CBSE Class 11 Hindi Elective Rachana पत्र-लेखन
अपने भावों, विचारों, सूचनाओं और संदेशों को दूर-दराज तक पहुँचाने के लिए आमतौर पर पत्रों का सहारा लिया जाता है। पत्र अनेक प्रकार के होते हैं। विषय, संदर्भ, व्यक्ति और स्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के पत्रों को लिखने का तरीका भी भिन्न-भिन्न होता है।
सुविधा के लिए पत्रों को दो वर्गों में रखा जा सकता है-
1. अनौपचारिक (Informal)
2. औपचारिक (Formal)
1. अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
इस प्रकार के पत्रों में पत्र लिखने वाले और पत्र पाने वाले के बीच नजदीकी या घनिष्ठ संबंध होता है। यह संबंध पारिवारिक तथा अन्य सगे-संबंधियों का भी हो सकता है और मित्रता का भी। इन पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहते हैं। इन पत्रों की विषयवस्तु निजी और घरेलू होती है। इनका स्वरूप संबंधों के आधार पर निर्धारित होता है। इन पत्रों की भाषा-शैली प्राय: अनौपचारिक और आत्मीय होती है।
2. औपचारिक पत्र (Formal Letter)
सरकारी, अर्धसरकारी और गैर-सरकारी संदर्भों में औपचारिक स्त्र पर भेजे जाने वाले पत्रों को औपचारिक पत्र कहते हैं। इनमें व्यावसायिक, कार्यालयी और सामान्य जीवन-व्यवहार के संदर्भ में लिखे जाने वाले पत्रों को शामिल किया जा सकता है। इन पत्रों में संक्षिप्तता, स्पष्टता और स्वतःपूर्णता की अपेक्षा रहती है। औपचारिक पत्रों के अंतर्गत दो प्रकार के पत्र आते हैं-
(क) सरकारी, अर्धसरकारी और व्यावसायिक संदर्भों में लिखे जाने वाले पत्र-
इनकी विषयवस्तु प्रशासन, कार्यालय और कारोबार से संबंधित होती है। इनकी भाषा-शैली निश्चित साँचे में ढली होती है और प्रारूप निश्चित होता है। सरकारी कार्यालयों, बैंकों और व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा किया जाने वाला पत्र व्यवहार इस वर्ग के अंतर्गत आता है। विभिन्न पदों के लिए लिखे गए आवेदन-पत्र भी इसी श्रेणी में आते हैं।
(ख) सामान्य जीवन व्यवहार तथा अन्य विशिष्ट संदर्भों में लिखे जाने वाले पत्र –
ये पत्र परिचित एवं अपरिचित व्यक्तियों को तथा विविध क्षेत्रों से संबद्ध अधिकारियों को लिखे जाते हैं। इनकी विषयवस्तु सामान्य जीवन की विभिन्न स्थितियों से संबद्ध होती है। ये प्रायः सामान्य और औपचारिक भाषा-शैली में लिखे जाते हैं। इनके प्रारूप में प्रायः स्थिति और संदर्भ के अनुसार परिवर्तन हो सकता है। इनके अंतर्गत शुभकामना-पत्र, बधाई-पत्र, निमंत्रण-पत्र, शोक-संवेदना पत्र, पूछताछ पत्र, शिकायती पत्र, समस्यामूलक पत्र, संपादक को पत्र आदि आते हैं।
पत्र के अंग –
- पत्र चाहे औपचारिक हो या अनौपचारिक, सामान्यतः पत्र के निम्नलिखित अंग होते हैं, जैसे-
- पता और दिनांक
- संबोधन तथा अभिवादन शब्दावली का प्रयोग
- पत्र की सामग्री
- पत्र की समाप्ति, स्वनिर्देश और हस्ताक्षर
आइए, अब इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर लें-
पता और दिनांक-पत्र के बाई ओर कोने में पत्र-लेखक का पता लिखा जाता है और उसके नीचे तिथि दी जाती है।
संबोधन तथा अभिवादन-जब हम किसी को पत्र लिखना शुरू करते हैं तो उस व्यक्ति के लिए किसी न किसी संबोधन शब्द का प्रयोग किया जाए है। जैसे-
पूज्य / आदरणीय / पूजनीय / श्रद्धेय / प्रिय / प्रियवर / मान्यवर
1. प्रिय-संबोधन का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है-
- अपने से छोटों के लिए
- अपने बराबर वालों के लिए
- घनिष्ठ व्यक्तियों के लिए।
औपचारिक स्थिति में –
- मान्यवर / प्रिय महोदय / महोदया
- प्रिय श्री / श्रीमती / सुश्री / नाम या उपनाम
- प्रिय – नाम – जी आदि।
2. पूज्य, पूजनीय, आदरणीय, श्रद्धेय आदि का प्रयोग अपने से बड़े उन लोगों के लिए होता है जिन्हें हम आदर देते हैं।
3. अनौपचारिक पत्रों में महोदय/महोदया संबोधन शब्द के बाद अल्पविराम का प्रयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि अगली पंक्ति में हमें अभिवादन के लिए कोई शब्द नहीं देना होता है।
4. अनौपचारिक पत्रों में अपने से बड़ों के लिए नमस्कार, नमस्ते, प्रणाम जैसे अभिवादनों का प्रयोग होता है।
जब स्नेह, शुभाशीष, आशीर्वाद जैसे अभिवादनों का प्रयोग होता है तो मात्र संबोधन देखते ही हम समझ जाते हैं कि संबोधित व्यक्ति लिखने वाले से आयु में छोटा है। औपचारिक पत्रों में इस प्रकार के अभिवादन की आवश्यकता नहीं रहती। अभिवादन शब्द लिखने के बाद पूर्ण विराम अवश्य लगाना चाहिए; जैसे –
पूज्य भाई साहब,
सादर प्रणाम।
प्रिय विवेक,
प्रसन्न रहो।
पत्र की सामग्री-पत्रों में अभिवादन के बाद पत्र की सामग्री देनी होती है। पत्र के माध्यम से जो हम कहना चाहते हैं या कहने जा रहे हैं वही पत्र की सामग्री कहलाती है।
पत्र की समाप्ति, स्वनिर्देश और हस्ताक्षर-अनौपचारिक पत्र के अंत में लिखने वाले और पाने वाले की आयु, अवस्था तथा गौरव-गरिमा के अनुरूप स्वनिर्देश बदल जाते हैं; जैसे-
तुम्हारा, आपका, स्नेही
आपका आज्ञाकारी, शुभचिंतक, विनीत आदि।
औपचारिक पत्रों का अंत प्रायः निर्धारित स्वनिर्देश द्वारा होता है; यथा-
भवदीय, आपका, शुभेच्छु आदि।
इसके बाद पत्र-लेखक के हस्ताक्षर होते हैं। औपचारिक पत्रों में हस्ताक्षर के नीचे प्रायः प्रेपक का पूरा नाम और पदनाम लिखा जाता है।
आवेदन-पत्र का नमूना
सेवा में
महाप्रबंधक
(मानव संसाधन विभाग)
न्यू इंडिया केमिकल्स लि.
36 आर्थर रोड,
मुंबई- 500053
विषय : मार्केटिंग एक्ज्क्यूटिव पद हेतु आवेदन।
महोदय,
आज दिनांक 25 दिसम्बर, 2019 को दिल्ली से प्रकाशित दैनिक समाचार-पत्र ‘नवभारत टाइम्स’ में प्रकाशित विज्ञापन से मुझे ज्ञात हुआ है कि आपकी कंपनी को मार्केटिंग एक्ज्क्यूटिक्स की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।
औपचारिक पत्र (Formal Lotters)
औपचारिक पत्र की रूपरेखा
- प्रेषक विभाग / मंत्रालय / कार्यालय का नाम, पता व दिनांक
- प्राप्तकर्ता का नाम और पद अथवा मात्र पद, विभाग अथवा मंत्रालय / कार्यालय आदि।
- पत्र का विषय
- संदर्भ पत्र संख्या ……….। संबद्ध कूट संकेत (Code Word), संबद्ध संचिका (File), संबद्ध वर्ष (अन्य आवश्यक संकेत)। कई कार्यालयों में संदर्भ देने की प्रथा नहीं है।
- कथ्य / विषयवस्तु
- अंतिम औपचारिक वाक्य
- प्रेषक या उसके स्थानापन्न व्यक्ति के हस्ताक्षर
- पूरा नाम
- पद (पत्र के शीर्ष पर देने की प्रथा अधिक प्रचलन में है)
- संलग्न पत्र / पत्रक या सामग्री।
आवेदन-पत्र (Application)
1. ईंधन के मूल्यों में हो रही वृद्धि के बावजूद वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस स्थिति का कारण स्पष्ट करते हुए राज्य के परिवहन मंत्री को पत्र लिखिए।
सेवा में,
राज्य परिवहन मंत्री,
दिल्ली सरकार,
नई दिल्ली।
विषय : वाहनों की बढ़ती संख्या-एक समस्या
महोदय,
में आपका ध्यान दिल्ली में वाहनों की निरंतर बढ़ती संख्या की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
यद्यपि ईंधन (पेट्रोल-डीजल) के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है फिर भी दिल्ली में वाहनों की संख्या घटने के स्थान पर निरंतर बढ़ती जा रही है। इस समय दिल्ली में 80 लाख के लगभग वाहन रजिस्टर्ड हैं। यह स्थिति चिंताजनक है। इसके कारणों की पहचान करनी होगी। ज्यों-ज्यों समृद्धि बढ़ रही है, त्यों-त्यों एक-एक घर के सामने दो-तीन गाड़ियों का खड़ा होना सामान्य-सा दिखाई देता है। दूसरा कारण ‘सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था’ का लचर एवं अपर्याप्त होना है। दिल्ली परिवहन निगम की बसें खटारा हैं तथा कभी समय पर नहीं चलतीं। गत चार वर्षों में एक भी नई बस नहीं खरीदी गई है। आपका मंत्रालय कोई-न कोई बहाना लगाकर जनता को मूर्ख बनाता चला आ रहा है।
में आपसे अनुरोध करता हूँ कि नई कारों की बिक्री को नियंत्रित किया जाए। दिल्ली में बिजली से चार्ज होने वाली कम से कम 500 नई बसें चलाई जाएँ। तभी परिवहन व्यवस्था में कुछ सुधार हो सकेगा। आशा है आप इस समस्या को हल करने की दिशा में सार्थक कदम उठाओंगे।
सधन्यवाद
भवदीय
नवीन बत्रा
प्रधान, जन जागृति मंच,
नई दिल्ली
दिनांक……
2. केंदीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक की ओर से 12 वीं कक्षा के परीक्षार्धियों के लिए एक पत्र लिखिए कि उसने अपनी जन्मतिधि का प्रमाणपत्र नहीं भेजा है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड,
2 , शिक्षा केंद्र, प्रीत विहार, दिल्ली।
पत्र क्रमांक ए. 435 / 2 / सी. से.- 2006
दिनांक 25 दिसबंर, 20….
सेवा में
नेन्द्र कुमार
(परीक्षार्थी-सीनियर सेकेंडरी परीक्षा-20…..)
(व्यक्तिगत Private)
विषय : जन्मतिधि का स्मरण-पत्र
महोदय,
आपके परीक्षा फार्म सीनियर सेकेंडरी-20…. के संदर्भ में सूचित किया जाता है कि आपके फार्म के साथ जन्मतिधि का प्रमाणपत्र संलग्न नहीं है। इसके अभाव में आपका फार्म परीक्षा हेतु स्वीकृत नहीं किया जा सकता। दसवीं कक्षा के प्रमाणपत्र की एक फोटो प्रति इस कार्यालय को शीप्र प्रेषित करें, क्योंकि उसमें जन्मतिथि का उल्लेख होता है।
यह प्रमाण पत्र मिलने के उपरांत ही आपको 12 वीं कक्षा की परीक्षा हेतु रोल नंबर जारी किया जा सकेगा।
भवदीय
हस्ताक्षर
(परीक्षा नियंत्रक)
3. अपने बड़े भाई के विवाहा में उपस्थित होने के लिए अवकाश हेतुविद्यालय के प्रधानाचार्य को आवेदन-पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
रोबिन पब्लिक स्कूलं,
देहरादून।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मेरे बड़े भाई का शुभ विवाह 25 दिसंबर हो होना निश्चित हुआ है। इस विवाह में उपस्थित होने के लिए मुक्षे दिल्ली जाना होगा। अतः मैं चार दिन तक विद्यालय में उपस्थित नहीं रह पाऊँगा।
आपसे विनम्र प्रार्थना है कि मुझे दिनांक ले तक चार दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
कमलकांत वर्मा
कक्षा बारहवीं (अ)
दिनांक….
