Bibhatsa Rasa - बीभत्स रस परिभाषा, भेद और उदाहरण - हिन्दी व्याकरण
Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.Bibhatsa Rasa – बीभत्स रस परिभाषावीभत्स रस का स्थायी भाव जुगुप्सा या घृणा है। अनेक विद्वान् इसे सहृदय के अनुकूल नहीं मानते हैं, फिर भी जीवन में जुगुप्सा या घृणा उत्पन्…
Bhayanak Ras - भयानक रस परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण
Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.Bhayanak Ras – भयानक रस परिभाषाभयानक रस – भयप्रद वस्तु या घटना देखने सुनने अथवा प्रबल शत्रु के विद्रोह आदि से भय का संचार होता है। यही भय स्थायी भाव जब विभाव, अनुभाव…
Raudra Ras - रौद्र रस परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण
Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.Raudra Ras – रौद्र रस परिभाषारौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध है। विरोधी पक्ष द्वारा किसी व्यक्ति, देश, समाज या धर्म का अपमान या अपकार करने से उसकी प्रतिक्रिया में जो क्रोध उत्…
Veer Ras - वीर रस परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण
Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.Veer Ras – वीर रस परिभाषायुद्ध अथवा किसी कठिन कार्य को करने के लिए हृदय में निहित ‘उत्साह’ स्थायी भाव के जाग्रत होने के प्रभावस्वरूप जो भाव उत्पन्न होता है, उसे वीर रस …
Karun Ras, करुण रस परिभाषा, भेद और उदाहरण - हिन्दी व्याकरण
Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.Karun Ras – करुण रस परिभाषादुःख या शोक की संवेदना बड़ी गहरी और तीव्र होती है, यह जीवन में सहानुभूति का भाव विस्तृत कर मनुष्य को भोग भाव से धनाभाव की ओर प्रेरित करता…
Hasya Ras - हास्य रस परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण
Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.Hasya Ras – हास्य रस परिभाषाविकृत वेशभूषा, क्रियाकलाप, चेष्टा या वाणी देख-सुनकर मन में जो विनोदजन्य उल्लास उत्पन्न होता है, उसे हास्य रस कहते हैं। हास्य रस का स्थायी भाव…
Shringar Ras - श्रृंगार रस परिभाषा, भेद और उदाहरण - हिन्दी व्याकरण
Learn Hindi Grammar online with example, all the topic are described in easy way for education.श्रृंगार रस परिभाषाआचार्य भोजराज ने ‘शृंगार’ को ‘रसराज’ कहा है। शृंगार रस का आधार स्त्री-पुरुष का पारस्परिक आकर्षण है, जिसे काव्यशास्त्र में रति स्थायी भाव कहते हैं। जब …