक ने की थी।

प्रश्न 9.
स्मरण-पत्र किसे कहते हैं?
उत्तर :
जब किसी पत्र या ज्ञापन का उत्तर समय पर प्राप्त नहीं होता तब उसे याद दिलाने के लिए स्परण-पत्र भेजा जाता है। स्मरण-पत्र में पूर्व-पत्र का हवाला दिया जाता है।

प्रश्न 10.
डायरी-लेखन क्या है?
उत्तर :
डायरी-लेखन नितांत निजी स्तर पर घटित होने वाली घटनाओं और तत्संबंधी बौद्धिक-भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का लेखा-जोखा होता है।

प्रश्न 11.
साप्ताहिक पत्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
साप्ताहिक पत्र से तात्पर्य उस पत्र से है जो एक सप्ताह के अंतराल से प्रकाशित होता है। यह प्राय: पत्रिका (Magzine) के रूप में होता है।

प्रश्न 12.
फीडबैक का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संचार-प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता को फीडबैक कहते हैं। फीडबैक से ही पता चलता है कि संचार-प्रक्रिया में कहीं कोई बाधा तो नहीं आ रही।

प्रश्न 13.
वॉचडॉग पत्रकारिता क्या है?
उत्तर :
लोकतंत्र में पत्रकारिता और मीडिया का मुख्य उत्तरदायित्व सरकार के कामकाज पर निगाह रखना है। कहीं कोई गड़बड़ी हो तो उसका पद्दाफाश करना है। इसे परंपरागत रूप से वॉचडॉग पत्रकारिता कहा जाता है।

प्रश्न 14.
एडवोकेसी पत्रकारिता क्या है?
उत्तर :
ऐसे अनेक समाचार संगठन हैं जो किसी विचारधारा या खास उद्देश्य या मुद्दे को उठाकर आगे बढ़ते हैं और जनमत बनाने के लिए जोर-शोर से अभियान चलाते हैं। इस तरह की पत्रकारिता को पक्षधर या एडवोकेसी पत्रकारिता कहा जाता है।

प्रश्न 15.
पीत पत्रकारिता या पेज-श्री पत्रकारिता क्या है?
उत्तर :
सनसनीखेज या पीत-पत्रकारिता और पेज-थ्री पत्रकारिता की धाराएँ मौजूद रही हैं। इसमें किसी बड़े व्यक्ति के चरित्र-हनन का काम किया जाता है।

प्रश्न 16.
संपादक क्या काम करता है ?
उत्तर :
संपादक किसी प्राप्त समाचार या लेख की अशुद्धियाँ दूर करके पठनीय बनाता है। वह स्वयं भी संपादकीय लेख लिखता है।

प्रश्न 17.
संपादकीय क्या होता है? उसमें नाम क्यों नहीं होता?
उत्तर :
संपादक द्वारा सामयिक घटना पर की गई टिप्पणी को संपादकीय कहा जाता है। इसे अखबार की आवाज माना जाता है, अत: इसमें लेखक का नाम नहीं होता।

प्रश्न 18.
संपादन के कौन-कौन से सिद्धांत हैं?
उत्तर :
संपादन के निम्नलिखित सिद्धांत हैं-

  • तथ्यों की शुद्धता
  • वस्तुपरकता
  • निष्पक्षता
  • संतुलन
  • स्रोत।

प्रश्न 19.
समाचार क्या है?
उत्तर :
समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है, जिसमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ रहा हो।

प्रश्न 20.
समाचार-लेखन की उल्टा पिरामिड शैली क्या है?
उत्तर :
समाचार-लेखन की शैली को उल्टा पिरामिड शैली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य या सूचना यानी ‘क्लाइमेक्स’ पिरामिड के सबसे नीचे में न होकर ऊपर होता है। इस शैली में पिरामिड को उलट दिया जाता है।

CBSE Class 11 Hindi Elective रचना पत्रकारिता 3

प्रश्न 21.
समाचार-लेखन के ‘छः ककार’ कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
किसी समाचार को लिखते समय छह सवालों के जवाब देने की कोशिश की जाती है। ये छः ककार हैं-

CBSE Class 11 Hindi Elective रचना पत्रकारिता 4

1. क्या हुआ ?
2. कहाँ हुआ ?
3. कैसे हुआ ?
4. किसके साथ हुआ ?
5. कब हुआ ?
6. क्यों हुआ ?