4. अपने मोहल्ले के उपेक्षित पार्क के समुचित रख-रखाब की व्यवस्था करने के लिए निगम आयुक्त का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र लिखिए।
सेवा में,
निगमायुक्त महोदय,
दिल्ली नगर निगम,
टाउन हॉल,
दिल्ली।
विषय-जनकपुरी के पाकों का रख-रखाव।
मान्यवर,
सविनय निवदेन यह है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित यह कॉलोनी सन् 1988 में दिल्ली नगर निगम को हस्तांतरित की जा चुकी है। बड़े खेद का विषय है कि एशिया की सबसे बड़ी बस्ती उपेक्षा का शिकार हो रही है। दिल्ली विकास प्राधिकरण ने प्रत्येक मौहल्ले में पाकों की क्यवस्था तक नहीं की। सी-4 में एक सुंदर एवं विस्तृत पार्क बनाया गया था। उस पार्क को सजाना-संवारना तो दूर, उसकी दशा दिन-प्रतिदिन खराब होती चली जा रही है। यहाँ न घास एवं पौधों को पानी देने की कोई व्यवस्था है और ना पौधरोपण को कोई कार्यक्रम। यह आवारा पशुओं का प्रमण-स्थल बनकर रह गया है।
मैंने इस ब्लॉक की समिति के नाते अनेक बार पश्चिमी क्षेत्र के उपायुक्त को पत्र लिखे एवं व्यक्तिगत सम्पर्क किया, किंतु स्थिति में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि पार्क की दशा सुधारने एवं इसके समुचित रख-रखाव की व्यवस्था कराने की कृपा करें। हम आपके बहुत आभारी रहेंगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
राकेश कुमार
सचिव
सी-4, ब्लॉक समिति,
जनकपुरी,
नई दिल्ली।
दिनांक…..
शिकायती-पत्र –
1. पानी के मीटर की शिकायत
सेवा में,
कार्यपालक अभियंता
गंजाम जल बोर्ड, गंजाम, उड़ीसा।
विषय : पानी का मीटर बंद होने के संदर्भ में
महोदय,
मैं बरहमपुर क्षेत्र का निवासी हूँ। मेरा मकान नं. ए- 207 है। विगत चार मास से हमारे मकान पर लगा पानी का मीटर बंद पड़ा है। इस बारे में कई बार मीटर रीडर से मौखिक शिकायत की गई, किंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अतः अब मैं लिखित शिकायत कर रहा हूँ। मीटर खराब होने के कारण पानी का अनुमानित बिल आ रहा है और मैं उसे नियमित रूप से जमा कर रहा हूँ, पर खपत का सही आकलन नहीं हो पा रहा है। अत: मेरा आपसे अनुरोध है कि या तो इस मीटर को ठीक करवाएँ अथवा इसे बदलवाने की व्यवस्था कराएँ। मैं इसका व्यय वहन करने को तैयार हूँ।
आशा है आप इस समस्या का निदान तत्काल कराने की कृपा करेंगे । मैं इस पत्र के साथ पिछले तीन मास के पानी के भुगतान किए गए बिलों की फोटो प्रति संलग्न कर रहा हूँ।
भवदीय
नवीन पटनायक
ए, 207. अनंतनगर, दूसरी गली
बरहमपुर, गंजाम-60002, उड़ीसा
दिनांक 15 जुलाई, 20 …..
संलग्नक-पानी के जमा किये पुराने बिलों की फोटो प्रति
2. बिजली की समस्या के संबंध में शिकायती-पत्र
सेवा में,
कार्यपालक अभियंता
लखनऊ विद्युत बोर्ड, सरोजनी नगर, लखनऊ-226005 (उ. प्र.)
विषय : अत्यधिक राशि के बिलों के संदर्भ में
महोदय,
मैं गत चार वर्षों से सरोजिनी नगर में रह रहा हूँ। मैं नियमित रूप से बिजली के बिल का भुगतान भी करता रहा हूँ। भुगतान किए गए सभी बिल मेरे पास सुरक्षित हैं। औसतन मेरे घर का बिल 800 रु. प्रति मास आता है। इस बार यह बिल 2200 रुपए का आ गया है। इसे देखकर मैं अत्यधिक परेशान हूँ। मेरे घर में बिजली की खपत के किसी भी बिंदु पर कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। महोदय मुझ पर पिछली अवधि का कोई भुगतान भी शेष नहीं है। बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। अतः इतने अधिक बिल का कोई कारण मेरी समझ में नहीं आ रहा है।
मैं यह उल्लेख करना चाहूँगा कि प्राप्त बिल पर ‘प्रोविजनल बिल’ लिखा हुआ है। बिना मीटर-रीडिंग के भेजे गए इस अत्यधिक राशि के बिल का भुगतान करना मेरे लिए संभव नहीं है। कृपया संशोधित बिल भेजें ताकि मैं समय पर भुगतान कर सकूँ। आशा है आप मेरे अनुरोध पर शीघ्र विचार करेंगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
अमन वर्मा
16-डी, सरोजनी नगर,
लखनक 226005 (उ.प्र.)
दिनांक 7 फरवरी, 20….
3. टेलीफोन का कनेक्शन कटने संबंधी पत्र
सेवा में,
प्रबंधक,
महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड
जनकपुरी, नई दिल्ली-110058
विषय : टेलीफोन कनेक्शन कटने के संदर्भ में
महोदय,
मेरा टेलीफोन नंबर 25523540 विगत दस दिनों से काम नहीं कर रहा है। पता करने पर बताया गया है कि यह कनेक्शन काट दिया गया है। इस मास मेरे पास टेलीफोन बिल नहीं आया था। अतः मैं बिल समय पर जमा नहीं करा पाया। बाद में मैंने डुप्लीकेट बिल बनवाकर जमा भी करा दिया। इसके बावजूद मेरा टेलीफोन कनेक्शन काट दिया गया है।
मैं इस प्रार्थनापत्र के साथ जमा किए गए बिल की फोटो प्रति संलग्न कर रहा हूँ। अतः आपसे अनुरोध है कि मेरा टेलीफोन तत्काल चालू करवाने की व्यवस्था करवाएँ। घर में पिताजी अस्वस्थ रहते हैं। अत: डॉक्टर से संपर्क बंनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। आशा है आप इस काम को करवाने में रुचि लेंगे।
भवदीय
हस्ताक्षर………..
(एस. रघुरामन)
C-5/70, जनक पुरी, नई दिल्ली- 110058
दिनांक 25 सितंबर, 20….
संलग्नक : जमा किए गए बिल की फोटो प्रति
4. बस-सेवा संबंधी शिकायती-पत्र
सेवा में,
महाप्रबधंक
हरियाणा परिवहन निगम,
चंडीगढ़।
विषय : बस-सेवा कम होने के संदर्भ में
महोदय,
मैं मनी माजरा में स्थित माडर्न हाउसिंग कांप्लेक्स का निवासी हूँ। मुझे यहाँ से प्रतिदिन सेक्टर-17 स्थित कार्यालय में जाना पड़ता है। मुझ जैसे अन्य व्यक्तियों को भी उस सेक्टर में जाना होता है। इस रूट पर चलने वाली बसों की संख्या केवल दो ही है। वे एक-एक घंटे के अंतराल पर चलती हैं। इससे यात्रियों को बहुत असुविधा होती है। इस रूट पर आधे-आधे घंटे बाद बस-सेवा की आवश्यकता है। इससे सैंकड़ों यात्रियों को लाभ पहुँचेगा।
अतः आपसे अनुरोध है कि इस सेवा पर अधिक संख्या में बस लगाएँ तथा 30 मिनट के अंतराल से बस चलाने की व्यवस्था कराएँ। शीघ्र कार्रवाई की आशा है।
भवदीय
(अनिल कुमार)
504 , माडर्न हाउसिंग कांप्लेक्स
मनी माजरा, चंड़ीगढ़
दिनांक 26 अगस्त, 20….
5. अस्पताल की कुव्यवस्था पर असंतोष प्रकट करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शिकायती पत्र लिखिए।
सेवा में,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी,
दिल्ली चिकित्सा विभाग,
राममनोहर लोहिया अस्पताल, दक्षिण क्षेत्र (नई दिल्ली)।
विषय : अस्पताल की कुव्यवस्था पर असंतोष के लिए पत्र
महोदय,
मैं इस पत्र के द्वारा आपका ध्यान “अस्पताल की कुव्यवस्था” पर असंतोष प्रकट करते हुए लिख रहा हूँ जिसमें मैं सप्ताह में दो दिन अपनी माता जी को इलाज के लिए लेकर जाता हूँ। वहाँ हमेशा गंदा पानी शौचालय में जमा रहता है, कूड़ेदान ऊपर से ढके हुए नहीं हैं। रोगियों के बिस्तर साफ-सुथरे न होने के कारण कीटाणु स्वस्थ व्यक्ति को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं।
‘राममनोहर लोहिया’ दिल्ली के पुराने अस्पतालों में एक प्रमुख अस्पताल है। यहाँ संसद-सदस्य तथा मंत्रीगण एवं सरकार के उच्च अधिकारी इलाज के लिए आते हैं। यहाँ दिल्ली के मरीज बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की उम्मीद लेकर आते हैं और यह आशा अस्पताल में प्रवेश करते ही चकनाचूर हो जाती है। यहाँ कार्ड बनवाने की व्यवस्था भी दलालों की मेहरबानी पर टिकी हुई है। वे मरीजों से अपना ‘सेवा शुल्क’ लेकर पंजीकरण कराते हैं। वे अपने चहेतों को लेकर बिना नंबर सीधे डॉक्टर के कमरे में घुस जाते हैं। सामान्य मरीज देखता रह जाता है। यही हाल डिस्पैंसरी का है। वहाँ आधी-अधूरी दवाएँ देकर मरीजों को टरका दिया जाता है। दूर-दराज से आए मरीज यहाँ से निराश होकर लौट जाते हैं।
आपसे विनम्र प्रार्थना है कि अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था पर नियंत्रण करके इसे तुरंत ठीक किया जाए।
सधन्यवाद,
भवदीय
रमाकांत
5 / 62, गोल मार्किट, नई दिल्ली
दिनांक: ………..
