Atishayokti Alankar In Sanskrit - अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण - (संस्कृत व्याकरण)

अतिशयोक्ति अलंकार – Atishayokti Alankar In Sanskrit

अतिशयोक्ति अलंकार: जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु आदि को गुण, रूप सौंदर्य आदि का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए कि जिस पर विश्वास करना कठिन हो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है; जैसे

एक दिन राम पतंग उड़ाई। देवलोक में पहुँची जाई।।

यहाँ राम द्वारा पतंग उड़ाने का वर्णन तो ठीक है पर पतंग का उड़ते-उड़ते स्वर्ग में पहुँच जाने का वर्णन बहुत बढ़ाकर किया गया। इस पर विश्वास करना कठिन हो रहा है। अत: अतिशयोक्ति अलंकार।

अतिशयोक्ति अलंकार अन्य उदाहरण – Examples Of Atishayokti Alankar

  • देख लो साकेत नगरी है यही
    स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।
    यहाँ साकेत नगरी की तुलना स्वर्ग की समृद्धि से करने का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन है।
  • हनूमान की पूँछ में लगन न पाई आग।
    सिगरी लंका जल गई, गए निशाचर भाग।
    हनुमान की पूंछ में आग लगाने से पूर्व ही सोने की लंका का जलकर राख होने का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन है।
  • देखि सुदामा की दीन दशा करुना करिके करुना निधि रोए।
    सुदामा की दरिद्रावस्था को देखकर कृष्ण का रोना और उनकी आँखों से इतने आँसू गिरना कि उससे पैर धोने के वर्णन में अतिशयोक्ति है। अतः अतिशयोक्ति अलंकार है।

Atishayokti Alankar In Sanskrit