प्रश्न 22.
‘संचार’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘संचार’ शब्द की उत्पत्ति ‘चर’ धातु से हुई है। इसका अर्थ है-चलना अर्थात् एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना। सूचनाओं का आदान-प्रदान संचार है।

प्रश्न 23.
‘स्ववृत्त’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
स्ववृत्त किसी विज्ञापन के प्रत्युत्तर में अपने आवेदन-पत्र के साथ भेजे जाने वाला अपना विवरण-पत्र होता है।

प्रश्न 24.
ऐनी फ्रैंक की डायरी किस नाम से प्रकाशित हुई? इसकी मूल भाषा क्या थी?
उत्तर :
ऐनी फ्रैंक की डायरी ‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ नाम से प्रकाशित हुई थी। यह डायरी मूल रूप से डच भाषा में प्रकाशित हुई थी।

प्रश्न 25.
फ्लैश बैक तकनीक क्या है?
उत्तर :
जब सिनेमा या किसी धारावाहिक में अतीत में घटी घटना को दर्शाया जाता है, तब फ्लैश बैक तकनीक का सहारा लिया जाता है।

प्रश्न 26.
संचार-प्रक्रिया में बाधक तत्त्व किसे कहा जाता है?
उत्तर :
संचार प्रक्रिया में ‘शोर’ (Noise) को बाधक तत्त्व कहा जाता है।

प्रश्न 27.
जनसंचार के दो कार्य बताइए।
उत्तर :
जनसंचार के दो कार्य ये हैं- 1. सूचना देना, 2. शिक्षित करना।

प्रश्न 28.
पटकथा की मूल इकाई क्या है?
उत्तर :
पटकथा की मूल इकाई दृश्य है।

प्रश्न 29.
अंतःवैयक्तिक संचार किसे कहते हैं?
उत्तर :
जब हम स्वयं ही प्राप्तकर्ता और संचारक हों अर्थात् स्वयं ही विचार-विमर्श करते हों तो उसे अंतःवैयक्तिक संचार कहा जाता है।

प्रश्न 30.
समाचार के मुख्य तत्त्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
समाचार के मुख्य तत्त्व निम्नलिखित हैं-1. नवीनता और ताज़गी, 2. निकटता, 3. प्रभाव, 4. जनरुचि, 5. टकराव और संघर्ष, 6. उपयोगी जानकारियाँ।

प्रश्न 31.
डायरी हमारा साक्षात्कार किससे कराती है?
उत्तर :
डायरी हमारा साक्षात्कार हमीं से ही कराती है। इसके माध्यम से हमें अपने गुणों-अवगुणों का ज्ञान होता है।

प्रश्न 32.
पटकथा का स्रोत क्या है?
उत्तर :
कोई भी कहानी या घटना, जिसे फिल्म या टी.वी. के लिए तैयार किया जा सके।

प्रश्न 33.
एक अच्छा प्रतिवेदन प्रस्तुत करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर :
अच्छे प्रतिवेदन के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. पहले से बनी रूपरेखा
  2. तथ्यों का संकलन
  3. विवेकपूर्ण और निष्पक्ष अध्ययन
  4. विचारों की प्रामाणिकता
  5. विषय केंद्रण
  6. सही निर्णय

प्रश्न 34.
डायरी किस समय लिखी जानी चाहिए?
उत्तर :
रात को सोने से पूर्व दिन भर की गतिविधियों और घटनाओं को याद करके डायरी लिखनी चाहिए।

प्रश्न 35.
एक सफल पत्रकार को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर :
सफल पत्रकार को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-॰ सच्चाई • संतुलन • निष्पक्षता • स्पष्टता।

प्रश्न 36.
संचार की प्रक्रिया के तत्त्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
संचार प्रक्रिया के तत्व निम्नलिखित हैं – 1. स्रोत, 2. एन्कोडिंग, 3. संदेश, 4. माध्यम, 5. प्राप्तकर्ता, 6. फीडबैक।

प्रश्न 37.
डीकोडिंग किसे कहते हैं?
उत्तर :
डीकोडिंग का अर्थ है-प्राप्त संदेश में निहित अर्थ को समझना। यह एन्कोडिंग से उल्टी प्रक्रिया है। इसमें संदेश प्राप्तकर्ता उन चिह्नों और संकेतों का अर्थ निकालता है।

प्रश्न 38.
‘पटकथा लेखन : एक परिचय’ पुस्तक के लेखक का क्या नाम है?
उत्तर :
श्याम मनोहर जोशी।

प्रश्न 39.
नाटक और पटकथा के दृश्यों में क्या अंतर होता है?
उत्तर :
नाटक के दृश्य लंबे होते हैं, जबकि पटकथा के दृश्य छोटे होते हैं।

प्रश्न 40.
संचार मुख्यत: कितने प्रकार का होता है?
उत्तर :
संचार मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार का होता है-

  1. सांकेतिक संचार
  2. मौखिक संचार
  3. अंतःवैयाक्तिक संचार
  4. अंतरवैयाक्तिक संचार
  5. समूह संचार
  6. जनसंचार।

प्रश्न 41.
पत्रकारिता का संबंध किससे है?
उत्तर :
पत्रकारिता का संबंध सूचनाओं को संकलित और संपादित कर पाठकों तक पहुँचाने से है।

प्रश्न 42.
वैकल्पिक पत्रकारिता किसे कहते हैं?
उत्तर :
जो मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाने और उसके अनुकूल सोच को अभिव्यक्त करता है, उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहते हैं।

प्रश्न 43.
पत्रकारिता के कौन-कौन से प्रकार हैं?
उत्तर :
पत्रकारिता के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हैं-