6. स्थानीय रेलवे अधिकारियों को इस आशय का शिकायती पत्र लिखिए कि दिल्ली से आपको भेजा गया पार्सल लंबी अवधि के बाद भी प्राप्त नहीं हुआ।
56 / 2, टी. नगर,
को.नई (तमिलनाडु)
दिनांक 25 नवंबर, 20…
सेवा में
स्टेशन मास्टर
चेन्नई रेलवे स्टेशन, चेन्नई।
विषय : लंबी अवधि के उपरांत भी पार्सल का न मिलना।
महोदय,
मैं आपका ध्यान माल विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की ओर आकर्षित कराना चाहती हूँ।
मुझे नई दिल्ली स्टेशन से पुस्तकों का एक पार्सल 20 सितंबर, 2018 को भिजवाया गया था। इसे वहाँ से श्री रमाकांत गोस्वामी ने बुक करवाया था। इसका क्रमांक है बी. 702436 दिनांक 20.9.2018 दो मास से भी अधिक अवधि बीत जाने के उपरांत भी मुझे यह आज तक प्राप्त नहीं हो पाया है। इसमें अत्यंत आवश्यक पुस्तकें हैं।
मैं दो-तीन बार आपके कार्यालय के संबंधित कर्मचारियों से मिल आई हूँ, पर कiड़ परिणाम नहीं निकला है। अतः विवश होकर मुझे यह शिकायती पत्र लिखना पड़ा है।
इस प्रकार की लापरवाही सेवा में कोताही ही मानी जाएगी। मैं तो यह सोचने को विवश हो रही हूँ कि मैंने यह पार्सल रेलवे से मँगाने की भूल की ही क्यों? यदि मैं किसी कूरियर सेवा से पुस्तकें मँगवाती तो दो-तीन दिन में पुस्तकें मिल जाती। आशा है आप मेरी पीड़ा को समझेंगे और मेरा पार्सल मुझे दिलाने का कष्ट करेंगे।
भवदीया
रजनी शर्मा
संलग्नक : पार्सल बुकिंग रसीद की फोटोप्रति।
7. मोहल्ले में काफी गंदगी इधर-उधर पड़ी रहती है। मच्छरों का प्रकोप है। जानवर इधर-उधर घूमते हैं और गंदगी फैलाते हैं। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। कई-कई दिन सफाई कर्मचारी नहीं आते। बीमारी फैलने की संभावना है। इस संदर्भ में अपने नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए।
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी,
दिल्ली नगर निगम
(पश्चिमी क्षेत्र)
राजा गार्डन, नई दिल्ली।
विषय : रघुबीर नगर क्षेत्र में गंदगी।
महोदय,
मैं आपका ध्यान रघुबीर नगर क्षेत्र में फैली गंदगी की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ, ताकि इसका समुचित समाधान किया जा सके। रघुबीर नगर के इलाके में जगह-जगह कूड़े के ढेर जमा हैं। सड़कों और गलियों में गंदगी बिखरी हुई है। इन पर मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सूअर और अन्य जानवर इधर-उधर घूमते रहते हैं। कई स्थानों पर पानी सड़ रहा है। सारा वातावरण दुर्गंधमय हो रहा है।
इस क्षेत्र में सफाई की कोई नियमित व्यवस्था ही नहीं है। यहाँ सफाई कर्मचारी कई-कई दिन तक नहीं आते और जब आते हैं तो पेड़ के नीचे बैठकर बीड़ी पीते रहते हैं। उनसे कई बार मैंने स्वयं सफाई करने का अनुरोध किया है, पर उनके कान पर जूँ तक नहीं रेंगती। यहाँ मलेरिया फैलने की पूरी-पूरी संभावना है और स्वास्थ्य विभाग कानों में तेल डाले बैठा है।
आपसे विनम्र प्रार्थना है कि इस क्षेत्र की सफाई की ओर शीघ्र ध्यान दें एवं सफाई की समुचित व्यवस्था करवाएँ। आपके इस कार्य के लिए यहाँ के निवासी आपके कृतज्ञ रहेंगे।
भवदीय
रमन सिंह, सचिव
रघुवीर नगर निवासी संघ, नई दिल्ली
दिनांक 25 अगस्त, 20….
8. सड़कों की दुर्वशा पर खेद को प्रकट करते हुए नगर पालिका के अध्यक्ष को पंत्र लिखिए।
सेवा में,
अध्यक्ष महोदय,
नगर पालिका, रोहतक।
मान्यवर,
मैं आपका ध्यान रोहतक शहर की सड़कों की दुर्दशा की ओर दिलाना चाहता हूँ, ताकि इनका सुधार किया जा सके। आपको भलि-भाँति ज्ञात है कि पिछले वर्ष की बाढ़ ने रोहतक शहर की काफी तबाही की थी। लगभग एक मास तक पानी खड़ा रहा था। जब पानी उतरा तो पता चला कि अधिकांश सड़कों में गहरे गड्ढे हो गए हैं। नगरपालिका के कर्मचारियों ने कुछ गड्ढों में इंटें अवश्य डाल दी थीं, पर सड़कें उबड़-खाबड़ ही बनी रहीं। इन पर वाहन चलाना तभी से खतरनाक बना हुआ है। पिछली छमाही में रोहतक में लगभग 80-90 दुर्घटनाएँ हुई हैं, जिसमें दो स्कूटर सवारों की तो मृत्यु भी हो गई है थी। रेलवे रोड की तो बहुत ही खस्ता हालत है।
आपसे विनम्र प्रार्थना है कि इन सड़कों को शीघ्र ही पुन: बनवाया जाए। छुट-पुट मरम्मत से कोई लाभ नहीं होने वाला।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रामलाल बत्रा, (सचिव) रेलवे रोड निवासी संघ, रोहतक।
दिनांक…..
9. घरेलू नौकर द्वारा की गई चोरी के बारे में अपने इलाके के थाना-प्रभारी के नाम पत्र लिखिए।
सेवा में,
थाना-प्रभारी, तिलक नगर थाना, नई दिल्ली।
विषय : घरेलू नौकरी द्वारा चोरी की शिकायत
महोद्य,
मैं इस पत्र के माध्यम से अपने नौकर रामेश्वर के द्वारा की गई चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराना चाहता हूँ।
कल दिनांक ……… को हम सायं किसी समारोह में भाग लेने घर से बाहर गए थे। घर पर केवल नौकर ही था। वह पिछले दो वर्षों से हमारे यहाँ काम कर रहा था।
जब हम रात्रि ग्यारह बजे लौटे तो हमें ज्ञात हुआ कि नौजर घर की कई चीजें लेकर गायब हो गया है। उसके द्वारा ले जाने वाली चीजें इस प्रकार हैं-1. एक टेपरिकार्डर (फिलिप्स), 2. चार सौ रुपए नकद, 3. तीन पैंट।
नौकर रामेश्वर का विवरण इस प्रकार है-
नाम – रामेश्वर प्रसाद।
पिता का नाम – श्री राज प्रसाद।
आयु – लगभग वर्ष
रंग – साँवला
कद – 5′ 3″
वेषभूषा – कुर्ता-पाजामा
मूल निवासी – गोरखपुर (पूर्वी उ. प्र.)
आशा है कि उसे पकड़कर हमारी चीजें वापस कराएँगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
क ख ग
दिनांक…..
10. अपने मोहल्ले में दिन-प्रतिदिन बढ़ते बिजली संकट को लेकर अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) को पत्र लिखिए।
सेवा में,
अधिशासी अभियंता,
राज्य विद्युत बोर्ड, गुडगाँव
विषय : सेक्टर 13 में बिजली संकट
मान्यवर,
मैं आपका ध्यान सेक्टर 39 (ए) क्षेत्र में बिजली संकट की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। इस क्षेत्र में बिजली-वितरण में गड़बड़ी लगभग दो मास से चल रही है। गर्मी के इस मौसम में दोपहर को तीन-तीन घंटे तक बिजली गायब रहने पर हमें कितनी असुविधा का सामना करना पड़ता है, इसका अनुमान आप सहज ही लगा सकते हैं। रात्रि के समय विद्यार्थियों को पढ़ने में भारी असुविधा को झेलना पड़ता है, इसका अनुमान आप सहज ही लगा सकते हैं। यहाँ के ट्रांसफार्मर इस क्षेत्र के विद्युत-भार को सहने के योग्य ही नहीं हैं। हन्हें बीस वर्ष पूर्व लगाया गया था। तब से बिजली की खपत तीन गुना बढ़ चुकी है।
अधिकारियों से विनम्र प्रार्थना है कि आप इस क्षेत्र की बिजली की पूर्ति की स्थिति में सुधार के लिए अपेक्षित कदम उठाएँ, ताकि यहाँ बिजली की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इस सहयोग के लिए इस क्षेत्र के निवासी आपके अनुगृहीत होंगे।
भवदीय
रामेश्वर शर्मा, सचिव
सेक्टर 39 (ए) गुडगांव निवासी संघ
दिनांक….
11. अनियमित डाक वितरण की शिकायत करते हुए पोस्ट मास्टर महोदय को एक पत्र लिखिए। सेवा में,
डाकपाल महोदय,
केन्द्रीय डाकघर, पटना।
विषय-डाक की उचित व्यवस्था के लिए प्रार्थना-पत्र।
मान्यवर,
विनम्र निवेदन है कि हम श्री राम रोड पर स्थित कोठी नं. 5 में अभी-अभी बदलकर आए हैं। यहाँ पर आए हुए भी लगभग एक पखवाड़ा बीत गया है, किन्तु हमारी डाक नियमित रूप से नहीं मिल रही है। कदाचित् इसका कारण डाकिए की अनियमितता हो अथवा कुछ प्रबंध अन्य असुविधाओं एवं परिथितियों वश ऐसा हुआ हो।
निवेदन है कि हमारी समस्त डाक के विषय में कृपया एक सरकारी जाँच की जाए ताकि भविष्य में नियमित रूप से हमें डाक मिलती रहे और उसमें किसी प्रकार का विलम्ब न हो।
इस मास के मासिक पत्र-पत्रिकाएँ अभी तक हमारे पास नहीं पहुँच सकी हैं। कृपया इस विषय में भी हमारे क्षेत्र से सम्बन्धित डाकिए को आवश्यक निर्देश दे दीजिए। आपकी बड़ी आभारी रहूँगी।
निवेदिका
सुनीता
5, श्रीराम रोड पटना।
दिनांक….
12. यात्रा में रेल-कर्मचारी के अभद्र व्यवहार की शिकायत करते हुए रेल-अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
सेवा में,
मुख्य प्रबंधक, उत्तरी रेलवे, चंडीगढ।
विषय-रेल-कर्मचारी के अभद्न व्यवहार की शिकायत।
मान्यवर,
मैं आपका ध्यान राजधानी एक्सप्रेस में टिकट चैकर (क्र. सं. 5608) के अभद्र व्यवहार की ओर दिलाना चाहता हूँ।
कल दिनांक ………… को रात्रि 8 बजे नई दिल्ली स्टेशन से मैं इस गाड़ी में बैठा। मेरी सीट आरक्षित थी। थोड़ी देर में टी.सी. एक अन्य यात्री को लेकर आया और उसे मेरी सीट पर बिठाने लगा। मैंने अपना आरक्षण दिखाया तो वह अभद्र व्यवहार करने पर उतर आया। उसने उस यात्री से सीट दिलाने के लिए पचास रुपए रिश्वत ली थी। मेरी सारी यात्रा कष्टपूर्ण रेही।
आशा है कि आप इस टी.सी. के विरुद्ध उचित कार्यवाही करेंगे ताकि अन्य यात्रियों को इस प्रकार की स्थिति का सामना न करना पड़े।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
क ख ग
दिनांक …..
13. अपने इलाके में फैली गंदगी और सफाई की कुव्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखिए। सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी मठोदय,
जालन्धर नगर निगम (पूर्वी क्षेत्र). जालंधर-1
विषय : सफाई की कुष्यबस्था
मान्यवर,
में आपका ध्यान बस्ती शेख क्षेत्र में फैली गंदगी और सफाई की कुष्यवस्था की ओर दिलाना चाहती हूँ।
यहाँ स्थान-स्थान पर कूढे के ड़ेर जमा हैं। इन पर मक्खी-मच्छों का साम्राज्य है। गली की नालियों में पानी सड़ता रहता है। मच्छरों का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यहाँ के दुर्गन्धमय वातावरण में हम बहुत ही कष्पपूर्ण जीवन बिता रहे हैं। घर-घर में मलेरिया एवं आंत्रशोथ के रोगी देख सकते हैं। स्थानीय सफाई कर्मचारियों का ध्यान कई बार इस ओर दिलाना पड़ा है, किन्तु उनके कान पर जूँ तक नहीं रेंगती। अत: विवश होकर आपको पत्र लिखना पड़ा है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इस क्षेत्र का स्वयं निरीक्षण कर सफाई की उचित व्यवस्था कराएँगे। इस क्षेत्र के निवासी आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रवेन्द्र नन्दा (सचिव)
बस्ती शेख विकास मंच
दिनांक……
14. विद्यालय में खेल-कूख की सामग्री की कमी को पूरा कराने के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
केन्द्रीय विद्यालय,
जनकपुरी, नई दिल्ली।
मान्यकर,
सविनय निवेदन है कि इस वर्ष हमारे विद्यालय ने क्षेत्रीय खेल-प्रतियोगिताओं में पर्याप्त यश अर्जित किया है। इस सफलता से उत्साहित होकर विद्यालय के अनेक छात्र विभिन्न खेलों में भाग लेने के इच्हुक हैं।
इससे पूर्व कि इन खेलों में भारी संख्या में भाग लें, यह आवश्यक हो जाता है कि अभ्यास हेतु विद्यालय मैदान की समुचित सफाई एवं गड्डों की भराई की व्यवस्था की जाए। इस समय खेल के मैदान की दुर्दशा से आप भली-भाँति परिचित हैं। वर्षा-काल समाप्त हो चुका है, अतः तुरन्त इस ओर ध्यान आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त हमारे विद्यालय में खेल-सामग्री का अत्यन्त अभाव है। शारीरिक शिक्षण श्री शर्मा जी के अनुसार क्रिकेट एवं हाकी का सामान गत वर्ष भी नहीं खरीदा गया था। अतः इस बार खेलों का सामान पर्याप्त मात्रा में खरीदने की अविलम्ब व्यवस्था की जाए ताकि हमारे उदयमान खिलाड़ी अवसर से वंचित न रह जाएँ।
इस दिशा में अनेक छात्रों एवं व्यायाम शिक्षकों भी काफी उत्साह है। वे अगले सप्ताह से खेलों का अभ्यास आरम्भ कराना चाहते हैं। आशा है, आप मैदान को ठीक कराने एवं खेलों का सामान खरीदने हेतु शीघ्र ही यथोचित कदम उठाने की कृपा करेंगे। धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अनंत अय्यर, कप्तान
विद्यालय क्रिकेट टीम
दिनांक…..
15. दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को पत्र लिखिए जिसमें पटरियों तथा घरों के सामने लगने वाले साप्ताहिक बाजारों से होने वाली असुविधाओं का उल्लेख हो।
सेवा में,
निगमायुक्त महोदय,
दिल्ली नगर निगम, दिल्ली।
विषय : साप्ताहिक बाजारों से उत्पन्न समस्या
मान्यवर,
मैं आपका ध्यान दिल्ली की विभिन्न बस्तियों में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों से होने वाली असुविंधा की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
दिल्ली की विभिन्न बस्तियों में सप्ताह के किसी न किसी दिन साप्ताहिक बाजार लगाने की होड़ सी मची हुई है। ये बाजार दोपढर से रात्रि 10-11 बजे तक चलते हैं। इन बाजारों को खुले स्थानों पर लगाया जाता है। सामान विक्रेता जनसाधारण के लिए बनाई गई पटरियों को अपने सामान से घेर लेते हैं। चूँक ये पटरियाँ घरों के सामने हैं अत: घरों के रास्ते भी अवरुद्ध हो जाते हैं। सायंकाल 5-6 घंटे तक यहाँ बुरा हाल रहता है। अराजक तत्वों की भरमार हमें चैन से रहने नहीं देती। बाजार की समाप्ति से यहाँ इतनी गंदगी शेष रह जाती है कि दो तीन दिन तक साफ नहीं हो पाती।
इस समस्या से नागरिकों को भारी कष्टों का सामना करना पड़ रहा है। आपसे प्रार्थना है कि इन बाजारों को समाप्त कराने दिशा में उचित कदम उठाने का प्रयास करें।
धन्यवाद सहित,
भवदीया
रंजना शर्मा
5/6, नवीन शाहदरा, दिल्ली
दिनांक…..
16. अपने क्षेत्र के थानाधिकारी को अपने मौहल्ले में रात्रि पहरे की समुचित व्यवंस्था के लिए पत्र लिखिए।
सेवा में,
थानाध्यक्ष,
रामनगर पुलिस थाना,
कोलकाता।
महोदय,
यह निवेदन है कि हमारे नगर में पिछले सप्ताह चार चोरियाँ की हैं। ये चोरियाँ रात के दस बजे के पश्चात् ही हुई हैं। सभी के सो जाने के पश्चात् चोर कॉलोनी में घुस आते हैं। उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं होता।
आपसे विनम्र निवेदन है कि रामनगर के ‘ए’ और ‘बी’ ब्लॉक में रात्रि पहरे की विशेष व्यवस्था की जाए, क्योंकि ये ब्लॉक सबसे अधिक असुरक्षित हैं।
आशा है कि आप हमारी प्रार्थना पर विशेष ध्यान देंगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रामलाल शर्मा
रामनगर निवासी संघ
दिनांक……..
17. डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखिए।
सेवा में,
स्वास्थ्य मंत्री,
दिल्ली सरकार, दिल्ली।
विषय-डेंगू का बढ़ता प्रकोप।
मान्यवर,
मैं आपका ध्यान दिल्ली में निरंतर बढ़ते डेंगू के प्रकोप की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
आप इस तथ्य से भली प्रकार अवगत हैं कि सितंबर मास में मलेरिया और डेंगू का प्रकोप प्रति वर्ष बढ़ जाता है। गत वर्ष इसी बीमारी ने लगभग पचास व्यक्तियों की जान ले ली थी। इस वर्ष पुन: इसके लक्षण प्रकट होने प्रारंभ हो गए हैं। मलेरिया के रोगी तो घर-घर में देखे जा सकते हैं।
इन दिनों दिल्ली में गंदगी की भरमार है। सरकार के दावों के बावजूद सड़कों और गलियों में पानी सड़ रहा है। सफाई कर्मचारी अत्यंत लापरवाही बरत रहे हैं। अस्पतालों में भी रोगियों को दाखिल करने के स्थान पर एक जगह से दूसरी जगह भगाया जाता है। दवाएँ भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं।
आपसे विनम्र प्रार्थना है कि दिल्ली के नागरिकों को भाग्य के भरोसे छोड़ने के स्थान पर उनके स्वास्थ्य की रक्षा की उचित व्यवस्था की जाए। सफाई कर्मचारियों को तत्परता से काम करने का निर्देश दिया जाए। आशा है, आप समुचित कार्यवाही करेंगे। धन्यवाद सहित,
भवदीया
रचना मैदीरत्ता, रमेश नगर निवासी संघ
दिनांक……
18. बस में छूटे सामान का पता लगाने के लिए दिल्ली परिवहन निगम के महाप्रबंधक को प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
महाप्रबंधक,
दिल्ली नगर निगम (पूर्वी क्षेत्र).
दिल्ली।
महोदय,
निवेदन है कि कल दिनांक ………. को मैं दिल्ली परिवहन निगम की बस रूट नं. 851 पर चलने वाली बस डी पी-आई पी 1509 से यात्रा करने के लिए तिलक नगर से चढ़ा था। मेरे साथ एक अटैची व एक बैग भी था। मुझे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बस स्टाप पर उतरना था मुझे वहाँ ट्रेन पकड़नी थी। बस की गति बहुत धीमी थी। अतः मुझे देर हो रही थी। मेरी मानसिक स्थिति कुछ ठीक न थी, अतः हड़बड़ी में मेरा बैग बस में रह गया। इसका विवरण इस प्रकार है :-
रंग – काला
मेक – वी. आई. पी.
साईज – 20 × 10
इस बैग में बहुत जरूरी सामान है। आपसे प्रार्थना है कि इसका पता लगाकर मुझे निम्नलिखित पते पर सूचित करें। रामपाल शर्मा
12 / 105 ए, तिलक नगर, नई दिल्ली।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रामगोपाल शर्मा
दिनांक….
19. पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर लाउडस्पीकर के कारण उत्पन्न कठिनाइयों की शिकायत कीजिए।
सेवा में.
पुलिस अधीक्षक, करनाल, हरियाणा।
विषय : लाउडस्पीकर से समस्या।
महोदय,
मैं आपका ध्यान रात्रि के समय लाउड-स्पीकर के अंधाधुंध प्रयोग की ओर आकर्षित कराना चाहती हूँ।
इस दिनों की परीक्षाएँ चल रही हैं। क्रात्र-छात्राओं के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें रात्रि के समय शांत वातावरण की आवश्यकता होती है। आजकल रात्रि जागरण के नाम पर सारी रात बड़ी तेज ध्वनि में लाउड स्पीकर बजाए जाते हैं। गानों के रिकार्ड भी कानफोडू, आवाज में चलाए जाते हैं। इस कोलाहलपूर्ण वातावरण में हमारे लिए पढ़ाई करना लगभग असंभव ही होता है। अत: आपसे विनम्र प्रार्थना है कि इन पर नियंत्रण लगाने की कोई उचित व्यवस्था करें ताकि हम परीक्षा की तैयारी ठीक ढंग से कर सकें।
आपकी इस कृपा के लिए आपके आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद,
भवदीय
उर्मिला रानी मैंदीरता
संयोजिका
बस्ती शेख विकास मंच
दिनांक…..
20. दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को पत्र लिखिए, जिसमें पटरियों व घरों के सामने लगने वाले साप्ताहिक बाजारों से होने वाली असुविधाओं का वर्णन हो।
सेवा में
निगमायुक्त महोदय
देल्ली नगर निगम.निल्ली।
विषय : साप्ताहिक बाजारों से उत्पन्न समस्या।
मैं आपका ध्यान दिल्ली की विभिन्न बस्तियों में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों से होने वाली असुविधा की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
दिल्ली की विभिन्न बस्तियों में सप्ताह के किसी न किसी दिन साप्ताहिक बाजार लगाने की होड़ सी मची हुई है। ये बाजार दोपहर से रात्रि 10 से 11 बजे तक चलते हैं। इन बाजारों को खुले स्थानों पर लगाया जाता है। सामान विक्रेता जनसाधारण के लिए बनाई गई पटरियों को अपने सामान से घेर लेते हैं। चूँक ये पटरियाँ घरों के सामने हैं, अत: घरों के रास्ते भी अवरुद्ध हो जाते हैं। सायंकाल 5-6 घंटे तक यहाँ बुरा हाल रहता है। अराजक तत्वों की भरमार हमें चैन से रहने नहीं देती। बाजार की समाप्ति से यहाँ इतनी गंदगी शेष रह जाती है कि दो-तीन दिन तक सफाई नहीं हो पाती।
इस समस्या से नागरिकों को भारी कष्टों का सामना करना पड़ रहा है। आपसे प्रार्थना है कि इन बाजारों को समाप्त कराने दिशा में उचित कदम उठाने का प्रयास करें।
धन्यवाद सहित,
भवदीया
रचना शर्मा
रमेश नगर, नई दिल्ली-17
दिनांक …..
21. सिविल लाइंस, इलाहाबाद डाकघर से मालवीय नगर, नई दिल्ली को भेजा मनीऑर्डर अपने गंतव्य तक नहीं पहुँचा। इसकी शिकायत करते हुए प्रेषक जनार्दन मिश्र की ओर से डाकपाल को पत्र लिखिए।
सेवा में,
डाकपाल महोदय,
सिविल लाइंस डाकघर.
इलाहाबाद।
विषय – मनीऑर्डर न पहुँचने की शिकायत।
मान्यवर,
निवेदन है कि मैंने आपके डाकघर दिनांक …….. को मालवीय नगर, नई दिल्ली को एक हजार रुपए का मनीऑर्डर करवाया था। आज इसे एक मास बीत गया है, पर मनीऑर्डर अभी तक गंतव्य स्थल तक नहीं पहुँचा है, इससे भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। मनीऑर्डर का विवरण निम्नलिखित है-
मनीऑर्डर रसीद संख्या : ग 567042
दिनांक : …….
