Bhav/Bhu Dhatu Roop In Sanskrit - भू/भव् धातु के रूप की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)

Bhu Dhatu Roop In Sanskrit – भू/भव् धातु के रूप

भू /भव् (-होना) – Bhoo/Bhav (Hona)

भू/भव् धातु रूप: ‘भू’ धातु की रूपावलि दस लकारों में दी जाती है। ‘भू’ धातु का अर्थ है ‘होना’। लकारों के भेद के कारण इसके रूप और अर्थ (काल-बोध कराने की दृष्टि से) बदलते जाएँगे- 1. लट्-भवति (होता है), 2. लुङ्-अभूत् (हुआ), 3. लङ्-अभवत् (आज के पहले हुआ), 4. लिट्-बभूव (बहुत पहले हुआ), 5. लुट्-भविष्यति (होगा), 6. लुट् भविता (आज के बाद होगा), 7. लुङ्-अभविष्यत् (यदि होगा), 8. लोट-भवतु (होओ, होइए), 9. विधिलिङ्-भवेत् (हो, हों, होवे), 10. आशीर्लिङ्-भूयात् (हुआ करे)।

लट् लकार (वर्तमानकाल) – Latkar (Present Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष भवति भवतः भवन्ति
मध्यम पुरुष भवसि भवथः भवथ
उत्तम पुरुष भवामि भवावः भवामः

लुङ् लकार (सामान्य भूतकाल) – Lukaar (Common Past Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष अभूत् अभूताम् अभूवन्
मध्यम पुरुष अभूः अभूतम् अभूत
उत्तम पुरुष अभूवम् अभूव अभूम

लङ् लकार (अनद्यतन भूतकाल) – Llkar (Past Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष अभवत् अभवताम् अभवन्
मध्यम पुरुष अभवः अभवतम् अभवत
उत्तम पुरुष अभवम् अभवावअभवाम

लिट् लकार (परोक्ष अनद्यतन भूतकाल) – Litkar (Indirect Past Tense)

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष बभूव बभूवतुः बभूवुः
मध्यम पुरुष बभूविथ बभूवथुः बभूव
उत्तम पुरुष बभूव बभूविव बभूविम

लृट् लकार (सामान्य भविष्यत्काल) – Latkar (Common Future)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष भविष्यति भविष्यतः भविष्यन्ति
मध्यम पुरुष भविष्यसि भविष्यथः भविष्यथ
उत्तम पुरुष भविष्यामि भविष्यावः भविष्यामः

लुट् लकार (अनद्यतन भविष्यत्काल) – Lutkar (Update Future)

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष भविता भवितारौ भवितारः
मध्यम पुरुष भवितासि भवितास्थः भवितास्थ
उत्तम पुरुष भवितास्मि भवितास्वः भवितास्मः

लुङ् लकार (हतुहेतुमद् भविष्यत्काल) – Looker Permissible Future

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष अभविष्यत् अभविष्यताम् अंभविष्यन्
मध्यम पुरुष अभविष्यः अभविष्यतम् अभविष्यत
उत्तम पुरुष अभविष्यम् अभविष्याव अभविष्याम

लोट् लकार (आदेश आदि) – Lottery (Order Etc.)

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष भवतु भवताम् भवन्तु
मध्यम पुरुष भव भवतम् भवत
उत्तम पुरुष भवानि भवाव भवाम

विधिलिङ् (अनुज्ञा-विधि आदि) – Law (License Method Etc.)

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष भवेत् भवेताम् भवेयुः
मध्यम पुरुष भवेः भवेतम् भवेत
उत्तम पुरुष भवेयम् भवेव भवेम

आशीर्लिङ् (आशीर्वाद-कल्याण-कामना) – Aashirli (Blessings-Welfare-Wish)

पुरुष एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुष भूयात् भूयास्ताम् भूयासुः
मध्यम पुरुष भूयाः भूयास्तम् भूयास्त
उत्तम पुरुष भूयासम् भूयास्व भूयास्म

उपर्युक्त 10 लकारों में अन्य धातुओं के रूप भी इसी प्रकार चलेंगे और अंतर केवल धातु-गणों के अपने-अपने विकरण के कारण पड़ेगा। नीचे अन्य धातु-पदों की अपेक्षित छह लकारों में ही रूपावलि दी जा रही है।

  1. पठ् (=पढ़ना)
  2. गम् (= जाना)
  3. स्था (= ठहरना, स्थित होना, रहना)
  4. पा (= पीना)