  1. खोजपरक पत्रकारिता
  2. विशेषीकृत पत्रकारिता
  3. वॉचडॉग पत्रकारिता
  4. एडवोकेसी पत्रकारिता
  5. पीत पत्रकारिता

प्रश्न 44.
‘पेज थ्री’ पत्रकारिता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
‘पेज थी’ पत्रकारिता से तात्पर्य ऐसी पत्रकारिता से है जिसमें फैशन, अमीरों की बड़ी-बड़ी पाटियाँ तथा लोकप्रिय लोगों के निजी जीवन के बारे में बताया जाता है। सामान्यतः ऐसी खबरें अखबारों के पृष्ठ-3 पर छपती हैं।

प्रश्न 45.
स्तंभ-लेखन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
महत्त्वपूर्ण, लोकप्रिय लेखकों के लेखों की नियमित शृंखला को स्तंभ लेखन कहा जाता है। इसमें लेखक के विचार अभिव्यक्त होते हैं।

प्रश्न 46.
डेड लाइन क्या है?
उत्तर :
समाचार माध्यमों में किसी समाचार के प्रकाशित होने या प्रसारित होने के लिए पहुँचने की आखिरी समय-सीमा को डेड लाइन कहा जाता है।

प्रश्न 47.
पत्रकारीय लेखन और साहित्यिक सृजनात्मक-लेखन में क्या अंतर होता है?
उत्तर :
पत्रकारीय लेखन में पत्रकार पाठकों, दर्शकों व श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाने के लिए लेखन के विभिन्न रूपों का इस्तेमाल करते हैं, जबकि साहित्यिक-सृजनात्मक लेखन में चिंतन के जरिए नई रचना का उद्भव होता है।

प्रश्न 48.
भारत में इंटरनेट पत्रकारिता कब से शुरू हुई?
उत्तर :
भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर 1993 में शुरू हुआ। दूसरा दौर 2003 से माना जाता है।

प्रश्न 49.
पत्रकारिता की दृष्टि से हिंदी की सर्वश्रेष्ठ साइट कौन-सी है?
उत्तर :
हिंदी की सर्वश्रेष्ठ साइट बी.बी.सी. है।

प्रश्न 50.
हिंदी की वेब पत्रकारिता की क्या समस्या है?
उत्तर :
हिंदी वेब पत्रकारिता की सबसे बड़ी समस्या ‘हिंदी के फोंट’ की है। अभी तक हमारे पास एक ‘की-बोर्ड’ नहीं है। डॉयनामिक फौंट की अनुपलब्धता के कारण हिंदी की ज्यादातर साइटें खुलती ही नहीं हैं।

प्रश्न 51.
हिंदी के चार ऐसे समाचार पत्रों के नाम बताइए जिनके इंटरनेट संस्करण भी उपलब्ध हैं।
उत्तर :

  1. नवभारत टाइम्स
  2. हिन्दुस्तान
  3. दैनिक जागरण
  4. अमर उजाला।

प्रश्न 52.
जनसंचार के मुद्रित माध्यमों की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?
उत्तर :
जनसंचार के मुद्रित माध्यमों की सबसे बड़ी विशेषता यह है इनका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। इनका महत्त्व अधिक है। कभी भी अपनी सुविधानुसार पढ़ा जा सकता है।

प्रश्न 53.
संपादकीय को क्या माना जाता है?
उत्तर :
संपादकीय को अखबार की आवाज माना जाता है।

प्रश्न 54.
पत्रकारिता की भाषा में ‘बीट’ किसे कहते हैं?
उत्तर :
पत्रकारिता की भाषा में ‘बीट’ का अर्थ है-लेखन व रिपोर्टिंग का विशेष क्षेत्र।

प्रश्न 55.
पत्रकारिता का मूल तत्त्व क्या है?
उत्तर :
लोगों की जिज्ञासा ही पत्रकारिता का मूल तत्व है।

प्रश्न 56.
फीचर लेखन और समाचार-लेखन में क्या अंतर है?
उत्तर :
फीचर एक सुजनात्मक, सुव्यवस्थित तथा आत्मनिष्ठ लेखन है। इसका उद्देश्य पाठकों को जानकारी देने के साथ-साथ शिक्षित एवं मनोरंजन करना भी है जबकि समाचार पाठकों को तात्कालिक घटनाक्रम से अवगत कराता है।

प्रश्न 57.
संसार में मुद्रण की शुरुआत कहाँ हुई?
उत्तर :
संसार में मुद्रण की शुरुआत जर्मनी में हुई। इसका श्रेय गुटेनबर्ग को जाता है।

प्रश्न 58.
फ्री-लांसर पत्रकार किसे कहते हैं?
उत्तर :
फ्री-लांसर पत्रकार का संबंध किसी खास अखबार से नहीं होता, बल्कि वह भुगतान के आधार पर अलग-अलग अखबारों के लिए लिखता है।

प्रश्न 59.
प्रिंट माध्यम किसे कहते हैं?
उत्तर :
मुद्रित सामग्री जैसे समाचारपत्र, पत्रिका, पुस्तक आदि प्रिंट माध्यम कहलाते हैं।