पाने वाले का नाम : श्री रामानंद मिश्र
एवं पता : 5 / 6, मालवीय नगर, नई दिल्ली
प्रेषक का नाम व पता : जनार्दन मिश्र, 762, सिविल लाइंस, इलाहाबाद
आपसे विनम्र निवेदन है कि उपर्युक्त मनीआर्डर का पता लगाकर उसे शीघ्र गंतष्य स्थल तक पहुँचाने की व्यवस्था करवाएँ और मुझे सूचित करें।
सधन्यवाद।
भवदीय
जनार्दन मिश्र
दिनांक ……
संपादक के नाम पत्र
22. आपके विद्यालय में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका विवरण देते हुए ‘नवभारत टाइम्स’ के संपादक को पत्र लिखकर इसे प्रकाशित करने का अनुरोध कीजिए।
सेवा में,
संपादक,
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
विषय : ‘बेटी बचाओ- बेटी बचाओ’ कार्यक्रम प्रकाशनार्थ
महोदय,
मैं आपके दैनिक लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से अपने विद्यालय में सम्पन्न हुए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम की एक रिपोर्ट प्रकाशन हेतु भिजवा रही हूँ। आशा है आप जनहित में इसे प्रकाशित कर कृतार्थ करेंगे।
आज दिनांक ……………. को सर्वोदय विद्यालय, रमेश नगर, नई दिल्ली में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर दिल्ली समाज कल्याण विभाग के मंत्री पधारे। अन्य कई समाज-सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर मंच पर इसी विषय से संबंधित एक लघुनाटिका प्रस्तुत की गई। मुख्य अतिथि ने उन बेटियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जिन्होंने बोर्ड की परीक्षा में 80% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। कई समाज-सेविकाओं को भी प्रशास्ति-पत्र प्रदान किए गए।
‘कन्या ग्रूण हत्या’ के विरोध में कई वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों को शपथ दिलाई गई कि वे बेटी को जन्म लेने देंगे, उन्हें लड़कों के समान पढ़ाएँगे तथा उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे। अंत में स्कूल की छात्राओं ने एक सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर ‘बेटी बचाने-पढ़ाने’ की भावना की अभिव्यक्ति की।
पूरा कार्यक्रम प्रशंसनीय रहा।
भवदीया
रचना मैदीरत्ता
संयोजक,
कार्यक्रम संचालन समिति, नई दिल्ली
23. पार्क की दुर्दशा के संबंध में
सेवा में
संपादक
नवभारत टाइम्स,
नई दिल्ली-110001
विषय : रामकृष्णपुरम सेक्टर-12 के पार्क की दुर्दशा
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-प्त्र के माध्यम से दिल्ली नगर निगम का ध्यान रामकृष्णपपुरम के सेक्टर-12 के पार्क की दुर्दशा की ओर आकर्षित कराना चाहती हूँ।
इस पार्क को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने बड़े उत्साहपूर्वक सजाया-सँवारा था। इसमें विभिन्न प्रकार के फूल एवं फलों के वृक्ष लगाए गए थे। एक वर्ष बाद यह पार्क दिल्ली नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया गया। तभी से इसके दुर्दिन शुरू हो गए। अब इस पार्क में आए दिन शादियाँ होती हैं। इससे फूलों वाले पौधे तो प्रायः नष्ट हो ही चुके हैं, इसके साथ-साथ गंदगी की भरमार रहती है। शादी ? एक सप्ताह तक इतना दुर्गंधमय वातावरण होता है कि यहाँ बैठना तक कठिन हो जाता है। यहाँ पर किसी माली की व्यवस्था भी नहीं की गई है। अब यह पार्क कूड़ाघर के रूप में परिवर्तित होने की राह पर है।
दिल्ली नगर निगम के उद्यान विभाग के अधिकारियों से प्रार्थना है कि इस पार्क को बर्बाद होने से बचाएँ। यहाँ के निवासियों के लिए यही एकमात्र पार्क है। पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाए रखना अत्यावश्यक है।
भवददीया
हस्ताक्षार
नीलिमा सिंह
120/12, रामकृष्णपपुम,
नई दिल्ली-110022
दिनांक 25 अक्तूबर, 20 ….
24. आपके शहर में परिवहन व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस समस्या की ओर संबद्ध अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराने के लिए अपने स्थानीय समाचारपत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में
संपादक
दैनिक अमर उजाला, आगरा (उ.प्र.)
विषय : आगरा की परिवहन व्यवस्था
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचारपत्र के माध्यम से आगरा शहर की परिवहन व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति की ओर आगरा नगर निगम के परिवहन अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ।
आगरा शहर उत्तर प्रदेश का एक व्यावसायिक केंद्र एवं दर्शनीय स्थल है। यहाँ पर बाहर से आने वाले यात्रियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, पर परिवहन विभाग को इसकी कोई चिंता ही नहीं है। वही सौ-पचास टूटी-फूटी बसें इधर-उधर चक्कर लगाती रहती हैं। बसों की संख्या अपर्याप्त है एवं मौजूदा बसों की हालत जर्जर है। इस शहर के लिए एक व्यवस्थित परिवहन सेवा उपलब्ध कराने की अत्यंत आवश्यकता है। इस दिशा में शीप्र प्रयास किए जाने चाहिए। आगरा के लिए कम से कम पाँच सौ बसों के परिचालन की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस क्य में निजी संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा सकता है।
आशा है आगरा नगर निगम इस समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगा।
भवदीय
हस्ताक्षर …………
संजय बत्रा
सचिव
नागरिक चेतना मंच,
आगरा
दिनांक 2 जनवरी, 20….
25. हिंसा प्रधान फिल्मों को देखकर बाल वर्ग पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव का वर्णन करते हुए दैनिक पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक नवभारत टाइम्स,
नई दिल्ली।
महोदय,
मैं आपके दैनिक लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार और समाज का ध्यान हिंसा प्रधान फिल्मों के दुष्प्रभाव की ओर दिलाना चाहता हूँ, ताकि इनके विरुद्ध जनमत तैयार किया जा सके। आजकल दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों पर हिंसा प्रधान फिल्मों का प्रदर्शन धड़ल्ले से किया जा रहा है। लगता है सरकार का इन पर कोई नियंत्रण रह ही नहीं गया है। युवा वर्ग के मन पर इसका कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है. इसकी कल्पना शायद कार्यक्रम प्रसारणकर्त्ताओं को नहीं है। आज समाज में लूट-पाट एवं हिंसा की घटनाओं के पीछे ये फिल्में ही हैं। इन फिल्मों से युवा-मन जल्दी ही बुराई की ओर आकर्षित होता है। इस प्रवृत्ति को रोकना आवश्यक है।
मैं इस पत्र के माध्यम से सरकार के ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ से अपील करता हूँ कि वह अपनी नीति में उपयुक्त सुधार कर हिंसा प्रधान फिल्मों पर रोक लगाए।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
भारत मैंदीरत्ता
दूरदर्शन क्लब
रमेश नगर, नई दिल्ली।
दिनांक…
26. दुकानदारों में बढ़ती जमाखोरी की प्रवृति पर चिंता प्रकट करते हुए समाचार-पत्र के संपादक को पत्र।
सेवा में,
संपादक,
दैनिक जागरण, चंडीगढ़ ।
विषय : जमाखोरी की प्रवृत्ति
महोदय,
मैं आपके दैनिक लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान दुकानदारों में आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी की प्रवृत्ति पर आकर्षित कराना चाहता हूँ, ताकि इसे रोका जा सके। आशा है आप इसे जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे। आजकल देखा जा रहा है, कि दुकानदार जीवन उपयोगी आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी पर कृत्रिम अभाव दर्शा रहे हैं। इससे उन्हें कालाबाजारी करने का अवसर मिल जाता है। आजकल देशी घी, मक्खन, चीनी आदि के बारे में ऐसा ही हो रहा है, लगता है सरकार के कानों में अभी तक यह समस्या पहुँची ही नहीं है अथवा अधिकारी वर्ग जान-बूझकर अनजान बन हुआ है।
मैं इस पत्र के माध्यम से लोगों से भी अपील करता हूँ कि वे जमाखोरी करने वाले दुकानदारों का बहिष्कार करें तथा उनकी सूचना सरकार को दें। सरकार को ऐसे दुकानदारों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।
धन्यवाद सहित.
भवदीय
उमाकांत वर्मा
जन जागृति मंच, चंडीगढ़।
दिनांक……..
27. प्रधान संपादक ‘नवभारत टाइम्स’ नई विल्ली को एक पत्र लिखिए, जिसमें अपने नगर की जल-व्यवस्था के सुधार हेतु प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का निवदेन हो।
सेवा में,
प्रधान संपादक,
नवभारत टाइम्स,
नई दिल्ली।
मान्यवर,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से प्रशासन का ध्यान क ख ग नगर की बिगड़ती हुई जल-व्यवस्था की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है कि आप जनहित में मेरा पत्र प्रकाशित कर कृतार्थ करेंगे।
हमारे नगर में जल-आपूर्ति व्यवस्था लगभग ठप्प पड़ गई है। प्रातः काल केवल 15-20 मिनट के लिए पानी आता है और वह भी इतने कम दबाव पर कि ऊपर की मंजिलों में चढ़ ही नहीं पाता। इससे यहाँ नागरिक बहुत परेशान हैं। स्थानीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर कई बार आकर्षित किया गया है, पर उनके कान पर जूँ तक नहीं रेंगती। प्रशासन के उच्च अधिकारियों से प्रार्थना है कि वे तुरंत हस्तक्षेप कर इस नगर के नागरिकों को नियमित जल-वितरण व्यवस्था को सुनिश्चित करें।
सधन्यवाद सहित,
भवदीय
अ ब स
सचिव
क ख ग नगर सभा
दिनांक……..
28. समाज में बढ़ते हुए अपराधों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
विषय : समाज में बढ़ते अपराध
महोदय,
अपने दैनिक समाचार-पत्रों के ‘पाठकों के पत्र’ शीर्षक के अंतर्गत समाज में बढ़ते अपराधों पर मेरे विचार जनहित में प्रकाशित करने का कष्ट करें।
दिल्ली में पिछले एक वर्ष से अफसरशाही को मनमानी करने का पूरा अवसर मिला हुआ है। यही कारण है कि वे अपने स्वार्थों की सिद्धि में तो लगे हुए हैं, पर जन-समस्याओं के प्रति उपेक्षापूर्ण दृष्टिकोण अपनाए हुए हैं।
दिल्ली कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज रह ही नहीं गई है। संभ्रांत कॉलोनियों में दिन दहाड़े डकैती और हत्या की घटनाएँ आम हो गई हैं। यहाँ के नागरिकों का जीवन असुरक्षित हो गया है। नागरिकों की समस्याओं पर ध्यान देने की फुर्सत किसी को नहीं है। में आपके समाचार-पत्र के माध्यम से केन्द्र सरकार में बैठे मतत्रियों से अनुरोध करती हूँ कि दिल्ली में जन-प्रतिनिधियों की शासन-व्यवस्था को शीप्र बहाल करें एवं महँगाई पर काबू पाने के सार्थक प्रयास करें।
धन्यवाद सहित,
भवदीया
प्रतिभा शर्मा
5/64, बाजार सीताराम, दिल्ली।
दिनांक………
29. अपने क्षेत्र के बिजली-संकट से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए दैनिक पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
दैनिक ‘नवभारत टाइम्स’,
नई दिल्ली।
विषय : बिजली संकट
महोदय,
मैं आपके दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से विद्युत विभाग के अधिकारियों का ध्यान कमला नगर क्षेत्र के बिजली-संकट की ओर दिलाना चाहता हूँ, ताकि इसका उचित समाधान हो सके।
इस क्षेत्र में बिजली-वितरण में गड़बड़ी लगभग दो मास से चल रही है। गर्मी के इस मौसम में दोपहर को तीन-तीन घंटे तक बिजली गायब रहने पर हमें बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ता होगा, इसका अनुमान आप सहज ही लगा सकते हैं। रात्रि के समय विद्यार्धियों को पढ़ने में भारी असुविधा को झेलना पड़ता है। यहाँ के ट्रांसफार्मर इस क्षेत्र के विद्युत-भार को सहने के योग्य ही नहीं हैं। इन्हें बीस वर्ष पूर्व लगाया गया था। तब से बिजली की खपत तीन गुना बढ़ चुकी है।
अधिकारियों से विनम्र प्रार्थना है कि आप इस क्षेत्र की बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार के लिए अपेक्षित कदम उठाएँ, ताकि यहाँ बिजली की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इस सहयोग के लिए इस क्षेत्र के निवासी आपके अनुगृहीत होंगे। सधन्यवाद,
भवदीय
रामेश्वर शर्मा
सचिव
कमला नगर निवासी संघर्ष
दिनांक……..
30. निरंतर बढ़ती महँगाई की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए समाचार-पत्र के संपावक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
दैनिक वीर अर्जुन, बहादुरशाह ज़फर रोड, नई दिल्ली।
विषय : निरंतर बढ़ती महँगाई
महोद्य,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान बढ़ती हुई महँगाई की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ ताकि इस पर नियंत्रण पाने के कारगर उपाय किए जा सकें। कृपया इस पत्र को अपने समाचार-पत्र में प्रकाशित करने का कष्ट करें। वर्तमान समय में देश की मध्य एवं निम्न वर्गीय जनता मैंहगाई के बोझ तले दबती चली जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का दामों पर कोई नियन्त्रण रह ही नहीं गया है। जीवन उपयोगी सामान्य वस्तुओं के मूल्य निरंतर बढ़ते रहने की एक प्रवृत्ति सी बन गई है।
बच्चों के लिए दूध जुटा पाना सामान्य व्यक्ति की सीमा से बाहर हो गया है। सरकार उपक्रम (मदर डेयरी, डी.एम.एस) भी दाम बढ़ाने में किसी से कम नहीं हैं। साबुन, दालें, तेल, चीनी, मसाले आदि की कीमतें निरन्तर बढ़ रही हैं। सरकार के कान पर जूँ नहीं रेंगती। कोई भी मंत्री इस पर चिंता तक प्रकट नहीं करता। लगता है कि यह सब उनकी मिली भगत के परिणामस्वरूप ही हो रहा है। जनता के सब्र का बाँध टूट रहा है। समय रहते सरकार महँगाई पर काबू पाने के प्रयास करे, अन्यथा स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
सधन्यवाद,
भवदीय
मनोज मैंदीरत्ता, सचिव
उपभोक्ता सहकारी संघ, नई दिल्ली।
दिनांक.
31. अपने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर दैनिक पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली
विषय : पश्चिम दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था
महोद्य,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से दिल्ली सरकार का ध्यान पश्चिमी दिल्ली में बिगड़ती कानून और व्यवस्था की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है कि आप मेरा पत्र जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे।
पश्चिमी दिल्ली में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। यहाँ चोरों-डकैतों, भू-माफिया तथा प्रापरी डीलरों का साप्राज्य चलता है। दिन-दहाड़े घर में घुसकर वृद्ध स्त्री-पुरुषों की हत्या कर देना तो साधारण सी बात हो गई है। चोरियों की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। अनधिकृत निर्माण को प्रापर्टी डीलर और भू-माफिया मिलकर बढ़ावा दे रहे हैं। इस वातावरण में आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। पुलिस तो कानों में तेल डालकर बैठी रहती है।
सरकार के उच्च अधिकारियों से प्रार्थना है कि दिल्ली को भारत की राजधानी के अनुरूप बनाने के लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति में तुरंत सुधार लाने का शीघ्र प्रयास करें।
सधन्यवाद,
भवदीय
युवराज मैदीरत्ता
संयोजक
नेहरू विचार मंच
दिनांक…..
32. अपने घर के पास के पार्क की दुर्दशा सुधारने के लिए किसी दैनिक-पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
विषय : हरीनगर के पार्क की दुर्दशा
महोदय,
मैं हरीनगर, नई दिल्ली के सी-ब्लॉक के पार्क की दुर्दशा की ओर दिल्ली सरकार का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है कि आप जनहित में मेरा पत्र प्रकाशित कर कृतार्थ करेंगे।
इस पार्क के रख-रखाव की कोई उचित व्यवस्था नहीं है यह पार्क निकटवर्ती के लगभग पाँच हजार मकानों के मध्य है। यहाँ लोग प्रायः कालीन सैर एवं व्यायाम करने आते हैं, जो इसकी दुर्दशा देखकर दुखी होते हैं। दिल्ली विकास प्राधिकरण इस पार्क को शादियों के लिए किराए पर देता है और मोटी रकम वसूलता है। शादी के उपरांत फैली गंदगी को साफ कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। लगभग एक सप्ताह तक यह पार्क दुर्गंधमय रहता है। सफाई के लिए अलग से राशि ली जाती है, पर काम नहीं होता। संबंधित अधिकारियों का ध्यान कई बार लिखित रूप में आकर्षित किया गया है, पर उनके कानों पर जूँ तक नहीं रेंगती। आपके माध्यम से मैं दिल्ली सरकार का ध्यान एक बार पुन: इस समस्या की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है, इस दिशा में कोई उचित कार्यवाही अवश्य की जाएगी।
सधन्यवाद,
भवदीय
प्रशांत मल्होत्रा, सचिव
सी. ब्लॉक रैजीडेंट्स संघ
दिनांक……..
33. किसी दैनिक समाचार-पत्र के सम्पादक के नाम पत्र लिखिए, जिसमें विल्ली में बढ़ते ध्वानि प्रदूषणों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया हो।
सेवा में,
सम्पादक,
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
विषय : बढ़ता ध्वनि-प्रदूषण
महोदय,
मैं आपके दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान दिल्ली के बढ़ते ध्वनि प्रदूषण की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है कि आप जनहित में मेरा पत्र अवश्य प्रकाशित करेंगे।
आजकल दिल्ली में वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ती चली जा रही है। इन सभी वाहनों में आगे जाने की होड़ मची रहती है। अत: थोड़ी ही देर होने पर ये प्रेशर हॉर्न बजाने लगते हैं। इससे चौराहों पर ध्वनि-प्रदूषण होने लगता है। जिन चौराहों पर हॉर्न बजाने की मनाही है, वहाँ भी खूब हॉर्न बजाए जाते हैं। इस ध्वनि के कारण कान एवं ह्रदय रोगों की वृद्धि हो रही है। पाँच-दस किलोमीटर जाना भी अत्यंत तनावपूर्ण हो गया है।
मैं सरकार से प्रार्थना करता हूँ कि यातायात को इस ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए सख्ती बरतने के लिए कहे तथा नियम उल्लंघन करने वालों को दंडित करें।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
संजय, (सचिव) राजौरी गार्डन निवासी संघ,
नई दिल्ली
दिनांक…..
34. भ्रष्टाचार के संबंध में अपने विचार प्रकट करते हुए संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
दैनिक हिंदुस्तान, नई दिल्ली।
विषय : बढ़ता भ्रष्टाचार
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से भारत सरकार का ध्यान भ्रष्टाचार की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ ताकि आम जनता को मुक्ति मिल सके। आशा है कि मेरे विचार आप जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे।
भ्षष्टाचार एक खुली लूट
आज समाज के प्रत्येक क्षेत्र में भ्रष्टाचार का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। सरकार के किसी भी कार्यालय में चले जाइए, बिना रिश्वत दिए आपका कोई काम नहीं होगा। कर्मचारी इतने ढीठ हो गए हैं कि वे इसे खुले रूप में ‘सेवा-शुल्क’ कहकर माँगते हैं। पहले किसी गलत काम को करवाने के लिए रिश्वत दी जाती थी, पर अब तो सही काम को करवाने के लिए भी रिश्वत माँगी जाती है। आम व्यक्ति का जीना दूभर होता चला हा रहा है। नियमानुसार कार्य होने की संभावना 5 प्रतिशत मामलों में ही रह गई है। भ्रष्टाचार का एक दूसरा पहलू भी है। इससे हमारा नैतिक पतन हो रहा है। मानवीय मूल्य समाप्त होते जा रहे हैं। नई पीढ़ी नैतिकता को उपहास के अतिरिक्त और कोई महत्त्व नहीं देती। यह स्थिति निश्चय ही चिन्ताजनक है।
मेरा सरकार से अनुरोध है कि प्रशासन को चुस्त और दुरुस्त बनाए और यह सुनिश्चित करे कि लोगों के सही काम एक सीमा के अंदर पूरे किए जाएँ, तभी सरकार की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
धन्यवाद सहित.
भवदीय
कपिल जैन, उत्तर प्रदेश
दिनांक …….
35. किसी दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देते हुए पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
विषय : सड़क दुर्घटनाएँ
मान्यवर,
मैं आपके दैनिक लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार एवं जनता की ध्यान बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। कृपया मेरा पत्र जनहित में अवश्य प्रकाशित करें।
इन दिनों दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं की बाढ़-सी आई हुई है। वाहन-चालक यातायात के नियमों का खुला उल्लंघन करते हैं। उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। मेरे कुछ सुझाव हैं-
(1) प्रात: 8 से 11 बजे तक तथा सायं 5 से 8 बजे तक सभी व्यस्त चौराहों पर यातायात पुलिस के सिपाही रहें व नियम का उल्लंघन करने वालों का चालान करें।
(2) दो बार से अधिक नियम भंग करने पर चालक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया जाए।
(3) जनता को निश्चित गति सीमा में ही अपने वाहन चलाने चाहिए।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
मनोज मैंदीरत्ता राजौरी गार्डन, नई दिल्ली
दिनांक……..
36. हिन्दी में लिखे सार्वजनिक सूचना-पट्टों पर अशुद्ध हिन्दी देखने को मिलती है। इस ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए उदाहरण देते हुए संपादक के नाम एक पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
दैनिक हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।
विषय : सार्वजनिक सूचना पट्टों पर अशुद्ध हिंदी का प्रयोग
महोद्य,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से बताना चाहता हूँ कि सार्वजनिक सूचना पट्टों पर अशुद्ध हिंदी लिखी होती है। इसे देखकर मन को भारी कष्ट होता है।
सार्वजनिक सूचना-पट्ट आम जनता के लिए लगाए जाते हैं। इन पर अशुद्ध भाषा का प्रयोग लोगों को गलत हिंदी प्रयोग सिखाता है। प्राय: ये शब्द गलत लिखे होते है :
सुचना, श्रीमति, आर्शीवाद आदि। मेरा निवेदन है कि सूचनापट्टों पर लिखते समय वर्तनी की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
अरुण सिंह
दिनांक….
37. किसी दैनिक पत्र के संपादक के नाम एक पत्र लिखिए जिसमें आपके इलाके में फैली हुई गंदगी का उल्लेख किया गया हो।
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
दैनिक वीर अर्जुन, नई दिल्ली।
विषय : रोहतक नगर में फैल गंदगी
महाशय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र द्वारा रोहतक नगर की दुर्दशा के सम्बन्ध में जिला प्रशासक का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ। नगर की अधिकांश सड़के टूटी हैं। सड़कों के गड्ढ़ों में पानी भरा रहता है। इसमें मच्छरों की भरमार हो गई है, जिसके कारण सारे नगर का वातावरण प्रदूषित होता चला जा रहा है। इन सड़कों पर प्रतिदिन दुर्घटनाएँ होती रहती हैं, पर प्रशासन के अधिकारियों के कानों पर जूँ नहीं रेंगती। हरियाणा के इस ऐतिहासिक नगर की ऐसी दुर्दशा देखकर कलेजा मुँह को आता है।
रोहतक में जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अस्पताल में घोर अनियमितताएँ बरती जा रही हैं। सामान्य वर्ग के रोगियों की उपेक्षा करके चंद प्रभावशाली लोगों को ही यहाँ चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है। गरीब आदमी की यहाँ कोई नहीं सुनता। उसे न तो डॉक्टर देखते हैं और न उसे दवा ही मिलती है। यही कारण है कि यहाँ प्राइवेट डाक्टरों की चाँदी हो रही है। प्रशासन अपने कार्यों के दावे तो बहुत लंबे-चौड़े करता है, पर वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है।
मैं इस पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन से अनुरोध करता हूँ कि जनहित में कायों के प्रति उपेक्षा का भाव त्यागकर लोगों को सुविधाएँ प्रदान करें।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रवीन्द्र
295 , स्टेशन रोड, रोहतक (हरियाणा)
दिनांक….
38. आतंकवाद की समस्या पर अपने विचार प्रकट करते हुए ‘जनजागरण’ पत्रिका के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
‘नवजागरण’ साप्ताहिक पत्रिका, इंदौर।
विषय : आतंकवाद की समस्या
महोदय,
मैं आपकी लोकप्रिय पत्रिका के माध्यम से सरकार और जनता के सम्मुख आतंकवाद की समस्या पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ। आशा है, आप जनहित में हन्हें प्रकाशित कर कृतार्थ करेंगे।
आतंकवाद ने हमारे देश की प्रगति पर प्रश्न-चिह्न लगा दिया है। देश की अधिकांश शक्ति और धन को इसे रोकने के उपायों पर खर्च किया जा रहा है। सारे देश में एक भय-सा व्याप्त हो गया है। कश्मीर और पूर्वी राज्य अभी भी आतंकवाद के चंगुल से छूट नहीं पाए हैं। पंजाब में अवश्य इस पर काबू पाया जा सका है। अब तक आतंकवादियों को यह बात भली प्रकार समझ आ जानी चाहिए कि इससे उनका कुछ भला नहीं होने वाला है। इस आतंकवाद ने कश्मीर के पर्यटन-उद्योग को चौपट करके रख दिया है। तमिलनाडु में भी आतंकवाद की छाया बनी रहती है।
सरकार को आतंकवादियों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए। एक बार दृढ़ इच्छा-शक्ति से इसे जड़ से मिटाया जा सकता है। इस कार्य में राजनीतिक दखलंदाजी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
सभी राजनीतिक दलों को दलगत भावना से ऊपर उठकर आतंकवाद को रोकने के उपायों पर आम सहमति व्यक्त करनी चाहिए।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
उपेन्द्र श्रीवास्तव, चौरा बाजार, झबुआ
दिनांक……..