प्रश्न 60.
हिंदी में प्रकाशित होने वाली दो समाचार केंद्रित पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
1. इंडिया टुडे, 2. आउटलुक।

प्रश्न 61.
अंशकालिक संवाददाता किसे कहा जाता है?
उत्तर :
अंशकालिक संवाददाता वे होते हैं जो कुछ समय के लिए ही किसी समाचारपत्र के लिए काम करते हैं। सभी स्थानों पर पूर्णकालीन संवाददाता रखना संभव नहीं होता।

प्रश्न 62.
मुद्रित माध्यमों की किन्हीं दो विशेषताओं को बताइए।
उत्तर :
1. मुद्रित माध्यमों से प्रकाशित सामग्री स्थायी होती है।
2. मुद्रित माध्यमों से प्रकाशित सामग्री को अधिक विश्वसनीय माना जाता है।

प्रश्न 63.
पत्रकार की लेखन-शैली की दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
1. आम बोलचाल की सीधी, सरल, साफ सुथरी भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए।
2. इसमें वस्तुपरकता और निष्पक्षता का ध्यान रखा जाना चाहिए।

प्रश्न 64.
विशेष लेखन के किन्हीं तीन क्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर :
1. अर्थ-व्यापार, 2. खेल, 3. शिक्षा।

प्रश्न 65.
संपादकीय लेखन क्या होता है?
उत्तर :
संपादकीय लेखन में पिछले दिनों घटी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर वैचारिक टिप्पणी होती है। इसमें घटना का विश्लेषण किया जाता है।

प्रश्न 66.
विशेष रिपोर्ट क्या होती है?
उत्तर :
सामान्य समाचारों से हटकर गहरी छानबीन, विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की जाती है, उसे विशेष रिपोर्ट कहते हैं।

प्रश्न 67.
जनसंचार के प्रचलित माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम क्या है?
उत्तर :
सबसे पुराना माध्यम है-मुद्रित माध्यम अर्थात् समाचारपत्र।

प्रश्न 68.
भारत में पहला छापाखाना कब और कहाँ खुला?
उत्तर :
भारत में पहला छापाखाना सन् 1556 ई० में गोवा में खुला।

प्रश्न 69.
‘एंकर बाइट’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
टी.वी. पत्रकारिता में एंकर बाइट का विशेष महत्त्व है। इसमें किसी समाचार की पुष्टि के लिए उससे संबंधित बाइट दिखाई जाती है। इसे दिखाने से समाचार प्रामाणिक बन जाता है।

प्रश्न 70.
कार्टून क्या होता है?
उत्तर :
कार्टून अख़बार के पहले पृष्ठ पर किसी घटना या मुद्दे पर चित्र रूप में सटीक टिप्पणी होता है।

प्रश्न 71.
लिखित और मौखिक भाषा का सबसे बड़ा अंतर क्या है?
उत्तर :
लिखित भाषा अनुशासन की माँग करती है जबकि मौखिक भाषा स्वतःस्फूर्त होती है।

प्रश्न 72.
मुद्रित माध्यमों की कमजोरी क्या है?
उत्तर :
मुद्रित माध्यमों की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि निरक्षरों के लिए इसका कोई लाभ नहीं है।

प्रश्न 73.
रेडियो कैसा माध्यम है?
उत्तर :
रेडियो श्रव्य माध्यम है, यह एक रेखीय माध्यम है।

प्रश्न 74.
रेडियो में क्या कमी है?
उत्तर :
रेडियो में अखबार की तरह पीछे लौटकर सुनने की सुविधा नहीं है।

प्रश्न 75.
ब्रेकिंग न्यूज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
टी.वी. स्क्रीन पर चल रही खबरों के बीच कोई बड़ी खबर अचानक आ जाने पर उसे फ्लैश या ब्रेकिंग न्यूज के रूप में तत्काल दर्शकों तक पहुँचाया जाता है।

प्रश्न 76.
लाइव क्या होता है?
उत्तर :
किसी खबर का घटना स्थल से सीधा प्रसारण लाइव कहलाता है।

प्रश्न 77.
इंटरनेट क्या है?
उत्तर :
इंटरनेट सिर्फ एक टूल यानी औजार है। यह सूचनाओं के आदान-प्रदान का बेहतरीन माध्यम है। इसे आप सूचना, मनोरंजन, ज्ञान, व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक संवादों के आदान-प्रदान के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रश्न 78.
इंटरनेट पत्रकारिता को और किन-किन नामों से पुकारा जाता है?
उत्तर :
इंटरनेट पत्रकारिता, ऑनलाइन पत्रकारिता, साइबर पत्रकारिता या वेब पत्रकारिता। आप कुछ भी कह लीजिए।

प्रश्न 79.
विश्व में आजकल इंटरनेट पत्रकारिता का कौन-सा-दौर चल रहा है?
उत्तर :
आजकल इंटरनेट पत्रकारिता का तीसरा दौर चल रहा है।

प्रश्न 80.
इंटरनेट पत्रकारिता की दृष्टि से कौन-कौन सी साइटें बेहतर हैं?
उत्तर :
टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदू, ट्रिब्यून, स्टेट्समैन, पॉयनियर, एन.डी.टी.वी., आई बी एन, जी न्यूज, आज तक बेहतरे हैं।

प्रश्न 81.
वेब साइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय किसे जाता है?
उत्तर :
वेब साइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय ‘तहलका डॉट कॉम’ को जाता है।

प्रश्न 82.
कौन-सा अखबार प्रिंट रूप में न होकर केवल इंटरनेट पर ही उपलब्य है?
उत्तर :
प्रभा साक्षी।

प्रश्न 83.
किसका मानकीकरण जरूरी है?
उत्तर :
हिंदी के ‘की-बोर्ड’ का मानकीकरण जरूरी है।

प्रश्न 84.
समाचारपत्र में लेख कहाँ प्रकाशित होते हैं?
उत्तर :
अखबार के संपादकीय पृष्ठ पर समसामयिक मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकारों और विषय के विशेषज्ञों के लेख प्रकाशित होते हैं।

प्रश्न 85.
रेडियो समाचार की संरचना किस शैली पर आधारित होती है?
उत्तर :
रेडियो समाचार की संरचना उल्टा पिरामिड शैली पर आधारित होती है।

प्रश्न 86.
टी.वी. पर प्रसारित होने वाले समाचार किन-किन चरणों से होकर दर्शकों तक पहुँचते हैं?
उत्तर :
टी.वी. पर प्रसारित होने वाले समाचारों के चरण हैं- फ्लैश या ब्रेकिंग न्यूज, ड्राई एंकर, फोन-इन, एंकर विजुअल, एंकर बाइट, लाइव एंकर पैकेज।

प्रश्न 87.
संपादक के नाम पत्र कहाँ प्रकाशित होते हैं?
उत्तर :
ये पत्र अखबारों में संपादकीय पृष्ठ पर और पत्रिकाओं की शुरूआत में प्रकाशित होते हैं। इनमें पाठक विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते हैं तथा समस्याएँ भी उठाते हैं।

प्रश्न 88.
पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :
तीन प्रकार के-

  1. पूणकालिक
  2. अंशकालिक
  3. फ्रीलांसर या स्वतंत्र

प्रश्न 89.
फीचर को कैसे रोचक बनाया जाता है?
उत्तर :
फीचर के साथ फोटो, रेखांकन और ग्राफिक्स का प्रयोग कर उसे रोचक बनाया जाता है।

प्रश्न 90.
सफल साक्षात्कार के लिए क्या जरूरी है?
उत्तर :
सफल साक्षात्कार के लिए यह जरूरी है कि आप जिस विषय पर और जिस व्यक्ति के साथ साक्षात्कार करने जा रहे हैं, उसके बारे में आपके पास पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए।

प्रश्न 91.
‘बाइट’ किसे कहते हैं?
उत्तर :
‘बाइट’ कथन को कहते हैं। दूरदर्शन पर किसी खबर की पुष्टि के लिए संबंधित व्यक्ति की बाइट दिखाई जाती है।

प्रश्न 92.
समाचार के चार प्रमुख तत्त्व बताइए।
उत्तर :

  1. नवीनता
  2. प्रभाव
  3. जनरुचि तथा
  4. अनोखापन।

प्रश्न 93.
आकाशवाणी कितनी भाषाओं और बोलियों में कार्यक्रम प्रस्तुत करती है?
उत्तर :
आकाशवाणी 24 भाषाओं तथा 146 बोलियों में कार्यक्रम प्रस्तुत करती है।

प्रश्न 94.
संचार प्रक्रिया की बाधाओं को क्या कहा जाता है?
उत्तर :
इन बाधाओं को शोर (Noise) कहा जाता है।

प्रश्न 95.
संचार का सबसे महत्चपूर्ण प्रकार कौन सा है?
उत्तर :
सबसे महत्त्वपूर्ण प्रकार है-जनसंचार (Mass Communication)।

प्रश्न 96.
द्वारपाल (गेट कीपर) की जनसंचार में क्या भूमिका है?
उत्तर :
जनसंचार में द्वारपाल वह व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह होता है जो जनसंचार माध्यमों से प्रकाशित या प्रसारित होने वाली सामग्री को नियंत्रित और निर्धारित करता है।

प्रश्न 97.
द्वारपाल की क्या जिम्मेदारी है?
अत्तर :
द्वारपाल की जिम्मेदारी है कि वह सार्वजनिक हित, पत्रकारिता के सिद्धांतों, मूल्यों और आचार-संहिता के अनुसार सामग्री को संपादित करे और उसके बाद ही प्रसारण या प्रकाशन की अनुमति दे।

प्रश्न 98.
जनसंचार के प्रमुख कार्य क्या हैं? का मंच देना।
उत्तर :