39. किसी समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखकर गाँवों में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव का उल्लेख कीजिए।
सेवा में
संपादक,
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली
महोदय,
विषय : गाँवों में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान भारत के गाँवों में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है आप जनहित में मेरा पत्र प्रकाशित कर कृतार्थ करेंगे।
भारत गाँवों का देश है। भारत की 70 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। इन लोगों की खोज-खबर लेने वाला कोई नहीं है। गाँवों के लोग चिकित्सा सुविधाओं के अभाव की समस्या से जूझ रहे हैं। यद्यपि ‘प्रधानमंत्री आयुष योजना’ लागू है, पर इसका फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। गाँवों में जब चिकित्सालय ही नहीं हैं तो फिर इस योजना का लाभ ही क्या है ? आवश्यकता इस बात की है कि गाँवों में अस्पताल खोले जाएँ।
इन अस्पतालों में बेसिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ। यदि मरीज को ऊँचे अस्पताल की आवश्यकता हो तो वहीं से सीधे शहर के अस्पताल में भिजवा दिया जाए। ग्रामीणों के पास शहर जाकर स्वयं इलाज कराना संभव नहीं है। उनके साधन सीमित हैं। डॉक्टरों को 2-3 वर्ष की ग्रामीण सेवा करनी अनिवार्य कर देनी चाहिए तभी डॉक्टर गाँवों में जा सकेंगे। शूगर, ब्लड-प्रेशर, हड्डी रोग, पेट की बीमारियों आदि का इलाज गाँव स्तर पर ही किया जाना सुनिश्चित किया जाए। सरकार को इस दिशा में व्यावहारिक नीति अपनानी होगी, तभी गाँव वालों की चिकित्सा सुविधाएँ मिल पाएँगी। आशा है सरकार (केन्द्र और राज्य दोनों) इस दिशा में सक्रिय कदम उठाएँगी।
सधन्यवाद।
भवदीय
रतनलाल शर्मा, सचिव, ग्रामीण सुधार समिति, पलवल (हरियाणा)
दिनांक…….
स्ववृत्त लेखन (Bio-Data)
स्ववृत्त क्या है ?
जब कोई बेरोजगार युवक/युवती किसी रिक्त हेतु आवेदन-पत्र प्रस्तुत करता/करती है, तब उसे आवेदन-पत्र के साथ स्ववृत्त भेजना पड़ता है। कंपनी स्ववृत्तों के आधार पर उपयुक्त उम्मीदवार का चयन करती है।
- स्ववृत्त की तुलना हम उम्मीदवार के दूत या प्रतिनिधि से कर सकते हैं। जिस प्रकार एक अच्छा दूत या प्रतिनिधि अपने स्वामी का एक सुंदर और आकर्षक चित्र प्रस्तुत करता है, उसी प्रकार एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पन्न करता है।
- एक अच्छा स्ववृत्त किसी चुंबक की तरह होता है जो नियुक्तिकर्ता को आकर्षित कर लेता है।
- नौकरी पाने में योग्यता के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है।
- पहली लड़ाई तो हमारा स्ववृत्त हमारे लिए लड़ता है। इस लड़ाई में जीतने के बाद ही खुद लड़ने की बारी आती है।
- यदि स्ववृत्त कमजोर हुआ तो लड़ाई शुरू में ही खत्म हो जाती है।
स्ववृत्त के बारे में जानने योग्य बातें
– स्ववृत्त के दो पक्ष होते हैं-
पहले पक्ष में वह व्यक्ति होता है जिसको केन्द्र में रखकर सूचनाएँ संकलित की जाती हैं।
दूसरा पक्ष उस व्यक्ति या संस्था का होता है जिसके लिए या जिसके प्रयोजन को ध्यान में रखकर सूचनाएँ जुटाई जाती हैं।
पहला पक्ष है-उम्मीदवार और दूसरा पक्ष है-नियोक्ता।
- स्ववृत्त में ईमानदारी बरतनी चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिश्योक्ति से बचना चाहिए।
- स्ववृत्त की भाषा-स्ववृत्त में आलंकारिक भाषा की गुंजाइश नहीं होती। अतः इसकी भाषा-शैली सरल, सीधी, सटीक और साफ होनी चाहिए।
- स्ववृत्त का आकार न तो जरूरत से अधिक लंबा हो और न ज्यादा छोटा। स्ववृत्त दो-तीन पृष्ठों से अधिक लंबा नहीं होना चाहिए।
- स्ववृत साफ़-सुथरे ढंग से टंकित या कंप्यूटर-मुद्रित होना चाहिए। व्याकरण संबंधी भूलों को दूर कर लेना चाहिए।
स्ववृत्त में क्या-क्या लिखा जाना चाहिए ?
- उम्मीदवार का नाम
- पिता का नाम/माता का नाम
- जन्मतिथि
- पत्र-व्यवहार का पता
- टेली. नं./मो. न.ं.ई-मेल
- शैक्षणिक योग्यताएँ
- प्रशिक्षण
- उपलब्धियाँ
- कार्यानुभव
- कार्येत्तर गतिविधियाँ
ध्यान दें –
- शैक्षणिक योग्यता संबंधी सूचनाएँ एक सारिणी (Table) के रूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए।
- इसमें डिग्री या डिप्लोमा का विवरण, स्कूल/कॉलेज का नाम, बोर्ड या विश्वविद्यालय का नाम, संबंधित परीक्षा का वर्ष, परीक्षा के विषय, प्राप्तांक प्रतिशत और श्रेणी का उल्लेख होना चाहिए।
- कार्येत्तर गतिविधियों का उल्लेख करना इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे नियोक्ता को उम्मीदवार के व्यक्तित्व के बारे में अच्छी जानकारियाँ मिल जाती हैं।
- खेलों/भाषण/वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का अवश्य उल्लेख करना चाहिए। इससे उम्मीदवार की टीम भावना या वाक्-पटुता की जानकारी मिल जाती है।
- स्ववृत्त में दो-तीन ऐसे प्रतिष्ठित लोगों के नाम-पते दिए जाने चाहिएँ जो उम्मीदवार के बारे में जानते तो हों, पर उसके रिश्तेदार न हों।
कॉलेज/स्कूल से निकले उम्मीदवार को अपने प्रिंसिपल या प्रोफेसर के नाम-पते देने चाहिएँ।
स्ववृत्त का एक नमूना
- नाम : रमेश चंद्र शर्मा
- पिता का नाम : श्री रामकृष्ण शर्मा
- माता का नाम : श्रीमती नीलम शर्मा
- जन्मतिथि : 5 फरवरी, 1995
- वर्तमान पता : सी-5/70, जनकपुरी, नई दिल्ली-110058
- स्थायी पता : वही
- टेलीफोन नं. : 25527408
- मोबाईल नं. : 9846252787
- ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ :
मेरा स्ववृत्त इस आवेदन-पत्र के साथ संलग्न है।
इसका अवलोकन करके आप पाएँगे कि मैं इस पद के लिए पूरी तरह से उपयुक्त उम्मीदवार हूँ। मैं विज्ञापन में आपके द्वारा वर्णित सभी योग्यताओं और अर्हताओं को पूरा करता हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
(क) मैं प्रारंभ से ही विज्ञान के प्रति रूचि रखने वाला विद्यार्थी रहा हूँ। मैंने विज्ञान में प्रथम श्रेणी में ऑनर्स की उपाधि प्राप्त की है।
(ख) मैंने एक प्रतिष्ठित संस्थान में मार्केटिंग में प्रथम श्रेणी में एम.बी.ए. किया है। मुझे माकेट्टिंग के सभी पहलुओं का सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान है।
(ग) मैं कार्य गोष्ठियों. सेमिनारों में स्वयं को अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओं में सफल प्रस्तुति देने में सक्षम हूँ।
(घ) क्रिकेट टीम का कप्तान होने के कारण मुझमें नेतृत्व क्षमता पर्याप्त है।
(ङ) मैं उद्योग व्यवसाय जगत की पत्रिकाओं में निरंतर लेख लिखता रहता हूँ।
मैं आपको पूरी तरह से आश्वस्त कराना चाहता हूँ कि कंपनी को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सफल हो पाऊँगा।
अनुरोध है कि उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आप मेरे आवेदन-पत्र पर सकारात्मक रूप से विचार कर मुझे कंपनी में सेवा करने का अवसर प्रदान करेंगे।
ध्यान दें : यह स्ववृत्त आवेदन-पत्र के साथ भेजा जाना चाहिए। आवेदन-पत्र के माध्यम से उम्मीदवार आवेदित पद के लिए अपनी योग्यता और गंभीरता के प्रति नियोक्ता का विश्वास जगाता है। इसकी विषय-वस्तु अन्य आवेदन-पत्रों से भिन्न होती है।
आवेदन-पत्र के मुख्यतः चार भाग होते हैं-
- पहला भाग-भूमिका होता है। इसमें उम्मीदवार विज्ञापन और विज्ञापित पद का हवाला दते हुए अपनी उम्मीदवारी की इच्छा प्रकट करता है।
- दूसरे भाग में उम्मीदवार यह बताता है कि वह विज्ञापन में वर्णित योग्यताओं और आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है।
- तीसरे भाग में उम्मीदवार पद और संस्थान के प्रति अपनी रूचि और गंभीरता को अभिव्यक्त करता है।
- चौथे भाग में उपसंहार यानी आवेदन-पत्र की विषय-वस्तु का औपचारिक समापन होता है।
40. राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, दिल्ली के सचिव को लिपिक (क्लर्क) पद हेंतु आवेदन-पत्र लिखिए।
सेवा में,
सचिव,
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र,
नई दिल्ली।
विषय : लिपिक (क्लर्क) के पद हेतु आवेदन-पत्र
महोद्य,
मुझे ‘नवभारत टाइम्स’ में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपके कार्यालय को कुछ लिपिकों की आवश्यकता है। मैं भी इस पद हेतु अपनी सेवाएँ प्रस्तुत करता हूँ। मेरा विवरण निम्नलिखित है:
1. नाम : मदन मोहन शर्मा
2. पिता का नाम : श्री राधे लाल शर्मा
3. जन्मतिथि : 10.3.1998
4. घर का पता : 5/632, अलीगंज, नई दिल्ली। (मो. 9876428620)
5. शैद्षिक योग्यताएँ –
मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूँ कि मैं आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरूँगा।
सधन्यवाद।
आवेदक
मदन मोहन शर्मा
दिनांक: ……..
(संलग्न-शैक्षणिक योग्यताओं की फोटोस्टेट कॉपी)
41. हिंदी टंकक के लिए आवेदन-पत्र
सेवा में,
निदेशक
राजभाषा विभाग
गृह मंत्रालय,
लोकनायक भवन,
नई दिल्ली-110003
विषय : हिंदी टंकक पद के लिए आवेदन-पत्र
महोदय,
निवेदन है कि आपके मंत्रालय द्वारा 25 सितंबर, 2019 के ‘नवभारत टाइम्स’ में हिंदी टंकक के पद हेतु आवेदन-पत्र आमंत्रित किए गए हैं। इस संदर्भ में मैं अपना आवेदन भेज रहा हूँ। मेरा स्ववृत्त (बायोडाटा) इस प्रकार है –
1. नाम – रवि कुमार
2. पिता का नाम – श्री संपत कुमार
3. जन्मतिथि – 20.5 .1998
4. घर का पता – 13/905, शास्त्री नगर, नई दिल्ली।
5. शैक्षिक योग्यता-
6. तकनीकी योग्यता-
7. कार्यानुभव
उपर्युक्त विवरण से संबंधित सभी प्रमाण पत्रों की एक-एक फोटो प्रतिलिपि संलग्न है।
भवदीय
(हस्ता.)
रवि कुमार
दिनांक 30 सितंबर, 20….