  • ये कार्य हैं-॰ सूचना देना,
  • शिक्षित करना,
  • मनोरंजन करना,
  • एजेंडा तय करना,
  • निगरानी रखना,
  • विचार-विमर्श का मंच देना।

प्रश्न 99.
आजादी से पहले के चार प्रमुख पत्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर :

  1. गणेश शंकर विद्यार्थी
  2. माखनलाल चतुवेदी
  3. महावीर प्रसाद द्विवेदी
  4. प्रतापनारायण मिश्र।

प्रश्न 100.
एफ.एम. (रेडियो) की शुरुआत कब हुई?
उत्तर :
1993 ई. में। अब इसमें कई निजी कंपनियाँ भी आ गई हैं।

प्रश्न 101.
टेलीविजन जनसंचार का कैसा माध्यम है?
उत्तर :
टेलीविजन जनसंचार का सबसे लोकप्रिय और ताकतवर माध्यम है।

प्रश्न 102.
टेलीविजन का असली विस्तार कब हुआ?
उत्तर :
टेलीविजन का असली विस्तार तब हुआ, जब भारत में देशी चैनलों की बाढ़ आने लगी। अक्टूबर 1993 में ‘जी.टी.वी’ और ‘स्टार टी.वी.’ के बीच अनुबंध हुआ। आज पूरे भारत में 200 से अधिक चैनल प्रसारित हो रहे हैं।

प्रश्न 103.
मौजूदा समय में भारत कितनी फिल्मों का निर्माण करता है?
उत्तर :
मौजूदा समय में भारत हर साल लगभग 800 फिल्मों का निर्माण करता है।

प्रश्न 104.
इंटरनेट माध्यम से आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर :
इसके माध्यम से आप बहसों में भाग ले सकते हो, आप चैट कर सकते हो, अपना ब्लॉग बनाकर किसी बहस के सूत्रधार बन सकते हो।

प्रश्न 105.
सिनेमा माध्यम पर क्या आरोप लगता रहा है?
उत्तर :
सिनेमा पर आरोप लगता रहा है कि उसने समाज में हिंसा, अश्लीलता और असामाजिक व्यवहार को प्रोत्साहित किया है।

प्रश्न 106.
दुनिया की धहली छपी पुस्तक किसे माना जाता है?
उत्तर :
428 पंक्तियों की बाइबिल-‘ गुटेनबर्ग बाइबिल’ को दुनिया की पहली छपी पुस्तक $(1400-1468)$ के बीच माना जाता है।

प्रश्न 107.
संपादन का क्या अर्थ है?
उत्तर :
संपादन का अर्थ है-किसी सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके पठनीय बनाना। संपादक अपने रिपोर्टर की खबर को ध्यान से पढ़कर उसकी भाषा शैली, व्याकरण संबंधी अशुद्धियों को दूर कर पठनीय बनाता है।

प्रश्न 108.
पत्रकार के लिए निष्पक्षता क्यो जरूरी है?
उत्तर :
पत्रकार की निष्पक्षता से ही उसके समाचार-संगठन की साख बनती है। लेकिन निष्पक्षता का अर्थ तटस्थता नहीं है। वह सही और न्याय के साथ होती है।

प्रश्न 109.
फोटो पत्रकारिता क्या है?
उत्तर :
समाचारपत्रों में फोटो पत्रकारिता का बहुत महत्त्व है। जो बात हजार शब्दों में लिखकर नहीं कही जा सकती, वह एक तस्वीर कह देती है।

प्रश्न 110.
रेखांकन और कार्टोग्राफ क्या करते हैं?
उत्तर :
रेखांकन और कार्टोग्राफ समाचारों को न केवल रोचक बनाते हैं बल्कि उन पर टिप्पणी भी करते हैं।

प्रश्न 111.
आजकल के अधिकांश चैनल कैसे बन गए हैं?
उत्तर :
आजकल एक-आध चैनल को छोड़कर अधिकांश चैनल सूचना रंजन (इन्फोटेनमेंट) के चैनल बनकर रह गए हैं। इनमें सूचना कम और मनोरंजन ज्यादा है। मीडिया भी एक उद्योग बनता जा रहा है। इसका मकसद अधिकतम मुनाफा कमाना हो गया है।

प्रश्न 112.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 15-20 शब्दों में दीजिए :
(क) रेडियो का आविष्कार किसने किया ?
(ख) ऐनी फ्रेंक की डायरी मूलरूप से किस भाषा में लिखी गई है ?
(ग) हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र कौन-सा है ?
(घ) पटकथा की मूल इकाई क्या है ?
(ङ) जनसंचार के प्रमुख माध्यम कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
(क) रेडियो का आविष्कार 1895 ई. में इटली के इलैक्ट्रल इंजीनियर जी. मार्कोनी ने किया।
(ख) यह डायरी मूलरूप से डच भाषा में लिखी गई है।
(ग) हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र है-‘उद्दंत मार्तंड’। यह 1826 में कोलकाता से प्रकाशित हुआ। इसके संपादक थे-पं. जुगल किशोर।
(घ) पटकथा की मूल इकाई है-दृश्य।
(ङ) जनसंचार प्रमुख माध्यम ये हैं- (i) समाचार पत्र-पत्रिकाएँ; (ii) रेडियो; (iii) टेलीविजन; (iv) सिनेमा; (v) इंटरनेट।