42. पुस्तकालय सहायक के लिए आवेदन-पत्र
विलासराव पाटिल,
1632, महादेव पेठ, पुणे – 411030
दिनांक 25 सितंबर, 20….
सेवा में,
प्रधानाचार्य
केंद्रीय विद्यालय नं. 1
आर.एस. नेवी नगर, कुलाबा, मुंबई- 400005
विषय : पुस्तकालय सहायक के पद हेतु आवेदन-पत्र
महोद्य,
दैनिक ‘हिंदुस्तान’ दिनांक 23 सितंबर, 20….. में प्रकाशित आपके विज्ञापन के संदर्भ में पुस्तकालय सहायक पद के लिए मैं अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।
मैंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, दिल्ली (C.B.S.E.) से 12 वीं कक्षा प्रथम श्रेणी में 67 \% अंक लेकर वर्ष 20… में उत्तीर्ण की है। इसके पश्चात् मैंने पुस्तकालय विज्ञान में एक वर्ष का डिप्लोमा पाठ्यक्रम द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण किया है।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं पूर्ण निष्ठा एवं लग्न से कार्य करूँगा।
धन्यवाद सहित
भवदीय
हस्ताक्षर ………
(विलासराव पाटिल)
संलग्नक : प्रमाणपत्रों की फोटो प्रति।
दस्ताक्षर
नाम
दिनांक :
43. हरियाणा ट्रेडर्स, चंडीगढ़ के मुख्य कार्यालय में एक टेलीफोन आपरेटर की आवश्यकता है। उम्मीदवार ने विज्ञान विषय के साथ-साथ सीनियर सेकेंडरी या समकक्ष परीक्षा अच्छे अंको में उत्तीर्ण की हो तथा टेलीफोन आपरेटर का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया हो। इस विज्ञापन के संदर्भ में नियुक्ति हेतु आवेदन-पत्र प्रस्तुत कीजिए।
अजय कुमार .
एल-204, सेक्टर-22
फरीदाबाद (हरियाणा)
दिनांक 25 अगस्त, 2019
सेवा में
प्रबंधक
हरियाणा ट्रेडर्स (मुख्य कार्यालय)
चंडीगढ़।
विषय : टेलीफोन ऑपरेटर के पद हेतु आवेदन-पत्र
महोदय,
‘दैनिक ट्रिब्यून’ दिनांक 23 अगस्त, 2018 में प्रकाशित आपके विज्ञापन के संदर्भ में टेलीफोन ऑपरेटर के पद हेतु मैं अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।
मेरा विवरण निम्नलिखित है :
नाम : अजय कुमार
पिता का नाम : श्री निरंजन कुमार
पता : एल-204, सेक्टर-22, फरीदाबाद (हरियाणा)
जन्मतिथि : 20 जुलाई, 2000
शैक्षिक योग्यताएँ :
कार्यानुभव : गत तीन वर्षों से जे. पी. एच. में टेलीफोन ऑपरेटर पद पर कार्यरत।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मुझे इस पद पर सेवा करने का अवसर अवश्य प्रदान करेंगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
(अजय कुमार)
संलग्नक : प्रमाणपत्रों की फोटोप्रतियाँ।
44. आंध्र बैंक, हैदराबाद कार्यालय सहायक पद हेतु आवेदनपत्र आमंत्रित करता है। उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बी. कॉम. या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो। अनुभवी उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाएगी। इस विज्ञापन के संदर्भ में आवेदनपत्र प्रस्तुत कीजिए।
आर नारायणन
बी. 36 साकेत, नई दिल्ली।
दिनांक 12 जुलाई. 20……
सेवा में
प्रबंधक
आंध्र बैंक, हैदराबाद (आ.प्र.)
विषय : कार्यालय सहायक के पद हेतु आवेदन पत्र
महोदय,
निवेदन है कि आपके कार्यालय द्वारा 10 जुलाई, 2019 के ‘आंध्र टाइम्स’ में प्रकाशित विज्ञापन के प्रत्युत्तर में मैं अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा स्ववृत्त इस प्रकार है-
1. नाम : आर. नारायणन
2. पिता का नाम : श्री गोपाल स्वामी नारायणन
3. जन्मतिथि : 20 जून, 1998
4. घर का पता : डी-25
5. शैक्षिक योग्यता-
कार्यानुभव-दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक, दिल्ली में कार्यालय सहायक के पद पर गत तीन वर्षो 2019 से अब तक कार्यरत। उपर्युक्त विवरण से संबंधित सभी प्रमाणपत्रों की फोटो प्रतियाँ संलग्न हैं।
भवदीय
हस्ताक्षर ……
(आर. नारायणन)
45. भारतीय स्टेट बैंक की जोधपुर शाखा को कुछ कार्यालय सहायकों की आवश्यकता है। बैंक के मैनेजर को इस पद के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
सेवा में.
बैंक मैनेजर, भारतीय स्टेट बैंक, जोधपुर (राजस्थान)
विषय -कार्यालय सहायकों की भर्ती महोदय,
कल दिनांक ……………….. के नवभारत टाइम्स में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपके बैंक को कुछ कार्यालय सहायकों की आवरयकना है। मैं इस कार्य के लिए स्वयं को उपयुक्त उम्मीदवार मानता हूँ। योग्यताओं सहित मेरा विवरण निम्नलिखित है :
नाम : अजय कुमार शर्मा
पिता का नाम : श्री रामदत्त शर्मा
जन्मतिथि : 15.09.1998
पता : 5/16, राम नगर, जोधपुर (राजस्थान)
शैक्षणिक योग्यताएँ :
1. दसवीं कक्षा – के.मा.शि. बोर्ड 2014 ई. में 72 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
2. बारहवीं कक्षा – ‘वाणिज्य वर्ग’ से 2016 में के.मा. शि. बोर्ड से 68 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
3. बी.काम. – राजस्थान विश्वविद्यालय से 2019 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।
4. कंप्यूटर पाठ्यक्रम (एक वर्षीय) 2019 में पूरा किया।
आशा है आप मुझे अवसर प्रदान कर कृतार्थ करेंगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
नय कुमार शर्मा
दिनांक
46. दिल्ली नगर निगम में सहायक पद के लिए स्ववृत्त सहित आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा में
निगमायुक्त,
दक्षिण नगर निगम,
राजौरी गार्डन, नई दिल्ली
विषय : कार्यालय सहायकों की भर्ती
महोदय,
दैनिक ‘हिंदुस्तान’ दिनांक 23 जनवरी, 20 …. में प्रकाशित आपके विज्ञापन के संदर्भ में कार्यालय सहायक पद के लिए मैं अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।
मैंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, दिल्ली (C.B.S.E.) से 12 वीं कक्षा प्रथम श्रेणी में 72% अंक लेकर वर्ष 20… में उत्तीर्ण की है। इसके पश्चात् मैंने कम्प्यूटर विज्ञान में एक वर्ष का डिप्लोमा पाठ्यक्रम द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण किया है।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं पूर्ण निष्ठा एवं लग्न से कार्य करूँग।।
धन्यवाद सहित
भवदीय
हस्ताक्षर ………
(विलासराव गुप्ता)
संलग्नक : प्रमाणपत्रों की फोटो प्रति।
हस्ताक्षर :
नाम :
दिनांक :
47. ‘शारदा शिक्षा निकेतन’ संस्थान दिल्ली को पुस्तकालय सहायकों की आवश्यकता है। इस पव के लिए संस्थान के निदेशक को पत्र लिखिए।
अभिमन्यु पाटिल, ए- 51, मानसरोवर गार्डन, दिल्ली
दिनांक :
सेवा में
निदेशक
शारदा शिाा निकेतन
दिल्ली।
विषय : पुस्तकालय सहायक के पद हेतु आवेदन-पत्र।
महोद्य,
दैनिक ‘हिंदुस्तान’ दिनांक 23 सितंबर, 20….. में प्रकाशित आपके विज्ञापन के संदर्भ में पुस्तकालय सहायक पद के लिए मैं अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।
मैंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, दिल्ली (C.B.S.E.) से 12 वीं कक्षा प्रथम श्रेणी में 67% अंक लेकर वर्ष 20….. में उत्तीर्ण की है। इसके पश्चात् मैंने पुस्तकालय विज्ञान में एक वर्ष का डिप्लोमा पाठ्यक्रम द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण किया है।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं पूर्ण निष्ठा एवं लग्न से कार्य करूँगा।
धन्यवाद सहित
भवदीय
हस्ताक्षर ………
(अभिमन्यु पाटिल)
संलग्नक : प्रमाणपत्रों की फोटो प्रति।
हस्ताक्षर
नाम
दिनांक :
48. निरमा वाशिंग पाउडर को घर-घर जाकर प्रचार करने वाले युवाओं की आवश्यकता है जो दसवीं पास हों और प्रभावशाली ढंग से बातचीत कर सकते हों। इसके लिए अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए निरमा लिमिटेड, निरमा हाऊस, आश्रम रोड़, अहमदाबाद- 380009 के प्रबन्धक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रबंधक,
निरमा वाशिंग पाउडर, निरमा हाऊस, आश्रम रोड़, अहमदाबाद- 380009
विषय : प्रचार करने वाले युवाओं की भर्ती
मान्यवर,
आज दिनांक ………. के ‘नवभारत टाइम्स’ समाचार-पत्र में प्रकाशित विज्ञान में आपकी कंपनी ने घर-घर जाकर प्रचार करने वाले युवाओं से आवेदन-पत्र आमंत्रित किए हैं।
मैं इस कार्य के लिए स्वयं को उपयुक्त उम्मीदवार मानता हूँ। योग्यताओं सहित मेरा विवरण निम्नलिखित है :-
नाम : अजय कुमार शर्मा
पिता का नाम : श्री रामदत्त शर्मा
जन्मतिथि : 15.09 .1999
पता : 5 / 16, राम नगर, दिल्ली।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
1. दसवीं कक्षा-के. मा. शि. बोर्ड से 2015 ई. में 72 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
2. बारहवीं कक्षा – ‘व्यावसायिक वर्ग’ से 2017 में के. मा. शि. बोई से 68 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कार्य अनुभव-गत तीन वर्ष से ‘सनराइज सेल्स कारपोरेशन’ में प्रचार-विभाग में कार्यरत। आशा है आप मुझे सेवा का अवसर अवश्य प्रदान करेंगे।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
अजय शर्मा
दिनांक……
49. साक्षरता-निकेतन, आलम बाग, लखनऊ को एक पुस्तकालय सहायक की आवश्यकता है जो बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण हो और पुस्ताकालय-विज्ञान में डिप्लोमाधारी हो। इस पद के लिए राधिका सिंह की ओर से आवेदन-पत्र संस्था के निदेशक को लिखिए।
सेवा में
निदेशक,
साक्षरता निकेतन, आलम बाग, लखनऊ।
विषय-पुस्तकालय-सहायक पद हेतु आवेदन-पत्र।
महोदय,
कल दिनांक ………… के दैनिक समाचार-पत्र ‘नवभारत टाइम्स’ में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपके पुस्तकालय में एक पुस्तकालय सहायक की आवश्यकता है। इसके लिए मैं अपनी सेवाएँ प्रस्तुत करता हूँ। मेरा विवरण निम्नलिखित है –
नाम : कुमारी राधिका सिंह
पिता का नाम : श्री निरंजन कुमार सिंह
जन्म तिथि : 20 जनवरी, 1999
पता : 5 / 2, जीवन पार्क, नई दिल्ली।
शैक्षणिक यौग्यताएँ –
1. के. मा. शि. बोर्ड से 2014 ई. में दसवीं कक्षा 72 प्रतिशत अंक लेकर उत्तीर्ण की।
2. के. मा. शि. बोर्ड से 2016 ई. में बारहवीं कक्षा 71 प्रतिशत अंक लेकर उतीर्ण की।
3. दो वर्षीय पुस्तकालय विज्ञान में डिप्लोमा 2017-2019 मेरठ विश्वविद्यालय से।
कार्यानुभव –
गत एक वर्ष में राष्ट्र शक्ति विद्यालय में पुस्तकालय सहायक के पद पर कार्यरत। आशा है, आप मुझे सेवा का अवसर प्रदान कर कृतार्थ करेंगे।
सधन्यवाद,
भवदीया
राधिका सिंह
दिनांक…..