प्रश्न 113.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में (15-20 शब्दों में) दीजिए :
(क) विश्व की जानकारी किन माध्यमों से बढ़ गई है ?
(ख) संचार-प्रक्रिया में किस-किसकी सक्रिय भागीदारी जरूरी है ?
(ग) पेज-श्री पत्रकारिता क्या है ?
(घ) श्रेष्ठ समाचार की परिभाषा स्पष्ट कीजिए।
(ङ) संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को क्या कहा जाता है ?
उत्तर :
(क) विश्व की जानकारी निम्नलिखित माध्यमों के आने से बढ़ गई है-(i) समाचार-पत्र, (ii) रेडियो, (iii) टेलीविजन, (iv) इंटरनेट।
(ख) संचार प्रक्रिया में निम्नलिखित की सक्रिय भागीदारी जरूरी है : (i) स्रोत या संचारक की, (ii) संदेश की, (ii) माध्यम की. (i v) संदेश प्राप्तकर्ता की. (v) फीड बैक करने वाले की।
(ग) पेज-थ्री पत्रकारिता को पीत पत्रकारिता भी कहा जाता है। इसके द्वारा किसी व्यक्ति के निजी जीवन में ताक-झाँक की जाती है। कई बार उसका चरित्र-हनन भी किया जाता है।
(घ) श्रेष्ठ समाचार की परिभाषा यह है-” ऐसा समाचार जो सम-सामयिक घटनाओं, समस्याओं और विचारों पर आध रित हो, जिसे जानने में अधिक से अधिक लोगों की दिलचस्पी और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ता हो, वही श्रेष्ठ समाचार है।”
(ङ) संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को ‘शोर’ (noise) कहा जाता है।

प्रश्न 114.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) प्रिंट माध्यम से क्या तात्पर्य है?
(ख) टेलीविजन समाचारों में एंकर बाइट क्यों जरूरी है?
(ग) इंटरनेट किसे कहते हैं?
(घ) खोजपरक पत्रकारिता किसे कहते हैं ?
(ड.) रेडियो से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
(क) प्रिंट माध्यम से अभिप्राय मुद्रित माध्यम से है अर्थात् समाचार पत्र और पत्रिकाएँ।
(ख) टेलीविजन समाचार क्योंकि टीवी परदे पर देखे-सुने जाते हैं इसलिए यहाँ एंकर बाइट आवश्यक है। एंकर बाइट समाचार का संक्षिप्त विवरण देता है जिसके साथ-साथ संबंधित समाचार का दृश्य दिखाया जाता है।
(ग) इंटरनेट सूचनाओं को आदान-प्रदान करने का एक बेहतरीन संयंत्र है। इस पर मनोरंजन, ज्ञान, व्यक्तिगत और सार्वजनिक संवादों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। जहाँ यह सूचनाओं को संप्रेषित करने का कारगर संयंत्र है वहाँ अश्लील सामग्री व दुष्र्रचार का भी।
(घ) खोजपरक पत्रकारिता उसे कहते हैं जिसमे गहराई से छानबीन की जाती है तथा ऐसे तथ्यों को सामने लाने का प्रयास किया जाता है जो दबे या छिपे होते हैं या जिन्हें दबाने या छिपाने का प्रयास किया जाता हैं
(ङ) रेडियो श्रव्य माध्यम है। ध्वनि तरंगों के साथ-साथ यह देश के कोने-कोन तक आवाज़ पहुँचाता है। दूर-दराज के गाँवों में जहाँ संचार के माध्यम नहीं हैं, वहाँ रेडियो ही संचार और मनोरंजन का साधन है। यह अख़बार और टेलीविजन के मुकाबले से सस्ता है।

प्रश्न 115.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) सफल पत्रकार को किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है ?
(ख) स्ववृत्त से आप क्या समझते हैं ?
(ग) फ्लेश बैक किसे कहते हैं ?
(घ) डायरी लेखन से आप क्या समझते हैं ?
(ड.) समाचार के मुख्य तत्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
(क) सफल पत्राकार को अपने पत्रकारिता के मूल्यों का ध्यान रखना पड़ता है। उसकी पत्रकारिता में सच्चाई, संतुलन, निष्पक्षता तथा स्पष्टता होनी चाहिए।
(ख) स्ववृत्त किसी विज्ञापन के प्रत्युत्तर में आवेदन पत्र के साथ भेजा जाता है। यह एक बना-बनाया प्रारूप होता है।
(ग) जब सिनेमा या टेलीविजन के किसी धारावाहिक में अतीत में घटित किसी घटना को दिखाया जाता है, तब उसे फ्लेश बैक कहा जाता है।
(घ) डायरी लेखन पूरी तरह निजी है। इसमें निजी स्तर पर घटित घटनाओं और उससे संबंधित बौद्धिक भावनाओं का प्रतिक्रियात्मक लेख-जोखा रखा जाता है।
(ङ) समाचार के मुख्य तत्त्व निम्न हैं-
1. समाचार नवीन और ताजे होने चाहिए।
2. निकटतम होने चाहिए।
3. प्रभावपूर्ण होने चाहिए।
4. जनरुचि के होने चाहिए।
5. टकराव और संघर्ष की स्थिति वाले होने चाहिए।
6. उपयोगी जानकारी देने वाले होने चाहिए।

प्रश्न 116.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) प्रिंट मीडिया की दो विशेषताएँ लिखिए।
(ख) भारत में पहला समाचार पत्र कौन और कहाँ प्रकाशित हुआ ?
(ग) पीत पत्रकारिता से क्या आशय है?
(घ) फ्रीलांसर पत्रकार किसे कहते हैं?
(ड) एंकर बाइट किसे कहते हैं?
उत्तर :
(क) प्रिंट मीडिया की निम्न दो विशेषताएँ हैं-1. इसे कभी भी और विस्तार के साथ पढ़ा जा सकता है। 2. इसे रिकार्ड के तौर पर संभाल कर रखा जा सकता है।
(ख) भारत में पहला समाचारपत्र था-उदन्त मार्तण्ड। यह कोलकाता से प्रकाशित हुआ था।
(ग) जब किसी व्यक्ति विशेष की मानहानि वाली खबरें प्रकाशित की जाती हैं तो उसे पीत पत्रकारिता कहा जाता है। ये खबरें सनसनीखेज कहलाती हैं। ऐसी पत्रकारिता स्वस्थ पत्रकारिता कदापि नहीं कहला सकती।
(घ) फ्रीलांसर स्वतंत्र पत्रकार है। यह किसी भी समाचारपत्र को भुगतान के आधार पर अपने लेख, विशेष रपट आदि भेज सकता है। जितना लिखता है, उतना प्राप्त करता है। यह किसी समाचार पत्र का पूर्णकालिक पत्रकार नहीं होता।
(ङ) जब संवाददाता घटना स्थल पर जाकर प्रत्यक्षदर्शियों का कथन रेडियो या टेलीविजन पर प्रसारित करता है तो उसे एंकर बाइट कहा जाता है।

प्रश्न 117.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) संचार का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(ख) मौखिक एवं अमौखिक संचार में क्या अंतर है ?
(ग) फीडबैक किसे कहते हैं ?
(घ) प्रतिवेदन कितने प्रकार के होते हैं ?
(ड) भारत में पत्रकारिता की शुरुआत कब और किससे हुई ?
उत्तर :
(क) संचार शब्द ‘चर’ धातु से बना है, जिसका अर्थ चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचना। जब दो या अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं, विचारों तथा भावनाओं का किसी भी रूप या माध्यम में आदान-प्रदान किया जाता है तब उसे संचार कहा जाता है।
(ख) जब मुख से कुछ बोलकर संचार संपन्न किया जाता है तो उसे मौखिक संचार कहा जाता है। जब कई बार मन के भावों या विचारों को बिना बोले ही दूसरे तक पहुँचाया जाता है, तो उसे अमौखिक संचार कहा जाता है।
(ग) संचार प्रक्रिया में संदेश प्राप्तकर्ता के द्वारा व्यक्त प्रतिक्रिया को फीडबैक कहा जाता है।
(घ) प्रतिवेदन दो प्रकार के होते हैं : औपचारिक प्रतिवेदन तथा अनौपचारिक प्रतिवेदन।
(ङ) भारत में पत्रकारिता की शुरुआत सन् 1780 में जेम्स ऑगस्ट हिकी के बंगाल गजट से हुई। यह कोलकाता से प्रकाशित हुआ था।

प्रश्न 118.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) संचार के कार्य बताइए।
(ख) ऐनी फ्रेंक की डायरी किस नाम से प्रकाशित हुई ? इसकी मूल भाषा क्या थी ?
(ग) संचार प्रक्रिया में बाधक तत्व किसे कहते हैं ?
(घ) संपादन के प्रमुख सिद्धांतों का उल्लेख कीजिए।
(ड.) अंत: वैयक्तिक संचार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
(क) संचार के निम्नलिखित कार्य है : 1. सूचना देने व लेने का काम करना तथा प्रतिक्रिया व्यक्त करना।
(ख) ऐनी फ्रैंक की डायरी “द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल” नाम से प्रकाशित हुई। यह डच भाषा में लिखी गई थी।
(ग) संचार प्रक्रिया में बाधक तत्व शोर को कहते हैं।
(घ) संपादन के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं-1. निष्पक्षता, 2. तथ्यों की शुद्धता, 3. वस्तुपरकता तथा 4. स्रोत।
(ङ) जब हम स्वयं ही प्राप्तकर्ता होते है और स्वयं ही संचारक होत हैं, उसे अंतःवैयक्तिक संचार कहा जाता है।

11th Class Hindi Book Antra Questions and Answers